इंदौर। प्रदेश के एकमात्र फ्लैशलाइट विश्वविद्यालय देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में करीब डेढ़ वर्ष बाद कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की गई. कार्य परिषद की बैठक में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति रेणु जैन, कुलसचिव डॉ. अनिल शर्मा सहित कार्य परिषद के सभी सदस्य मौजूद रहे. बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए एजेंडों को रखा गया.
डेढ़ वर्ष बाद हुई बैठक
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कहा कि कुलपति डॉ. जैन के अनुसार लंबे समय से कार्य परिषद की बैठक आयोजित की जानी थी. पूर्व में यह बैठक सितंबर माह में आयोजित की गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था. उस दौरान कार्यपरिषद की बैठक के लिए 12 मुद्दों पर एजेंडा तैयार किया गया था. स्थगन के बाद मिले समय में अन्य मुद्दों को भी जोड़ा गया, जिसके बाद बैठक में करीब 30 मुद्दे शामिल किए गए.
भवन निर्माण पर जताई सहमति
कार्यपरिषद की बैठक में वित्त समिति के प्रस्तावों को रखा गया, जिन्हें कार्य परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया. हालांकि बैठक के दौरान भवन समिति द्वारा भवन निर्माण को लेकर रखे गए प्रस्ताव को वर्तमान में रोका गया है.
स्ववित्त कर्मचारी और अतिथि शिक्षकों के वेतन के मुद्दे किए गए शामिल
कार्यपरिषद की बैठक में विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों के मानदेय का मुद्दा भी शामिल किया गया. परिषद की सहमति से इस मुद्दे पर चर्चा कर अतिथि शिक्षकों का मानदेय 35 हजार किया जाना तय किया गया. साथ ही विश्वविद्यालय के स्ववित्त कर्मचारियों के नियमितीकरण व अन्य मांगों पर भी चर्चा की गई है.
स्ववित्त कर्मचारियों को दिया जाएगा 30 फीसदी राइज
स्ववित्त कर्मचारियों द्वारा विश्वविद्यालय से 90% राइज देने की मांग की जा रही थी, लेकिन कार्यपरिषद की बैठक में 30% राइज देने का अनुमोदन किया गया है, जो नियमित वेतनमान के करीब 85% के सामान होता है, जिसे कार्यपरिषद की आम सहमति से अनुमोदित किया गया है.