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निरस्त हो सकती है DAVV की प्रवेश परीक्षा, MP  ऑनलाइन के जरिए कराए जाएंगे एडमिशन

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ियां हुई थीं. इसके बाद प्रवेश परीक्षा को निरस्त कर एमपी ऑनलाइन के माध्यम से एडमिशन कराए जा सकते हैं.

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Published : Jul 9, 2019, 4:52 PM IST

निरस्त हो सकती है DAVV की प्रवेश परीक्षा

इंदौर| देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा को निरस्त कर एमपी ऑनलाइन के माध्यम से एडमिशन कराए जा सकते हैं. हालांकि यूनिवर्सिटी के द्वारा इसके लिए लगातार बैठकें की जा रही हैं. लेकिन विश्वविद्यालय के द्वारा जो विकल्प निकाले गए हैं, उसमें अधिकतर विभागाध्यक्ष एमपी ऑनलाइन से मेरिट के आधार पर एडमिशन कराने के पक्ष में हैं.

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ियां हुई थीं, जिसके बाद शासन ने धारा 52 लगाकर विश्वविद्यालय से कुलपति को बर्खास्त कर दिया था. फैकल्टी भर्ती में नियमों की अनदेखी और सीईटी एग्जाम में हुई गड़बड़ियों के चलते ये फैसला लिया गया था. अब देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति के इंतजार में 17 हजार छात्रों के भविष्य का फैसला भी रुका हुआ है. प्रदेश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय जानी जाती है और कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के फैसले के इंतजार में यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया रुकी हुई है.

निरस्त हो सकती है DAVV की प्रवेश परीक्षा

इस प्रवेश परीक्षा के लिए 24 शहरों में केंद्र बनाए गए थे. जिसमें कि 17 हजार से अधिक छात्रों ने प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा लिया था, लेकिन सीईटी के प्रथम चरण में ही कई छात्र या तो परीक्षा नहीं दे पाए या फिर सिस्टम डाउन हो गया. अब कुलपति के हट जाने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंचा है कि डिपार्टमेंट्स में छात्रों का प्रवेश किस आधार पर किया जाए.

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और सरकार में लगातार तनातनी चल रही है. लेकिन दोनों ओर से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनने के कारण विश्वविद्यालय में अभी तक कुलपति की नियुक्ति नहीं की जा सकी.

इंदौर| देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा को निरस्त कर एमपी ऑनलाइन के माध्यम से एडमिशन कराए जा सकते हैं. हालांकि यूनिवर्सिटी के द्वारा इसके लिए लगातार बैठकें की जा रही हैं. लेकिन विश्वविद्यालय के द्वारा जो विकल्प निकाले गए हैं, उसमें अधिकतर विभागाध्यक्ष एमपी ऑनलाइन से मेरिट के आधार पर एडमिशन कराने के पक्ष में हैं.

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ियां हुई थीं, जिसके बाद शासन ने धारा 52 लगाकर विश्वविद्यालय से कुलपति को बर्खास्त कर दिया था. फैकल्टी भर्ती में नियमों की अनदेखी और सीईटी एग्जाम में हुई गड़बड़ियों के चलते ये फैसला लिया गया था. अब देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति के इंतजार में 17 हजार छात्रों के भविष्य का फैसला भी रुका हुआ है. प्रदेश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय जानी जाती है और कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के फैसले के इंतजार में यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया रुकी हुई है.

निरस्त हो सकती है DAVV की प्रवेश परीक्षा

इस प्रवेश परीक्षा के लिए 24 शहरों में केंद्र बनाए गए थे. जिसमें कि 17 हजार से अधिक छात्रों ने प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा लिया था, लेकिन सीईटी के प्रथम चरण में ही कई छात्र या तो परीक्षा नहीं दे पाए या फिर सिस्टम डाउन हो गया. अब कुलपति के हट जाने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंचा है कि डिपार्टमेंट्स में छात्रों का प्रवेश किस आधार पर किया जाए.

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और सरकार में लगातार तनातनी चल रही है. लेकिन दोनों ओर से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनने के कारण विश्वविद्यालय में अभी तक कुलपति की नियुक्ति नहीं की जा सकी.

Intro:देवी अहिल्या विश्वविद्यालय 17 हज़ार छात्रों के भविष्य पर फैसला ले सकता है विश्वविद्यालय के द्वारा प्रवेश परीक्षा सीईटी को निरस्त कर एमपी ऑनलाइन के माध्यम से एडमिशन कराए जा सकते हैं हालांकि यूनिवर्सिटी के द्वारा इसके लिए लगातार बैठकें की जा रही है लेकिन विश्वविद्यालय के द्वारा जो विकल्प निकाले गए हैं उसमें अधिकतर विभागाध्यक्ष एमपी ऑनलाइन से मेरिट के आधार पर एडमिशन कराने के पक्ष में है


Body:देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ियां हुई थी जिसके बाद शासन ने भी धारा 52 लगाकर विश्वविद्यालय से कुलपति को बर्खास्त कर दिया था फैकेल्टी भर्ती में नियमों की अनदेखी और सीईटी एग्जाम में हुई गड़बड़ियों पर यह फैसला लिया गया था अब देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति के इंतजार में 17 हज़ार छात्रों के भविष्य का फैसला भी रुका हुआ है प्रदेश की सबसे अच्छी यूनिवर्सिटी में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय जानी जाती है और कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के फैसले के इंतजार में यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया रुकी हुई है इस प्रवेश परीक्षा के लिए 24 शहरों में केंद्र बनाए गए थे जिसमें कि 17 हज़ार से अधिक छात्रों ने प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा लिया था लेकिन सीईटी के प्रथम चरण में ही कई छात्र या तो परीक्षा नहीं दे पाए या फिर सिस्टम डाउन हो गया अब कुलपति के हट जाने के बाद विश्वविद्यालय अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंचा है कि डिपार्टमेंट्स में छात्रों का प्रवेश किस आधार पर लिया जाए हालांकि अधिकारियों ने इसके लिए दो विकल्प तैयार किए हैं पहले विकल्प में शेष रह गए छात्रों की परीक्षा लेकर रिजल्ट जारी किया जा सकता है वहीं दूसरे विकल्प में पासआउट एग्जाम में मेरिट के आधार पर एडमिशन लिए जा सकते हैं यह प्रक्रिया कराने के लिए यूनिवर्सिटी एमपी ऑनलाइन की मदद ले सकती है कुलपति के ना होने से विश्वविद्यालय के सामने यह निर्णय लेना भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि सीईटी पर निर्णय कुलपति के माध्यम से ही लिया जा सकता है

बाईट - अशोक शर्मा, एग्जाम रजिस्टार


Conclusion:देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और सरकार में लगातार तनातनी चल रही है लेकिन दोनों ओर से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनने के कारण देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अभी तक कुलपति की नियुक्ति नहीं की जा सकी है
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