इंदौर। देश में महिला अपराधों के ग्राफ की समीक्षा की जाए तो मध्यप्रदेश उस ग्राफ में अव्वल नंबर पर है. शहर की बात की जाए तो यहां लगभग 42 से ज्यादा थाने हैं, जहां महिला अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन शहर के एरोड्रम थाने में महिला अपराध का ग्राफ सबसे कम रहा है. यहां पिछले चार सालों में महिला अपराधों में कई धाराओं के तहत काफी कम प्रकरण दर्ज किए गए हैं. धारा 498, 354, 376 के तहत एरोड्रम पुलिस ने सबसे कम प्रकरण दर्ज किए हैं.
जानें धाराएं-
- धारा 498 में दहेज संबंधी मामले आते हैं.
- धारा 354 में छेड़छाड़ व अन्य तरह की घटनाएं शामिल होती हैं.
- धारा 376 में रेप की घटनाओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है.
प्रकरणों के आकड़ों पर एक नजर-
- साल 2016 में धारा 498 के तहत महज तीन ही प्रकरण दर्ज किए गए थे.
- इसी साल धारा 354 के तहत 15 प्रकरण दर्ज किए गए थे.
- इसके अलावा धारा 376 के तहत साल 2016 में सिर्फ12 प्रकरण इंदौर की एरोड्रम पुलिस ने दर्ज किया था.
- साल 2017 की बात करें तो धारा 498 के तहत एरोड्रम पुलिस ने 15 प्रकरण दर्ज किए थे.
- वहीं इसी साल धारा 354 में 19 और धारा 376 में 14 प्रकरण दर्ज किए हैं.
- साल 2018 में भी एरोड्रम पुलिस का ग्राफ दूसरे थानों के मुकाबले काफी कम रहा.
- धारा 498 में 17 प्रकरण, धारा 354 में 27 प्रकरण और धारा 376 में 15 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
- साल 2019 की बात करें तो तीनों ही धाराएं 498, 354 और 376 में मात्र चार प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
- वहीं साल 2020 में एक महीने बीतने तक एक भी महिला अपराध से संबंधित मामला एरोड्रम थाने नहीं पहुंचा है.
आमने-सामने बैठाकर की जाती है दोनों पक्षों से बात
थाने पर मौजूद स्टाफ का कहना है कि जब कोई महिला थाने पर शिकायत लेकर आती है तो कई तरह के आवेदन में गंभीर बातों का जिक्र रहता है. उससे संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी जाती है. फिर शिकायतकर्ता महिला से काफी देर तक बातचीत की जाती है, बातचीत में कई बातों का जिक्र महिला करती है, जिसके बाद आरोपी को थाने बुलाया जाता है. दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बात की जाती है. जिससे कई बार मुद्दे कुछ और ही निकलते हैं. कई बार महिलाएं शिकायत नहीं करने की बात कहकर राजीनामा कर निकल जाती हैं.
तीन बार करती है पुलिस काउंसिलिंग
एरोड्रम पुलिस के पास एक दिन में करीब 20 से 25 आवेदन आते हैं, जिनकी तीन तरीकों से काउंसलिंग की जाती है. काउंसलिंग के बाद मामला पुलिस अधिकारियों के सामने आ जाता है कि महिला किस संबंध में शिकायत करने आई है. अधिकतर मामलों में महिला गंभीर अपराधों में शिकायत करने आती हैं, लेकिन जब सामने वाले पक्ष को महिला के सामने खड़ा कर दिया जाता है तो मामला पारिवारिक, भूमि संबंधी या पैसों के लेनदेन से संबंधित निकलता है. जिसके बाद पूरे मामले में पुलिस महिलाओं को आश्वासन देती है, जबकि कई महिलाएं पुलिस से मिली समझाइश के बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं कराती और अपना आवेदन वापस लेकर चली जाती हैं.