इंदौर। इन दिनों सीताफल का आवक जोरों पर है, जिसके कारण फ्रूट मार्केट में सीताफल के भाव में भारी कमी आई है. वहीं आवक बढ़ने और भाव कम होने से व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है, साथ ही कोरोना के कारण भी लोग सीताफल से दूरी बनाए हुए हैं.
सुबह से ही व्यापारी ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य जिलों से सीताफल बेचने के लिए मंडी पहुंच रहे हैं, जिससे सीताफल की जोरदार आवक शुरू हो गई है. हर साल दीपावली से लगभग एक महीने पहले और दीपावली के 15 दिनों बाद तक इस फल की आवक बनी रहती है. इस साल कोरोना महामारी और मौसमी बीमारियों के डर से लोग सीताफल खरीदने से कतरा रहे हैं. शादी समारोह सहित अन्य कार्यक्रम में भी शर्तों के साथ अनुमति मिल रही है, जिसमें भी व्यंजनों के लिए सीताफल का उपयोग ना के बराबर हो रहा है.
वहीं फल मंडी में आवक बढ़ने के कारण इसकी कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है, जहां पके हुए सीताफर की एक टोकरी केवल 50 से लेकर 300 रुपए तक में बिक रही है, जबकि कच्चे सीताफल की टोकरी 50 रुपए से लेकर 200 रुपए तक में मिल रही है, जो पिछले साल की तुलना में आधी है. वहीं उद्योगों में प्रोसेस के लिए भी सीताफल की मांग कम हो गई है.
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थोक और खुदरा व्यापारियों का कहना है कि, सीताफल की आवक तो बढ़ी है, लेकिन लोगों ने इस फल से दूरी बना ली है. जिसके कारण अभी ना ही इस फल की मांग हो रही है और ना इसके उचित दाम मिल रहे हैं. वहीं अब व्यापारियों को जल्द ही सीताफल की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है.