इंदौर। भारतीय जनता पार्टी इन दिनों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल पर कई कार्यक्रम करा रही है. हर जगह बीजेपी नेता इन दोनों का गुणगान करते नजर आ रहे हैं. इसे देख अब कांग्रेस से जुड़े गांधीवादी नेता महात्मा गांधी को कांग्रेस की विरासत बताते हुए सांप्रदायिक सद्भाव के लिए गांधी दर्शन पर यात्रा निकाल रहे हैं. मालवा अंचल में बीते 20 साल के दौरान निकल रही पहली सबसे लंबी दूरी की यात्रा की शुरुआत आज इंदौर के रीगल चौराहे से हुई है. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर, गांधीवादी विचारक चिन्मय मिश्र समेत शहरवासी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव की अगुवाई में यात्रा
कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव की अगुवाई में निकाली जा रही गांधी दर्शन पर यात्रा का समापन 27 नवंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में भोपाल में होगा. कांग्रेस का मानना है कि वर्तमान में नाथूराम गोडसे जैसे लोगों की पूजा करने वाली सांप्रदायिक ताकतों के रहते देश में सद्भाव के लिए गांधी दर्शन ही एकमात्र रास्ता है. ऐसे में सभी गांधीवादी ताकतों को एकजुट होकर सांप्रदायिक सद्भाव के लिए पहल करनी चाहिए.
झांकियां भी की जा रहीं प्रदर्शित
यही वजह है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव की पहल पर प्रदेश कांग्रेस और खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस यात्रा को निकालने के लिए हरी झंडी दी है. कांग्रेस का कहना है कि गांधी जी की जयंती के 150 वर्ष पूर्ण होने पर यात्रा की शुरुआत हुई. इस यात्रा में करीब 2 गांधीवादी विचारकों के साथ गांधी जी की झांकियां प्रदर्शित की जा रही हैं.
गांधी दर्शन यात्रा के दौरान क्या-क्या होगा
इसके अलावा गांधी दर्शन यात्रा में गांधी के सिद्धांतों और भजनों को प्रदर्शित करता गांधी संदेश वाहन भी शामिल हैं, जिसमें विशाल गांधी जी की प्रतिमा चरखे पर सूत काटते हुए नजर आ रहे हैं. इस पदयात्रा में शामिल सभी लोग प्रतिदिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक यात्रा करेंगे. इसके बाद स्थानीय स्तर पर ही विश्राम के दौरान जन जागरूकता गांधी प्रदर्शनी समेत विभिन्न आयोजन होंगे. इस दौरान यात्रा मार्ग में नुक्कड़ नाटकों की भी प्रस्तुति दी जाएगी.
ऐसी रहेगी यात्रा
यात्रा मार्ग के दौरान देवास सोनकच्छ मेहत वाडा आष्टा अमलाई सीहोर सहित अन्य क्षेत्रों के कस्बों से भी गांधी दर्शन पदयात्रा गुजरेगी, जहां लोगों को गांधी के सिद्धांतों और सब मार्गों पर चलने के लिए गांधीवादी चिंता को द्वारा प्रेरित किया जाएगा. 27 नवंबर को सुबह 9:00 बजे भोपाल बाईपास चौराहे से पदयात्रा पॉलिटेक्निक चौराहा पहुंचेगी, जहां गांधी भवन पर शाम 4:00 बजे जय यात्रा मुख्यमंत्री कमलनाथ के उद्बोधन और मार्गदर्शन तथा अभिवादन के साथ संपन्न होगी.