इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में विकास की राह में आर्थिक कमजोरी सबसे बड़ी रुकावट बन कर सामने आ रही है. यहां पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर अपनी सरकार को सही साबित करने की कवायद कर रहे हैं. एक तरफ जहां शहर की महापौर प्रदेश सरकार पर क्षति पूर्ति की राशि में कटौती करने का आरोप लगा रही हैं, तो वहीं निगम की नेता प्रतिपक्ष केंद्र सरकार पर प्रदेश के साथ सोतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.
नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि, केंद्र से प्रदेश सरकार को मिलने वाली राशि में जो कटौती हुई है, उसके बारे में भाजपा खामोश है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, इसे लेकर ना तो शहर की महापौर आवाज उठा रही हैं और ना ही एमआईसी सदस्य.
नगर निगम में ठेकेदारों के पेमेंट को लेकर भी एक बड़ी समस्या आन पड़ी है, यही कारण है कि, शहर में चल रहे कई विकास कार्य रुकने लगे हैं और नगर निगम के पास पैसों की कमी होने के कारण ठेकेदारों का पेमेंट भी नहीं हो रहा है.