इंदौर। जरूरतमंद और मेधावी बच्चों की पढ़ाई में किताबों की कमी बाधा न बने. इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अनूठा प्रयास किया है. अभी तक आपने नेकी की दीवार का नाम सुना होगा, जहां कपड़े व अन्य दूसरी जरूरत के सामान मिलते हैं. लेकिन शहर में शिक्षा की दीवार बनाई जा रही है. जिसकी शुरूआत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर हुई. आदर्श ग्रेटर कैलाश रोड पर ये दीवार बनाई गई है. यहां पर लोग अपने बच्चों की अनुपयोगी कॉपी-किताबें व स्टेशनरी आइटम देकर जा सकेंगे. ये शिक्षण सामग्री जरूरतमंद बच्चों को दी जाएगी. ताकि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.
पूर्व पार्षद दिलीप शर्मा ने बताया कि 'शिक्षा की दीवार' पर हम एक बॉक्स भी लगाएंगे. इस बॉक्स में जरूरतमंद छात्र को अपनी पढ़ाई संबंधित जिस भी विषय की किताबों की जरूरत होगी, उसकी जानकारी देंगे. नाम और मोबाइल नंबर एक पर्ची में लिखकर इस बॉक्स में डालेंगे. फिर संस्था अपने स्तर पर किताबें उस बच्चे तक पहुंचाएगी.
जिन छात्रों को ये किताबें दी जाएंगी, उनसे कहा जाएगा कि पढ़ाई पूरी होने के बाद वे किताबें फिर से शिक्षा की दीवार के पास छोड़कर चला जाएं, ताकि इन किताबों को अन्य जरूरतमंद विद्यार्थियों को दिया जा सके.
हालांकि इस दौरान ये भी देखने को मिला की शिक्षा की दीवार पर जो कॉपी रखीं गईं थीं, उनके कवर पेज पर बीजेपी नेताओं की फोटो मौजूद थीं. पूरा रैक इन्हीं कॉपी से भरा पड़ा था.