इंदौर| देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा को निरस्त कर एमपी ऑनलाइन के माध्यम से एडमिशन कराए जा सकते हैं. हालांकि यूनिवर्सिटी के द्वारा इसके लिए लगातार बैठकें की जा रही हैं. लेकिन विश्वविद्यालय के द्वारा जो विकल्प निकाले गए हैं, उसमें अधिकतर विभागाध्यक्ष एमपी ऑनलाइन से मेरिट के आधार पर एडमिशन कराने के पक्ष में हैं.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ियां हुई थीं, जिसके बाद शासन ने धारा 52 लगाकर विश्वविद्यालय से कुलपति को बर्खास्त कर दिया था. फैकल्टी भर्ती में नियमों की अनदेखी और सीईटी एग्जाम में हुई गड़बड़ियों के चलते ये फैसला लिया गया था. अब देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति के इंतजार में 17 हजार छात्रों के भविष्य का फैसला भी रुका हुआ है. प्रदेश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय जानी जाती है और कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के फैसले के इंतजार में यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया रुकी हुई है.
इस प्रवेश परीक्षा के लिए 24 शहरों में केंद्र बनाए गए थे. जिसमें कि 17 हजार से अधिक छात्रों ने प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा लिया था, लेकिन सीईटी के प्रथम चरण में ही कई छात्र या तो परीक्षा नहीं दे पाए या फिर सिस्टम डाउन हो गया. अब कुलपति के हट जाने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंचा है कि डिपार्टमेंट्स में छात्रों का प्रवेश किस आधार पर किया जाए.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और सरकार में लगातार तनातनी चल रही है. लेकिन दोनों ओर से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनने के कारण विश्वविद्यालय में अभी तक कुलपति की नियुक्ति नहीं की जा सकी.