इंदौर। देशभर में तपती गर्मी के दौरान खुद को गर्मी की चपेट से बचाने के लिए लोग ककड़ी-खीरा का ज्यादा सेवन करते हैं. वहीं खाने के साथ सलाद में स्वाद बढ़ाने वाली खीरा-ककड़ी और गर्मी के दिनों में लोगों को राहत पहुंचाने वाली खीरा-ककड़ी इन दिनों खेतों में ही सड़ रही है. लॉकडाउन के कारण मंडियां बंद हैं और किसान कई एकड़ों और बीघा में उगाई फसल के लिए पछता रहे हैं. लेकिन अब यही खेतों में पड़े-पड़े पक और सड़ रही खीरा-ककड़ियों का किसाने ने दूसरे तरीके से उपयोग करना शुरू कर दिया है.
देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन कर दिया गया. एक ओर जहां इसे लोगों के बचाव के लिए किया गया है वहीं इससे कई क्षेत्रों के लोग परेशान भी हो रहे हैं. अगर बात की जाए किसानों की तो लंबे लॉकडाउन का असर किसानों पर आसानी से देखा जा सकता है. कई किसानों ने कर्जा लेकर अपने खेतों में हरी सब्जियां मेहनत कर गई उगाई थी जो अब खराब हो रही हैं.
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इंदौर शहर से आसपास सटे गांवों में किसान काफी परेशान हैं क्योंकि किसानों ने बड़ी मात्रा में हरी सब्जियों की खेती की है, जो अब खराब होने की कगार पर पहुंच चुकी है. वहीं इंदौर से सटे गुर्दा खेड़ी के एक किसान ने अपने खेत में खीरा-ककड़ी लगाई थी, जो कि अब लॉकडाउन के कारण खेत में ही खड़ी-खड़ी खराब होने की कगार पर पहुंच गई हैं. वहीं जिस किसान ने मेहनत कर खीरा ककड़ी को लगाया था, वो अब उसका सदुपयोग करने के लिए उन्हीं खराब हो रही खीरा-ककड़ियों का उपयोग खाद बनाने में कर रहा है.
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एक्सपर्ट मनोज बाजपाई जी ने बताया कि जिन किसानों की हरी सब्जी खराब हो रही है, वो उसका सदुपयोग कर सकते हैं. वो अपनी फसलों की लागत को वसूल करने के लिए खेतों में खाद बनाने के लिए इन फसलों का उपयोग कर सकते हैं. किसान खराब फसलों का एक मिश्रण बनाकर इसको खेतों में खाद डाल सकते हैं. वहीं अलग-अलग सब्जियों का भी इसी तरीके से उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि निश्चित तौर पर किसानों को कुछ नुकसान की भरपाई इस तरह से हो सकती है.
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बता दें, किसानों के सामने अब आर्थिक परेशानियां भी खड़ी हो गई हैं. जिस तरह से किसानों को नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने के लिए अभी केंद्र और प्रदेश की सरकार आगे नहीं आई है, लेकिन किसान लगातार मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं.