इंदौर। देश की सबसे स्वच्छ नगरी इंदौर अब उन गरीब छात्रों के लिए भी वरदान साबित हो रही है. जो गरीबी और मुफलिसी के कारण किताबों की कमी के चलते पढ़ नहीं पाते. यहां एक ऐसा मंच विकसित किया गया है, जहां अनुपयोगी पुस्तकों को एक स्थान पर एकत्र करके उन्हें जरूरतमंद बच्चों को बांटने का काम किया जाता है.
दरअसल शिक्षा की दीवार कहे जाने वाले इस स्थान पर आज समारोह पूर्वक 23 बच्चों को उनकी जरूरत के मुताबिक किताबें निशुल्क मुहैया कराई गई. इनमें कुछ बच्चे ऐसे भी थे. जो अपने माता-पिता की मजबूरी के कारण किताबें खरीद पाने में असमर्थ थे. लिहाजा आज उन तमाम बच्चों को संस्कार संस्कृति के माध्यम से उनकी जरूरत की किताबें सौंपी गई. दरअसल शिक्षा की दीवार पर कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की पुस्तकें निशुल्क मुहैया कराई जाती है.जो पाठ्यक्रमों में अभी चल रहा है.
गौरतलब है 25 दिसंबर को अटल जयंती के अवसर पर शहर की स्मार्ट सड़क पर शिक्षा की दीवार स्थापित की गई थी. जहां अब तक शहर भर के लोग किताबों का दान करते हैं.
आईएएस के लिए छात्रा को सौंपी गई किताबें
पुस्तक वितरण के अवसर पर निकाली गई पर्ची में से एक पर्ची ऐसी भी मिली, जिसमें एक गरीब छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षा के लिए पुस्तक की जरूरत थी. लिहाजा संस्था के माध्यम से आज उस छात्रा को भी निशुल्क जरूरत की पुस्तकें सौंपी गई. बताया जाता है कि जरूरतमंद छात्रा के पिता टाइल्स का काम करते हैं, जो अपनी बच्ची के लिए किताबें खरीद पाने में असमर्थ थे.