नई दिल्ली: केन्द्र सरकार पर अक्सर सरकारी एसेट्स को बेचने के आरोप लगते है. इसे लेकर अब देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुलासा किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार केवल अंडर-यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही बेचेगी लेकिन इसका हक सरकार के पास ही रहेगा. यानी सरकार एसेट्स को लीज पर देगी और प्राइवेट सेक्टर के पार्टनर्स को तय समय के बाद इसे वापस करना होगा.
कमाई को इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग में निवेश करेगी सरकार
वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) के लॉन्चिंग के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार कोई जमीन नहीं बेच रही है. NMP में यह बताया गया है कि कैसे एसेट्स को मोनीटाइज किया जा सकता है. इससे सरकार को जो कमाई होगी उसे इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग में निवेश किया जाएगा.
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3 सालों में 6 लाख करोड़ के एसेट्स बेचने की तैयारी
फाइनेंस मिनिस्ट्री से जारी बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022 से 2025 तक 6 लाख करोड़ रुपए के एसेट्स बेचे जाएंगे. इसमें रेलवे, बिजली, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, सिविल एविएशन, शिपिंग पोर्ट्स एंड वॉटरवेज, पाइपलाइन एंड नेचुरल गैस, टेलिकम्युनिकेशंस, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, माइनिंग, कोल और हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स जैसे कई मंत्रालयों को शामिल किया गया है.