इंदौर। भवर कुआं थाने के पुलिसकर्मी जिस मोबाइल नंबर सीरीज का प्रयोग करते हैं, उसी सीयूजी सीरीज वाले नंबर से एक व्यक्ति ने खुद को आईजी बताकर शराब ठेकेदार से 20000 रुपए की डिमांड कर दी. जिसकी सूचना शराब दुकान संचालक ने अधिकारियों को दी, इसके बाद फर्जी फोन कॉल की पड़ताल शुरू हुई, इस बावत पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है.
प्रथा की आड़ में पत्नी का सौदा! खरीददारों के साथ नहीं गई तो पति-ससुर ने पिटाई कर कुएं में फेंका
खुद को IG बता पुलिस को ऐसे दिया चकमा
भवर कुआं थाना क्षेत्र में मौजूद एफआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी जिस मोबाइल नंबर सीरीज का उपयोग करते हैं, उसी मोबाइल नंबर की सीरीज से फोन आया और संबंधित व्यक्ति ने पुलिसकर्मी को बतौर आईजी भोपाल अपना परिचय दिया, साथ ही उसने बहुत सारी जानकारी देते हुए क्षेत्र में ही मौजूद एक शराब दुकान के बारे में भी बताया और वहां जाकर बात करवाने की बात कही, इसके बाद एफआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी संबंधित शराब की दुकान पर गया और फोन पर उसकी बात कराई, जिस पर उससे पैसों की डिमांड की गई.
खुद को IG बता ठेकेदार से मांगा 20000
भोपाल से जिस व्यक्ति ने फोन किया था, उसने शराब ठेकेदार को आईजी बताया और 20000 रुपए की मांग की, साथ ही उसने एकाउंट नंबर भी दिया, बातचीत के दौरान ठेकेदार को कुछ शक हुआ तो उसने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी, जब फर्जी कॉल की पड़ताल की गई तो उस नाम के किसी आईजी का रिकॉर्ड ही नहीं मिला, जबकि जिस खाते में पैसा जमा कराना था, वह हैदराबाद का निकला. इसके बाद पुलिस ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है.
फेक कॉल का सिंगरौली-हैदराबाद कनेक्शन
पुलिस ने जब मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर की पड़ताल की तो बैंक अकाउंट हैदराबाद स्थिति किसी शाखा का निकला, जबकि मोबाइल नंबर की जांच की गई तो वह सिंगरौली के किसी व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. इसके बाद पुलिस टीम को जांच के लिए हैदराबाद और सिंगरौली रवाना किया गया है.
आईजी भोपाल राव के नाम से दिया परिचय
भवर कुआं थाना प्रभारी संतोष दूधी ने बताया कि आरक्षक को जिस व्यक्ति ने फोन लगाया था, उसने फोन पर अपना परिचय भोपाल आईजी राव के नाम पर दिया था, साथ ही उसने यह भी बताया था कि शराब ठेकेदार से उसका पर्सनल काम है, इसलिए शराब की दुकान पर जाकर संचालक संदीप से बात करा दो, इसके बाद आरक्षक दुकान संचालक संदीप के पास गया और फोन पर बात कराई. आईजी ने संचालक से कहा कि उसके परिचित एक हॉस्पिटल में भर्ती हैं और उनके इलाज के लिए बीस हजार रूपये की जरूरत है, तुम्हे एक बैंक एकाउंट नंबर भेजा है, उस पर ₹20000 ट्रांसफर कर दो.