इंदौर। डेढ़ साल पहले इंदौर क्राइम ब्रांच और लसूड़िया पुलिस ने संयुक्त करवाई करते हुए इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर पर दबिश दी थी. इस दौरान कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से एडवाइजरी के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही थी. इस मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था तो कुछ आरोपी लगातार फरार चल रहे थे. अब पुलिस ने डेढ़ साल बाद फर्जी एडवाइजरी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी करण भट्ट को गिरफ्तार कर लिया है.
एफबीआई ने दी थी जानकारी : आरोपी के बारे में जानकारी इंदौर क्राइम ब्रांच को पिछले दिनों एफबीआई द्वारा सौंपी गई थी. तभी से पुलिस छापे मार रही थी. उस समय 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सरगना करण भट्ट लगातार फरार चल रहा था. इंदौर क्राइम ब्रांच ने उस पर 5000 का इनाम भी घोषित किया हुआ था. इंदौर क्राइम ब्रांच करण भट्ट को विभिन्न जगह तलाश रही थी. इंदौर पुलिस के कई अधिकारी और पुलिस कर्मियों की मिलीभगत के कारण उस पर इनाम घोषित नहीं हो पा रहा था.
सरगना पर 5 हजार इनाम घोषित था : पिछले दिनों जब डीसीपी ने इस पूरे मामले में आरोपी करण भट्ट पर 5000 का इनाम घोषित किया तो पुलिस कर्मियों ने उसे उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया है. इस आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसे जब इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी लगी तो वह मोबाइल बंद कर कर देश के अलग-अलग राज्यों में घूमने लगा. आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि गुजरात के रहने वाले एक युवक के साथ पार्टनरशिप कर के इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में कॉल सेंटर के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी का प्लान बनाया था.
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मुख्य आरोपी से कड़ी पूछताछ : इस प्लान के तहत कई अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन का अधिकारी बताते हुए विभिन्न मामलों में फंसाने के नाम पर लाखों रुपए के वसूल भी चुके हैं. इस मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल का कहना है कि मुख्य आरोपी से कई राज खुलेंगे. पुलिस को उम्मीद है कि इस पूरे मामले में कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं. (Gang leader arrested for cheating) (Cheating US citizens in name of advisory) (FBI gave information to Indore police)