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राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने जताया शोक

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की हैं. सुमित्रा महाजन ने लालजी टंडन के साथ के एक प्रसंग को भी साझा करते हुए कहा कि, वे बीजेपी के वरिष्ठ नेता थे और उनकी कमी हमेशा रहेगी.

Sumitra Mahajan
सुमित्रा महाजन
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Published : Jul 21, 2020, 12:24 PM IST

इंदौर। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया है. सुमित्रा महाजन ने कहा कि, लालजी टंडन एक परिवार की तरह ही रहते थे, उनका हमेशा सांस्कृतिक दृष्टिकोण ही रहता था. उन्होंने कहा कि, लालजी टंडन बीजेपी के वरिष्ठ नेता थे और उनकी कमी हमेशा रहेगी.

पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन

सुमित्रा महाजन ने कहा कि, लालजी टंडन ने लखनऊ पर एक किताब लिखी थी, जिसमें लखनऊ की विशेषताएं और उसका इतिहास था. साथ ही लखनऊ में उन्होंने जो सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया वो भी उनकी सोच का ही नतीजा था.

एक प्रसंग को याद करते हुए ताई ने कहा कि, 'एक बार लालजी टंडन ने इत्र की शीशी सभी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भेंट की थी. उसे देखकर ताई को भी लगा कि, वो भी क्यों ना ऐसे इत्र की शीशियां सभी को भेंट करें, इसके लिए उन्होंने लालजी टंडन से बात की थी और पूछा था कि, ये शीशियां कहां से उपलब्ध हो सकती हैं. इस बात पर लालजी टंडन ने खुद ही इत्र की शीशियां उपलब्ध करा दी थी.

ये भी पढ़ें- राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, MP में 5 दिन का राजकीय शोक
बता दें, मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी की टीम के नेता माने जाते थे. इन्हीं के साथ इंदौर के पूर्व सांसद और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी राष्ट्रीय स्तर पर काम किया है.

इंदौर। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया है. सुमित्रा महाजन ने कहा कि, लालजी टंडन एक परिवार की तरह ही रहते थे, उनका हमेशा सांस्कृतिक दृष्टिकोण ही रहता था. उन्होंने कहा कि, लालजी टंडन बीजेपी के वरिष्ठ नेता थे और उनकी कमी हमेशा रहेगी.

पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन

सुमित्रा महाजन ने कहा कि, लालजी टंडन ने लखनऊ पर एक किताब लिखी थी, जिसमें लखनऊ की विशेषताएं और उसका इतिहास था. साथ ही लखनऊ में उन्होंने जो सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया वो भी उनकी सोच का ही नतीजा था.

एक प्रसंग को याद करते हुए ताई ने कहा कि, 'एक बार लालजी टंडन ने इत्र की शीशी सभी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भेंट की थी. उसे देखकर ताई को भी लगा कि, वो भी क्यों ना ऐसे इत्र की शीशियां सभी को भेंट करें, इसके लिए उन्होंने लालजी टंडन से बात की थी और पूछा था कि, ये शीशियां कहां से उपलब्ध हो सकती हैं. इस बात पर लालजी टंडन ने खुद ही इत्र की शीशियां उपलब्ध करा दी थी.

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बता दें, मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी की टीम के नेता माने जाते थे. इन्हीं के साथ इंदौर के पूर्व सांसद और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी राष्ट्रीय स्तर पर काम किया है.

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