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कोरोना काल में सब्जी बेचने को मजबूर हुई डॉक्टर रईसा अंसारी, पढ़िए पूरी खबर

कोरोना वायरस के चलते लोगों की जिंदगी में उथल पुथल मचा हुआ है. इस संकटकाल में बेरोजगार हुई इंदौर की एक रिसर्च स्कॉलर आज सब्जी बेचने को मजबूर हो गई हैं. जिसकी जानकारी तब लगी जब डॉक्टर रईसा अंसारी ने फर्राटेदार अंग्रेजी में नगर निगम के कर्चारियों से बहस की. जानिए क्या है रईसा अंसारी की कहानी.

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Published : Jul 25, 2020, 2:11 PM IST

Raisa Ansari
डॉक्टर रईसा अंसारी

इंदौर। कहते है पेट की आग बुझाने के लिए कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता, ऐसा ही इंदौर की एक महिला रईसा अंसारी ने मिसाल पेश की है. जो इंदौर की पाटनीपुरा सब्जी मंडी में फल बेचने का काम करती हैं, लेकिन ये जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, कि रईसा अंसारी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से फिजिक्स में पीएचडी की है, जिनका पूरा नाम डॉक्टर रईसा अंसारी है.

डॉक्टर रईसा अंसारी

सब्जी वाली बोलती है फर्राटेदार अंग्रेजी

हाल ही में नगर निगम के अमले ने संक्रमण फैलने की आशंका में सड़क किनारे से सब्जी का ठेला हटा दिया था, जिसे लेकर रईसा ने नगर निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान रईसा ने सभी अधिकारियों से फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की, जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस विरोध प्रदर्शन के बाद रईसा को अपनी वास्तविक मजबूरी उजागर करनी पड़ी. इस दौरान रईसा अंसारी ने नगर निगम के अधिकारियों पर सब्जी विक्रेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया है. जब उनकी एजुकेशन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, वो एक रिसर्च स्कॉलर है.

कोरोना ने बदल दी जिंदगी

नगर निगम कर्मचारियों से विवाद

रईसा ने बताया कि, लॉकडाउन के पहले वो एक कॉलेज में प्रोफेसर थीं, नौकरी छूट जाने से परिवार का पेट पालने के लिए उन्हें अपने पिता के साथ मंडी में फल बेचने का काम संभालना पड़ा. वो इस धंधे को ही अपना भाग्य मानकर अपने परिवार का पेट पाल रही हैं. इसी दौरान गुरुवार को नगर निगम के रिमूवल अमले ने सड़क पर ठेला लगाने और एक दिन छोड़कर दुकानें खोलने संबंधी नियम का पालन नहीं करने पर रईसा को हाथ ठेले समेत खदेड़ने की कोशिश की. जहां रईसा का अधिकारियों से विवाद हो गया. इस विवाद में रईसा ने फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की, जिससे उसका व्यक्तित्व सार्वजनिक हो गया. हालांकि इसके बाद नगर निगम कर्मचारी उसका ठेला हटाए बिना ही लौट गए.

गरीबों की हालत बेहद खराब

रईसा ने बताया कि, इंदौर में गरीब तबके के लोगों के हालात बहुत खराब हैं, फल-सब्जी मंडियों से भी खरीददारों की भीड़ गायब हो गई है. ऐसे में गरीबों को अपना पेट पालना मुश्किल हो रहा है, तो वहीं नगर निगम कर्मचारी उन्हें नियम कानून बताकर खदेड़ने में लगे हैं. रईसा अंसारी ने कहा, देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति में गरीब हों, या अमीर कोई भी पैसा खर्च करने की स्थिति में नहीं है. इन हालातों के बावजूद गरीबों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वहीं रईसा का ठेला जब नहीं हटाया गया, तो उसने खुशी-खुशी सभी लोगों का आभार व्यक्त किया है.

गंभीर बीमारियों पर कर रही हैं शोध

रईसा अंसारी ने बताया कि, वो फिजिक्स के मैटेरियल साइंस से पीएचडी करने के बाद से कोविड-19 और कैंसर की दवा की खोज पर काम कर रही हैं. उसने मैटेरियल साइंस से जो कुछ सीखा और समझा है, उसी से वो इन गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए शोध कार्यों में जुटी हुई हैं.

इंदौर। कहते है पेट की आग बुझाने के लिए कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता, ऐसा ही इंदौर की एक महिला रईसा अंसारी ने मिसाल पेश की है. जो इंदौर की पाटनीपुरा सब्जी मंडी में फल बेचने का काम करती हैं, लेकिन ये जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, कि रईसा अंसारी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से फिजिक्स में पीएचडी की है, जिनका पूरा नाम डॉक्टर रईसा अंसारी है.

डॉक्टर रईसा अंसारी

सब्जी वाली बोलती है फर्राटेदार अंग्रेजी

हाल ही में नगर निगम के अमले ने संक्रमण फैलने की आशंका में सड़क किनारे से सब्जी का ठेला हटा दिया था, जिसे लेकर रईसा ने नगर निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान रईसा ने सभी अधिकारियों से फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की, जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस विरोध प्रदर्शन के बाद रईसा को अपनी वास्तविक मजबूरी उजागर करनी पड़ी. इस दौरान रईसा अंसारी ने नगर निगम के अधिकारियों पर सब्जी विक्रेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया है. जब उनकी एजुकेशन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, वो एक रिसर्च स्कॉलर है.

कोरोना ने बदल दी जिंदगी

नगर निगम कर्मचारियों से विवाद

रईसा ने बताया कि, लॉकडाउन के पहले वो एक कॉलेज में प्रोफेसर थीं, नौकरी छूट जाने से परिवार का पेट पालने के लिए उन्हें अपने पिता के साथ मंडी में फल बेचने का काम संभालना पड़ा. वो इस धंधे को ही अपना भाग्य मानकर अपने परिवार का पेट पाल रही हैं. इसी दौरान गुरुवार को नगर निगम के रिमूवल अमले ने सड़क पर ठेला लगाने और एक दिन छोड़कर दुकानें खोलने संबंधी नियम का पालन नहीं करने पर रईसा को हाथ ठेले समेत खदेड़ने की कोशिश की. जहां रईसा का अधिकारियों से विवाद हो गया. इस विवाद में रईसा ने फर्राटेदार अंग्रेजी में बात की, जिससे उसका व्यक्तित्व सार्वजनिक हो गया. हालांकि इसके बाद नगर निगम कर्मचारी उसका ठेला हटाए बिना ही लौट गए.

गरीबों की हालत बेहद खराब

रईसा ने बताया कि, इंदौर में गरीब तबके के लोगों के हालात बहुत खराब हैं, फल-सब्जी मंडियों से भी खरीददारों की भीड़ गायब हो गई है. ऐसे में गरीबों को अपना पेट पालना मुश्किल हो रहा है, तो वहीं नगर निगम कर्मचारी उन्हें नियम कानून बताकर खदेड़ने में लगे हैं. रईसा अंसारी ने कहा, देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति में गरीब हों, या अमीर कोई भी पैसा खर्च करने की स्थिति में नहीं है. इन हालातों के बावजूद गरीबों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वहीं रईसा का ठेला जब नहीं हटाया गया, तो उसने खुशी-खुशी सभी लोगों का आभार व्यक्त किया है.

गंभीर बीमारियों पर कर रही हैं शोध

रईसा अंसारी ने बताया कि, वो फिजिक्स के मैटेरियल साइंस से पीएचडी करने के बाद से कोविड-19 और कैंसर की दवा की खोज पर काम कर रही हैं. उसने मैटेरियल साइंस से जो कुछ सीखा और समझा है, उसी से वो इन गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए शोध कार्यों में जुटी हुई हैं.

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