इंदौर(Indore)। विजय नगर थाना क्षेत्र में गैंगवार की घटना सामने आई है.जहां किसी बात को लेकर शराब कारोबारियों के दो गुटों के बीच विवाद हो गया. मामले में एक शराब कारोबारी ने दूसरे शराब कारोबारी पर गोली चला दी. गोली लगने से घायल हुए युवक को इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. वहीं पूरे ही मामले में पुलिस जांच पड़ताल में जुटी गई है.
विवाद के बीच चली गोली
शराब कारोबारी हेमू ठाकुर और अर्जुन ठाकुर में शराब दुकान को लेकर विवाद हुआ. विवाद के बाद दोनों शराब कारोबारियों की मीटिंग इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र स्थित सिंडिकेट के ऑफिस पर रखी गई थी.सिंडिकेट के ऑफिस में दूसरे शराब कारोबारी भी मौजूद थे.इसी दौरान अर्जुन ठाकुर और हेमू ठाकुर में शराब की दुकान को लेकर जो विवाद था वह बढ़ गया. विवाद के दौरान हेमू ठाकुर ने अर्जुन ठाकुर पर बंदूक से फायर कर दिया. जिसके कारण अर्जुन ठाकुर को गंभीर चोट आई और उसे इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. वहीं जैसे ही यह पूरी घटना सामने आई पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए पूरे मामले में घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है .पुलिस ने अर्जुन ठाकुर की शिकायत पर पूरे मामले में सतीश भाऊ ,हेमू ठाकुर, चिंटु ठाकुर, सहित अन्य लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज तलाश शुरु कर दी है.
घायल ने दिया बयान
घायल अर्जुन ठाकुर के मुताबिक मीटिंग में काफी देर से बैठ हुए थे. जिसके बाद चिंटु ठाकुर हेमू ठाकुर के साथ आए. कुछ देर बाद चिंटु ठाकुर ने मुझे पर फायर कर दिया . घायल के मुताबिक विवाद गांधीनगर की दुकान को लेकर हुआ था.
आरोपियों पर दस हजार का इनाम
शराब कारोबारी अर्जुन ठाकुर को गोली से मारने के प्रयास के मामले में पुलिस ने हेमू ठाकुर ,चिंटू ठाकुर और सतीश भाऊ सहित अन्य पर 10 हजार के इनाम की घोषणा की है.इंदौर नगर निगम को पत्र लिखकर आरोपियों की संपत्ति के बारे में भी जानकारी मांगी है. बता दे इंदौर पुलिस इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कर रही है और इन पर एनएसए की कार्रवाई भी की जाएगी. इसी के साथ जो भी इनकी संपत्ति शहर में अवैध काम कर बनाई गई है उन पर अतिक्रमण की कार्रवाई भी की जाएगी.
मुनाफा कम मिलने के कारण हुआ गैंगवार
बता दे यह पूरा घटनाक्रम मुनाफा नहीं मिलने के कारण हुआ है. बता दे सेडिकेट के द्वारा 980 करोड़ रुपए का खेल खेला जा रहा है. जिसमें छोटे शराब कारोबारी भी शामिल है लेकिन मुनाफा नहीं मिलने के कारण अब पूरे शराब के खेल में गैंगवार की घटना खुलकर सामने आ चुकी है.पूरे शराब के खेल को लेकर सेंडिकेट के गठन में छोटे व्यापारियों का 30% का हिस्सा दांव पर लगा हुआ है अब यही खेल आतंक का पर्याय बनता हुआ नजर आ रहा है. जिला प्रशासन ने इनके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की कर रहा है तो वहीं नगर निगम से इनकी संपत्तियों के बारे में ब्यौरा भी मांगा जा रहा है उसी के आधार पर आने वाले दिनों पर इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कई नाम आए सामने
मामले में शराब माफिया पिंटू भाटिया द्वारा हुए नुकसान की पूर्ति के लिए रमेशचंद्र राय और मनोज नामदेव को सेंडिकेट में शामिल कराया गया.32 अन्य पार्टनर जिनके करीब 980 करोड़ रुपए जिले की शराब ठेके में पैसा लगा हुआ है. उसमें पिंटू भाटिया 25% रमेशचंद्र राय 25% मनोज नामदेव 11% और अर्जुन ठाकुर 7% का पार्टनर है. बाकी अन्य छोटे शराब ठेकेदार भी इस सिंडिकेट में शामिल है यही असल वजह है कि इसमें बड़े शराब कारोबारी और छोटे कारोबारी के बीच विवाद हो रहे हैं.
लॉकडाउन के शराब दुकानें बंद होने से सेंडिकेट में लगा पैसा
कोरोना महामारी के दौरान काफी दिनों तक शराब दुकानें बंद रही. जिसके कारण शराब कारोबारी भी काफी प्रभावित हुए हैं. बड़े शराब कारोबारियों ने सेंडिकेट में काफी रुपए लगाया हुआ था. 2 सालों से कोरोना महामारी के कारण जिस तरह से शराब की दुकानें बंद रही उसके कारण काफी आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं और इसी को देखते हुए उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है और इसी नुकसान की भरपाई के कारण कई बड़े शराब माफिया इस सेंडिकेट से दूर भागने लगे हैं. इसी नुकसान की भरपाई करने के लिए पिंटू भाटिया ने मैदान संभाला और उसके बाद मुख्य शराब सप्लायर एके सिंह , अल्पेश और नन्हे सिंह की एंट्री सिंडिकेट में कराई. शराब कारोबार में बड़े शराब कारोबारी शामिल थे. उन्हें 70% की हिस्सेदारी सेंडिकेट में दे दी. शराब कारोबारियों का छोटा व्यापार था तो उन्हें 30% की हिस्सेदारी दे दी गई .फरियादी अर्जुन ठाकुर भी इस सिंडिकेट में 7% का हिस्सेदार है और उससे भी नीचे के कई ऐसे शराब कारोबारी है जो इस पूरे मामले में दो या तीन प्रतिशत के हिस्सेदार हैं.
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फरियादी के पिता ने की थी सेंडिकेट की स्थापना
इंदौर शहर में सेंडिकेट की स्थापना अर्जुन ठाकुर के पिता वीरेंद्र ठाकुर ने की थी और वह इंदौर के साथ ही प्रदेश में भी बड़े शराब कारोबारी रहे हैं. इसी के साथ इंदौर शहर के साथ ही प्रदेश में कई जगह पर वीरेंद्र ठाकुर और नागेंद्र ठाकुर की शराब कारोबारियों में जमकर तूती बोलती थी. लेकिन कुछ दिनों पहले नागेंद्र ठाकुर और वीरेंद्र ठाकुर की मौत हो गई थी. इसके बाद अर्जुन ठाकुर ने ही उनका काम संभाल लिया था .यह भी बताया जाता है कि जिस हेमू ठाकुर ने अर्जुन ठाकुर पर हमला किया उसे अर्जुन के पिता वीरेंद्र ठाकुर ही इस शराब कारोबार में लेकर आए थे. पहले हेमू ठाकुर अवैध शराब बेचता था. लेकिन वीरेंद्र ठाकुर के जब संपर्क में आया तो उन्होंने उसे अहाता सहित अन्य शराब के कारोबार की जानकारी दी जिसके बाद उसने भी शराब कारोबारियों के बीच अपनी पैठ बना ली.
यह है विवाद का कारण
बता दें हेमू ठाकुर और अर्जुन ठाकुर के बीच विवाद की शुरुआत गांधीनगर स्थित शराब दुकान से हुई थी .बता दे पूर्व में यह दुकान अर्जुन ठाकुर के पास थी और अर्जुन ठाकुर और एक अन्य पार्टनर दुकान के संचालक हुआ करते थे. लेकिन पिछले दिनों अर्जुन ठाकुर के एक पार्टनर ने इस दुकान का संचालक हेमू ठाकुर को सुपुर्द कर दिया था. हेमू ठाकुर अपने साथियों के साथ गांधीनगर स्थित शराब की दुकान पर पहुंचा और जहां पर अर्जुन ठाकुर के पिता वीरेंद्र ठाकुर का फोटो टंगा हुआ था. जिसे हेमू ठाकुर ने नीचे उतार कर रख दिया था. जब इस बात की जानकारी अर्जुन ठाकुर को लगी तो दोनों के बीच विवाद हुआ और विवाद के बाद ही इस पूरे मामले में राजीनामे के लिए बैठक विजय नगर स्थित सेंडिकेट के ऑफिस में रखी गई थी वहीं इसी दौरान हेमू ठाकुर ने अपने अन्य साथियों के वहां पर पहुंचा और अर्जुन ठाकुर पर बंदूक से हमला कर घटना को अंजाम देकर फरार हो गया.