इंदौर। कोरोना काल में डॉक्टर अपनी जान हथेली पर रखकर दूसरों की जान बचा रहे हैं, ऐसे ही एक डॉक्टर हैं, इंदौर के जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम विभाग में पदस्थ भरत वाजपेई, जो अपने जोश और जुनून से आज भी डॉक्टरों के लिए मिसाल बने हुए हैं, उम्र के इस पड़ाव में भी वो सतत पोस्टमार्टम करने में जुटे हुए हैं.
जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम विभाग में पदस्थ फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. भरत वाजपेई पिछले 14 सालों से अधिक समय से डॉक्टरी कर रहे हैं, यदि बात करें तो वे अब तक 12 हजार से अधिक पोस्टमार्टम करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं, वहीं उनके जोश और जुनून का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने जीवन काल में अभी तक किसी तरह की कोई छुट्टी नहीं ली. डॉ. भरत छुट्टी वाले दिन भी पोस्टमार्टम कर अपना फर्ज निभाते हैं.
उन्होंने अपने करियर में कभी कोई छुट्टी नहीं ली, लेकिन कुछ समय पहले उन्हें पैरालिसिस का अटैक आ गया था. जिसके चलते उन्हें एक महीने का रेस्ट लेना पड़ा, लेकिन पैरालिसिस को हराकर उन्होंने एक बार फिर पोस्टमार्टम विभाग की जवाबदारी संभाली और सतत अपने काम को अंजाम दे रहे हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ. भरत वाजपेई ने बताया कि जिस तरह से आज लॉकडाउन और कोरोना काल चल रहा है, उसको देखते हुए काफी एहतियात बरतते हुए वो पोस्टमार्टम कर रहे हैं.