इंदौर। कोरोना काल में संसाधनों और सुरक्षा के अभाव के बावजूद भी डॉक्टर मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं, वहीं, दूसरी ओर डॉक्टर प्रशासनिक अधिकारियों के अमर्यादित व्यवहार से भी दुखी हैं. यही वजह है कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्टर की प्रताड़ना से दुखी होकर इस्तीफा दे दिया. कलेक्टर के व्यवहार से आहत डॉक्टरों ने ऐलान कर दिया कि जब तक मनीष सिंह को इंदौर से नहीं हटाया जाता, तब तक डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. डॉक्टरों ने इस मामले से जुड़ा ज्ञापन संभाग आयुक्त को सौंपा हैं.
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
कलेक्टर मनीष सिंह ने महिला अधिकारी को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया था. इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. महिला अधिकारी के साथ हुए अभद्र व्यवहार को लेकर इंदौर के तमाम डॉक्टर्स भी लामबंद हो गए. सभी ने विचार-विमर्श कर तय किया कि जब तक कलेक्टर मनीष सिंह को इंदौर से हटाया नहीं जाता, तब तक वह ड्यूटी पर नहीं आयेंगे. लिहाजा सभी ने एक स्वास्थ्य परिवार नमक संस्था के नाम पर संभागायुक्त डॉ. प्रमोद शर्मा को ज्ञापन सौंपा हैं. संभाग आयुक्त के सामने सभी ने स्पष्ट किया कि जब तक कलेक्टर मनीष सिंह को नहीं हटाया जाता, तब तक वे कार्य पर उपस्थित नहीं होंगे. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर ड्यूटी नहीं करने पर उनके खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्रवाई की जाती हैं, तो यह आंदोलन उग्र हो जायेगा.
दूसरा मामला
शहर में यह दूसरा मामला हैं. कलेक्टर मनीष सिंह के हाथों लगातार दूसरी बार डॉक्टर को इस्तीफा तक देने के लिए मजबूर होना पड़ा हैं. इसके अलावा एक अन्य डॉक्टर ने भी एसडीएम के व्यवहार से दुखी होकर जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को अपना इस्तीफा भेजा हैं.
कलेक्टर मनीष सिंह का अमानवीय व्यवहार
दरअसल, आज बैठक के दौरान कलेक्टर मनीष सिंह ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी को इंदौर के स्थान पर खुडैल में जाकर व्यवस्थाएं संभालने के निर्देश दिए थे. बैठक के दौरान ही मनीष सिंह के निर्देश पर महिला अधिकारी ने खुडैल जाने को लेकर सहमति दी. इसके बावजूद कलेक्टर मनीष सिंह ने यह कहते हुए डॉक्टर को डांटना शुरू कर दिया कि वह कोई काम नहीं कर रही हैं. इतना ही नहीं कलेक्टर ने यहां तक कह दिया कि वह फ्री का वेतन ले रही हैं.
कलेक्टर ने दी थी सस्पेंड करने की धमकी
कलेक्टर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा की आपने काम नहीं किया, तो आप को सस्पेंड कर दूंगा. आप इंदौर में काम करने के लायक नहीं हों. इस बात से दुखी होकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने तत्काल अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया.