इंदौर। देशभर में बड़े पैमाने पर हो रहे वनों के विनाश के साथ वातावरण में घटती ऑक्सीजन से चिंतित इंदौर के कई समाजसेवी अब मौसमी फलों के बीजों से पौधे तैयार कर शहर के पर्यावरण प्रेमियों को बांट रहे हैं. इस बार गर्मियों के सीजन में फिर बड़े पैमाने पर आम की गुठलियों से शहर की नर्सरियों में पौधे तैयार करने के अभियान की शुरुआत की गई है.
दरअसल इंदौर की पर्यावरण संस्था वाइल्ड वॉरियर्स द्वारा फलों के बीजों से सीड बॉल के जरिए पौधे तैयार करने का काम किया जाता है इसके लिए संस्था द्वारा मौसमी फलों के बीजों का शहर भर से संग्रहण किया जाता है इस बीच हाल ही में इस संस्था के प्रतिनिधि अब शहर के उन जूस विक्रेताओं के पास पहुंच रहे हैं जो अब तक आम, चीकू, मोसंबी, सीताफल से जूस तैयार करने के बाद उनके बीजों को फेंक देते थे, लिहाजा अब शहर के जूस विक्रेता और संस्था की पहल से बारिश के सीजन में आम के सैकड़ों पौधे तैयार करने की प्लानिंग की गई है. इसके लिए सागर जूस सेंटर के राजू सागर ने पहली बार संस्था को 30 कैरेट आम की गुठली तैयार की है जिन्हें बारिश के सीजन में सीड बॉल के जरिए पौधों में तैयार कर लिया जाएगा इसके बाद यह संस्था बारी बारी से पौधे जूस सेंटर पर निशुल्क वितरित करेगी, जिसे पर्यावरण प्रेमियों और आम के पौधे लगाने के इच्छुक शहर वासियों को निशुल्क दिया जाएगा.
पर्यावरण बचाने के लिए लोगों की अच्छी पहल, 1100 पौधे लगाने का रखा लक्ष्य
बीज लाओ और पौधा ले जाओ
सामाजिक संस्था करुणा सागर के संचालक राजू सागर द्वारा अब 'बीज लाओ और पौधे ले जाओ' मुहिम के तहत शहर के नागरिकों और जूस के ग्राहकों से बीज एकत्रित करने का फैसला किया है इसके अलावा शहर के जो लोग अपने बीजों से पौधे तैयार कराना चाहते हैं उनके लिए भी पौधे तैयार करने की निशुल्क सुविधाएं दी जा रही है लिहाजा जिन लोगों के घरों में किसी भी फल के बीज एकत्र हैं या उनके द्वारा नहीं फेंके गए हैं वह संस्था को पौधे तैयार करने के लिए निशुल्क दे सकेंगे, एक महीने बाद पौधे तैयार करके संबंधित लोगों को लौटाए जा सकेंगे.
यह होता है सीड बॉल
वाइल्ड वॉरियर्स के मुकेश गुप्ता बताते हैं कि सीड बॉल एक तरह से उर्वरक खाद और प्राकृतिक कीटनाशक से तैयार मिट्टी की एक छोटी सी गेंद नुमा बॉल होती है जिसमें संबंधित फल के बीज अंदर होते हैं बारिश के दिनों में जब इस सीड बॉल में पानी या नमी लगती है तो इसके अंदर मौजूद बीज अंकुरित हो जाता है सीड बॉल के कारण ही अंकुरित बीज को खाद और उपयुक्त कीटनाशक मौके पर ही मिल जाता है तो यह पौधा तेजी से बढ़कर विकसित हो जाता है.