ETV Bharat / state

अपराध के खिलाफ मूक-बधिरों को मिलेगी 'आवाज', प्रत्येक थाने पर होगी डेस्क

इंदौर में मूक बधिरों की सुनवाई के लिए अब तक एकमात्र डेस्क थाना तुकोगंज पर मौजूद है, लेकिन अब इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले में मूक बधिरों की सुनवाई के लिए इस तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी.

Desk for deaf
मूक-बधिरों के लिए डेस्क
author img

By

Published : Jul 28, 2021, 5:02 PM IST

इंदौर। मूक बधिरों की सुनवाई के लिए एकमात्र थाना तुकोगंज पर मौजूद है, लेकिन अब इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले में मूक बधिरों की सुनवाई के लिए इस तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी. शहर के आईजी इस पहल की शुरुआत करने वाले हैं.


इंदौर के प्रत्येक जिले में बनेगी डेस्क
इसके लिए बकायदा एनजीओ के साथ ही पुलिसकर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. आने वाले दिनों में प्रत्येक जिले में एक मूक बधिरों के लिए डेस्क की शुरुआत की जाएगी. बता दें कि काफी सालों पहले तुकोगंज पर मूक बधिरों की सुनवाई के लिए एक एनजीओ के माध्यम से एक डेस्क की शुरुआत की गई थी. इस डेस्क से मध्य प्रदेश के प्रत्येक थाने के मूक बधिरों की समस्याओं को सुना जाता था और उसका निराकरण किया जाता था.


आपराधिक मामलों में बढ़ोतरी
दरअसल, प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है, कई बार मूक बधिरों के साथ भी बदमाशों के द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे दिया जाता है. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनकी सहायता को ध्यान में रखते हुए ही इंदौर आईजी आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने ये अनूठी पहल की है.

एनजीओ की सहायता से होता है समाधान
इसके तहत 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को साइन लैंग्वेज की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे कि यदि कोई मूक बधिर थानों पर शिकायत लेकर आता है, तो संबंधित पुलिसकर्मी उसकी शिकायत का निराकरण कर सके. इस कार्य के लिए एनजीओ की सहायता भी ली जा रही है.

इन जिलों में बनेगी डेस्क
बता दें कि इंदौर संभाग में 8 जिले हैं जिसमें खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, इंदौर, धार, अलीराजपुर, बुरहानपुर और झाबुआ जिला शामिल हैं. इन सभी जिलों में एक मूक बधिर डेस्क बनाई जाएगी. ऐसे में पीड़ितों की सुनवाई आसानी से हो सके और इन डेस्क पर प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को बैठाया जाएगा.

मूक बधिरों की समस्या के लिए पहली डेस्क
बता दें कि तुकोगंज थाने पर सबसे पहले मूक बधिरों की समस्या की सुनवाई के डेस्क की शुरुआत की गई थी. यहां आनंद मूकबधिर संस्थान के संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित और उनकी पत्नी मोनिका पुरोहित के द्वारा इस डेस्क के माध्यम से मुक बधिरों की सुनवाई की जाती है. वहीं समय समय पर कई अन्य राज्यों की पुलिस भी इस डेस्क का निरीक्षण कर चुकी हैं.

इंदौर। मूक बधिरों की सुनवाई के लिए एकमात्र थाना तुकोगंज पर मौजूद है, लेकिन अब इंदौर संभाग के प्रत्येक जिले में मूक बधिरों की सुनवाई के लिए इस तरह की व्यवस्थाएं की जाएंगी. शहर के आईजी इस पहल की शुरुआत करने वाले हैं.


इंदौर के प्रत्येक जिले में बनेगी डेस्क
इसके लिए बकायदा एनजीओ के साथ ही पुलिसकर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. आने वाले दिनों में प्रत्येक जिले में एक मूक बधिरों के लिए डेस्क की शुरुआत की जाएगी. बता दें कि काफी सालों पहले तुकोगंज पर मूक बधिरों की सुनवाई के लिए एक एनजीओ के माध्यम से एक डेस्क की शुरुआत की गई थी. इस डेस्क से मध्य प्रदेश के प्रत्येक थाने के मूक बधिरों की समस्याओं को सुना जाता था और उसका निराकरण किया जाता था.


आपराधिक मामलों में बढ़ोतरी
दरअसल, प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है, कई बार मूक बधिरों के साथ भी बदमाशों के द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे दिया जाता है. जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनकी सहायता को ध्यान में रखते हुए ही इंदौर आईजी आईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने ये अनूठी पहल की है.

एनजीओ की सहायता से होता है समाधान
इसके तहत 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को साइन लैंग्वेज की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे कि यदि कोई मूक बधिर थानों पर शिकायत लेकर आता है, तो संबंधित पुलिसकर्मी उसकी शिकायत का निराकरण कर सके. इस कार्य के लिए एनजीओ की सहायता भी ली जा रही है.

इन जिलों में बनेगी डेस्क
बता दें कि इंदौर संभाग में 8 जिले हैं जिसमें खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, इंदौर, धार, अलीराजपुर, बुरहानपुर और झाबुआ जिला शामिल हैं. इन सभी जिलों में एक मूक बधिर डेस्क बनाई जाएगी. ऐसे में पीड़ितों की सुनवाई आसानी से हो सके और इन डेस्क पर प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को बैठाया जाएगा.

मूक बधिरों की समस्या के लिए पहली डेस्क
बता दें कि तुकोगंज थाने पर सबसे पहले मूक बधिरों की समस्या की सुनवाई के डेस्क की शुरुआत की गई थी. यहां आनंद मूकबधिर संस्थान के संचालक ज्ञानेंद्र पुरोहित और उनकी पत्नी मोनिका पुरोहित के द्वारा इस डेस्क के माध्यम से मुक बधिरों की सुनवाई की जाती है. वहीं समय समय पर कई अन्य राज्यों की पुलिस भी इस डेस्क का निरीक्षण कर चुकी हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.