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इंदौर का एरोड्रम थाना बना मिसाल, जहां लगातार गिर रहा महिला अपराधों का ग्राफ - इंदौर में महिला अपराधों का ग्राफ

पूरे देश में जहां महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं इंदौर के एरोड्रम थाने में महिला अपराधों का ग्राफ काफी कम है. एरोड्रम थाना पुलिस की ये पहल बाकी थानों के लिए भी मिसाल है.

The falling graph of female crimes
महिला अपराधों का गिर रहा ग्राफ
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Published : Feb 8, 2020, 12:01 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 12:25 PM IST

इंदौर। देश में महिला अपराधों के ग्राफ की समीक्षा की जाए तो मध्यप्रदेश उस ग्राफ में अव्वल नंबर पर है. शहर की बात की जाए तो यहां लगभग 42 से ज्यादा थाने हैं, जहां महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन शहर के एरोड्रम थाने में महिला अपराध का ग्राफ सबसे कम रहा है. यहां पिछले चार सालों में महिला अपराधों में कई धाराओं के तहत काफी कम प्रकरण दर्ज किए गए हैं. धारा 498, 354, 376 के तहत एरोड्रम पुलिस ने सबसे कम प्रकरण दर्ज किए हैं.

महिला अपराधों का गिर रहा ग्राफ

जानें धाराएं-

  • धारा 498 में दहेज संबंधी मामले आते हैं.
  • धारा 354 में छेड़छाड़ व अन्य तरह की घटनाएं शामिल होती हैं.
  • धारा 376 में रेप की घटनाओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है.

प्रकरणों के आकड़ों पर एक नजर-

  • साल 2016 में धारा 498 के तहत महज तीन ही प्रकरण दर्ज किए गए थे.
  • इसी साल धारा 354 के तहत 15 प्रकरण दर्ज किए गए थे.
  • इसके अलावा धारा 376 के तहत साल 2016 में सिर्फ12 प्रकरण इंदौर की एरोड्रम पुलिस ने दर्ज किया था.
  • साल 2017 की बात करें तो धारा 498 के तहत एरोड्रम पुलिस ने 15 प्रकरण दर्ज किए थे.
  • वहीं इसी साल धारा 354 में 19 और धारा 376 में 14 प्रकरण दर्ज किए हैं.
  • साल 2018 में भी एरोड्रम पुलिस का ग्राफ दूसरे थानों के मुकाबले काफी कम रहा.
  • धारा 498 में 17 प्रकरण, धारा 354 में 27 प्रकरण और धारा 376 में 15 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
  • साल 2019 की बात करें तो तीनों ही धाराएं 498, 354 और 376 में मात्र चार प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
  • वहीं साल 2020 में एक महीने बीतने तक एक भी महिला अपराध से संबंधित मामला एरोड्रम थाने नहीं पहुंचा है.

आमने-सामने बैठाकर की जाती है दोनों पक्षों से बात

थाने पर मौजूद स्टाफ का कहना है कि जब कोई महिला थाने पर शिकायत लेकर आती है तो कई तरह के आवेदन में गंभीर बातों का जिक्र रहता है. उससे संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी जाती है. फिर शिकायतकर्ता महिला से काफी देर तक बातचीत की जाती है, बातचीत में कई बातों का जिक्र महिला करती है, जिसके बाद आरोपी को थाने बुलाया जाता है. दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बात की जाती है. जिससे कई बार मुद्दे कुछ और ही निकलते हैं. कई बार महिलाएं शिकायत नहीं करने की बात कहकर राजीनामा कर निकल जाती हैं.

तीन बार करती है पुलिस काउंसिलिंग

एरोड्रम पुलिस के पास एक दिन में करीब 20 से 25 आवेदन आते हैं, जिनकी तीन तरीकों से काउंसलिंग की जाती है. काउंसलिंग के बाद मामला पुलिस अधिकारियों के सामने आ जाता है कि महिला किस संबंध में शिकायत करने आई है. अधिकतर मामलों में महिला गंभीर अपराधों में शिकायत करने आती हैं, लेकिन जब सामने वाले पक्ष को महिला के सामने खड़ा कर दिया जाता है तो मामला पारिवारिक, भूमि संबंधी या पैसों के लेनदेन से संबंधित निकलता है. जिसके बाद पूरे मामले में पुलिस महिलाओं को आश्वासन देती है, जबकि कई महिलाएं पुलिस से मिली समझाइश के बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं कराती और अपना आवेदन वापस लेकर चली जाती हैं.

इंदौर। देश में महिला अपराधों के ग्राफ की समीक्षा की जाए तो मध्यप्रदेश उस ग्राफ में अव्वल नंबर पर है. शहर की बात की जाए तो यहां लगभग 42 से ज्यादा थाने हैं, जहां महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन शहर के एरोड्रम थाने में महिला अपराध का ग्राफ सबसे कम रहा है. यहां पिछले चार सालों में महिला अपराधों में कई धाराओं के तहत काफी कम प्रकरण दर्ज किए गए हैं. धारा 498, 354, 376 के तहत एरोड्रम पुलिस ने सबसे कम प्रकरण दर्ज किए हैं.

महिला अपराधों का गिर रहा ग्राफ

जानें धाराएं-

  • धारा 498 में दहेज संबंधी मामले आते हैं.
  • धारा 354 में छेड़छाड़ व अन्य तरह की घटनाएं शामिल होती हैं.
  • धारा 376 में रेप की घटनाओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है.

प्रकरणों के आकड़ों पर एक नजर-

  • साल 2016 में धारा 498 के तहत महज तीन ही प्रकरण दर्ज किए गए थे.
  • इसी साल धारा 354 के तहत 15 प्रकरण दर्ज किए गए थे.
  • इसके अलावा धारा 376 के तहत साल 2016 में सिर्फ12 प्रकरण इंदौर की एरोड्रम पुलिस ने दर्ज किया था.
  • साल 2017 की बात करें तो धारा 498 के तहत एरोड्रम पुलिस ने 15 प्रकरण दर्ज किए थे.
  • वहीं इसी साल धारा 354 में 19 और धारा 376 में 14 प्रकरण दर्ज किए हैं.
  • साल 2018 में भी एरोड्रम पुलिस का ग्राफ दूसरे थानों के मुकाबले काफी कम रहा.
  • धारा 498 में 17 प्रकरण, धारा 354 में 27 प्रकरण और धारा 376 में 15 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
  • साल 2019 की बात करें तो तीनों ही धाराएं 498, 354 और 376 में मात्र चार प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
  • वहीं साल 2020 में एक महीने बीतने तक एक भी महिला अपराध से संबंधित मामला एरोड्रम थाने नहीं पहुंचा है.

आमने-सामने बैठाकर की जाती है दोनों पक्षों से बात

थाने पर मौजूद स्टाफ का कहना है कि जब कोई महिला थाने पर शिकायत लेकर आती है तो कई तरह के आवेदन में गंभीर बातों का जिक्र रहता है. उससे संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी जाती है. फिर शिकायतकर्ता महिला से काफी देर तक बातचीत की जाती है, बातचीत में कई बातों का जिक्र महिला करती है, जिसके बाद आरोपी को थाने बुलाया जाता है. दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बात की जाती है. जिससे कई बार मुद्दे कुछ और ही निकलते हैं. कई बार महिलाएं शिकायत नहीं करने की बात कहकर राजीनामा कर निकल जाती हैं.

तीन बार करती है पुलिस काउंसिलिंग

एरोड्रम पुलिस के पास एक दिन में करीब 20 से 25 आवेदन आते हैं, जिनकी तीन तरीकों से काउंसलिंग की जाती है. काउंसलिंग के बाद मामला पुलिस अधिकारियों के सामने आ जाता है कि महिला किस संबंध में शिकायत करने आई है. अधिकतर मामलों में महिला गंभीर अपराधों में शिकायत करने आती हैं, लेकिन जब सामने वाले पक्ष को महिला के सामने खड़ा कर दिया जाता है तो मामला पारिवारिक, भूमि संबंधी या पैसों के लेनदेन से संबंधित निकलता है. जिसके बाद पूरे मामले में पुलिस महिलाओं को आश्वासन देती है, जबकि कई महिलाएं पुलिस से मिली समझाइश के बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं कराती और अपना आवेदन वापस लेकर चली जाती हैं.

Intro:एंकर - दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद महिला अपराधों को लेकर पूरे देश ने एक बार फिर महिला अपराधों को लेकर समीक्षा की जहां पूरे देश में महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता नजर आ रहा है लेकिन इंदौर के एरोड्रम थाने में महिला अपराधों का ग्राफ काफी कम नजर आया ईटीवी भी पहुंचा इस पूरे मुद्दे पर बात करने के लिए।


Body:वीओ - देश में यदि महिला अपराधों के ग्राफ की समीक्षा की जाए तो मध्यप्रदेश उस ग्राफ में अव्वल नंबर पर है लेकिन यदि मध्यप्रदेश के इंदौर की बात की जाए तो इंदौर में तकरीबन 42 से अधिक थाने है लेकिन सभी पर दूर महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ते जा रहा है लेकिन इंदौर के एरोड्रम थाने में महिला अपराध का ग्राफ लगातार कम होता जा रहा है यदि हम एरोड्रम थाने की बात करें तो एरोड्रम थाने में पिछले 4 सालों में महिला अपराधों में काफी कमी आई है धारा 498, 354 , 376 की धाराओं में इंदौर एरोड्रम पुलिस ने अलग-अलग सालों में काफी कम प्रकरण दर्ज किए हैं यदि हम बात करें एरोड्रम पुलिस ने साल 2016 में 498 की धारा में 3 प्रकरण दर्ज किए तो वहीं 354 में 15 प्रकरण दर्ज किए इसी के साथ 376 में साल 2016 में 12 प्रकरण इंदौर की एरोड्रम पुलिस ने दर्ज किए हैं इसी तरह 2017 की बात करें तो साल 2017 में 498 में पुलिस ने 15 प्रकरण दर्ज किया 354 में 19 और 376 में 14 प्रकरण दर्ज किए है इसी के साथ 2018 में भी एरोड्रम पुलिस का ग्राफ अन्य थानों के मुकाबले काफी कम रहा साल 2018 में इंदौर की एरोड्रम पुलिस ने महिला अपराधों से संबंधित प्रकरणों में 498 जो दहेज संबंधी मामला रहता है उसमें 17 प्रकरण दर्ज किए 354 जो की छेड़छाड़ व अन्य तरह की घटनाएं होती है उसमें 27 प्रकरण दर्ज किए वही 376 रेप जैसी घटना में 15 प्रकरण दर्ज किए हैं यदि हम साल 2019 की बात करें तो साल 2019 में तीनों धारा 498 354 और 376 में मात्र 4 प्रकरण दर्ज किया है वहीं 2020 के 2 महीनों में एक भी महिला अपराधों से संबंधित मामला इंदौर के एरोड्रम थाने के सामने नहीं पहुंचा है जोकि एरोड्रम पुलिस के लिए एक मिसाल से कम नहीं है।

बाईट -अशोक पाटीदार , थाना प्रभारी , एरोड्रम ,इंदौर

वीओ - वहीं थाने पर मौजूद स्टाफ का भी कहना है कि जब कोई महिला थाने पर शिकायत लेकर आती है तो कई तरह के आवेदन में गंभीर बातों का जिक्र रहता है उससे संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी जाती है फिर संबंधित जो शिकायतकर्ता महिला रहती है उससे काफी देर बातचीत की जाती है बातचीत में कई बातों का जिक्र महिला के द्वारा कर दिया जाता है जिसके बाद जो महिला शिकायत करने आती है और जिस व्यक्ति की शिकायत करने के लिए महिला आई है उस व्यक्ति को भी थाने बुला लिया जाता है दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर दोनों पक्षों से बात की जाती है जहां कई बार मुद्दे कुछ दूसरे निकलते हैं तो कई बार महिला शिकायत नहीं करने की बात कहकर राजीनामा कर निकल जाती है एरोड्रम पुलिस के पास 1 दिन में तकरीबन 20 से 25 आवेदन आ जाते हैं जिनकी 3 तरीको से काउंसलिंग की जाती है और 3 तरह से काउंसलिंग के बाद मामला पुलिस अधिकारियों के सामने आ जाता है कि महिला किस संबंध में शिकायत करने आई है अधिकतर मामलों में महिला गंभीर अपराधों में शिकायत करने आती है लेकिन जब सामने वाले पक्ष को महिला के सामने खड़ा कर दिया जाता है तो मामला पारिवारिक या भूमि संबंधी या पैसों के लेनदेन से संबंधित निकलता है जिसके बाद पूरे मामले में आपसी सामंजस कर पुलिस महिलाओं को आश्वासन दे देती है वहीं कई महिलाएं पुलिस से मिली समझाइश के बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं करती और अपना आवेदन वापस ले कर चली जाती है अतः यह भी एक बड़ा कारण है कि जो एरोड्रम पुलिस ने तीन स्तर की काउंसलिंग यहां पर शुरू की है जिससे अधिकतर मामले सामने आ जाते हैं तो कई काउंसलिंग के दौरान ही निपट जाते हैं और यही इंदौर एरोड्रम पुलिस की महिला अपराधों के ग्राफ को कम करने में एक बड़ा कारण सामने आया है।

बाईट - कल्पना चौहान , सब इंस्पेक्टर , थाना एरोड्रम , इंदौर


वीओ - बताते इंदौर की एल्बम पुलिस के सामने रोजाना पारिवारिक विवाद व अन्य तरह की शिकायतें लेकर महिलाएं पहुंचती है अतः इन महिलाओं को थाना प्रभारी सहित अन्य स्टाफ तकरीबन 6 घंटे तक सुनता है और उनकी सुनवाई कर संबंधित जिसके खिलाफ शिकायत करने आई है उसको भी थाने बुला लिया जाता है जब दोनों आमने-सामने होते हैं तो कई बातों का जिक्र होता है जिसके बाद यदि महिला रिपोर्ट दिखाना चाहती है तो पुलिस रिपोर्ट लिख लेती है नहीं तो आपसी सामंजस्य बनाकर उन्हें थाने से विदा कर देती है यहां पर कई महिलाएं पति की शिकायत लेकर तो कई लिव-इन में रहने के बाद गंभीर नाम ले लेकर भी महिला पहुंची जिन्हें पुलिस ने काफी शांति से सुना और कार्रवाई की और उसी का नतीजा रहा कि इंदौर एरोड्रम थाने में नाम मात्र के महिला प्राप्त हुए जोकि अपने आप में एक मिसाल है।

पीटूसी --सन्दीप मिश्रा


Conclusion:वीओ - फिलहाल एरोड्रम पुलिस ने जिस तरह से महिला की सुनवाई के लिए तीन तरह की स्तर बनाए हुए हैं उससे निश्चित तौर पर महिला अपराधों के ग्राफ में तो कमी हुई है लेकिन अब इंदौर की एरोड्रम पुलिस से इंदौर के अन्य थाना प्रभारी व थाने किस तरह से शिक्षा लेते हैं यह देखने लायक रहेगा।
Last Updated : Feb 8, 2020, 12:25 PM IST
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