ETV Bharat / state

बाढ़ से मध्यप्रदेश को हुआ 10 हजार करोड़ का नुकसान, औसत से तीस फीसदी ज्यादा हुई बारिश ने ढाया कहर

author img

By

Published : Sep 16, 2019, 8:04 PM IST

मानसून के आखिरी दौर की बारिश मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में कहर बन कर टूटी है. भारी बारिश से राज्य की कृषि समेत अन्य संपदा का करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है.

एमपी में बाढ़ से अब तक 10 हजार करोड़ का नुकसान

इंदौर। मध्यप्रदेश के करीब 12 से ज्यादा जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य की कृषि समेत अन्य संपदा का करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. यह खुलासा इंदौर में मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने किया है. उन्होंने बताया कि बीते कई सालों में राज्य की औसत बारिश से 30 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. जिस वजह से तकरीबन 12 जिले भारी बारिश का दंश झेल रहे है.

एमपी में बाढ़ से अब तक 10 हजार करोड़ का नुकसान

20 सितंबर से डेमेज कार्य शुरु होंगे
मुख्य सचिव मोहंती ने बताया कि आठ से पंद्राह दिनों में केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाएगी. इसके बाद पूरे मध्यप्रदेश में 20 से 30 सितम्बर तक सभी डैमेज रोड के काम शुरू कर दिए जाएंगे. उन्होंने किसानों के नुकसान को लेकर बताया कि बीते साल राज्य के 34 लाख किसानों के फसल बीमा की तुलना में इस साल 31 लाख किसान बीमा करवा चुके हैं. बीमा के बाद किसानों को बीमा राशि समय पर मिल सके, इसके लिए राज्य शासन ने बीमा कंपनियों को 509 करोड़ रुपए इंश्योरेंस प्रीमियम भरने का फैसला किया है. इसके अलावा 57 हजार किसानों को क्षतिपूर्ती राशि भी जारी की जा रही है.

ये इलाके हुए सर्वाधिक प्रभावित
बाढ़ के कारण मंदसौर में पांच तहसील के 15 हजार लोग रिलीफ कैंप में है. जिनके लिए इंदौर से राहत सामग्री के दो ट्रक मंदसौर और नीमच रवाना किये गए है. नीमच जिले में 12 गांव के 30 हजार लोग प्रभवित हुए हैं. रामपुर के 2500 लोग रिलीफ कैंप में है. रतलाम में भी 700 लोगों को बचाया गया है.

अब स्थिति नियंत्रण में है
मुख्य सचिव के मुताबिक अब प्रदेश में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है. गांधी सागर का जलस्तर सभी गेट खोले जाने के कारण आज सुबह तक 1318 फीट हो चुका है, हालांकि एक दो दिन में पानी का स्तर कम होने की उम्मीद है. इसके अलावा भिंड -मुरैना पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर मानसून के आगामी 10 दिन में 8 से 10 इंच अधिकतम हुई, तो भी नियंत्रण की स्थिति रहेगी.

मानसून का आखरी पड़ाव प्रदेश के कुछ जिलों में कहर बनकर टूटा है. जिसके चलते रायसेन, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन, आगर मालवा और झाबुआ में जारी राहत कार्यो के चलाए जा रहे हैं. इसी दौर में राजस्थान के प्रतापगढ़ समेत आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश के कारण मंदसौर के गांधीसागर डैम में औसत बारिश में 6 लाख क्यूसेक पानी अपने के स्थान पर अचानक 16 लाख क्यूसेक पानी आया. जिसकी वजह से मंदसौर और नीमच के कई इलाके बाढ़ से घिर गए.

जिससे यहां जनसामान्य की संपदा के साथ फसलों में भारी नुकसान हुआ है. ऐसी ही स्थिति मुरैना की 5 तहसीलों में बनी हुई है. जहां 3 हजार बाढ़ पीडितों को सुरक्षित स्थान पर भेजना पड़ा. वहीं श्योपुर में बाढ से 7 गांव प्रभावित हुए हैं. यहां अब राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के साथ एनडीआरएफ और होमगार्ड को तैनात करना पड़ा है. इधर, आगर मालवा के सोयत और रतलाम में भी बाढ़ पानी से 700 लोगों को बचाना पड़ा है. बाढ़ और बारिश से अब तक हुए नुकसान पर गौर किया जाए तो 8 हजार करोड़ की फसल समेत सड़कों और अन्य नुकसान के कारण राज्य को 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. जिसकी भरपाई के लिए राज्य शासन द्वारा पूरी रिपोर्ट केंद्र में भेजी गई है.

इंदौर। मध्यप्रदेश के करीब 12 से ज्यादा जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य की कृषि समेत अन्य संपदा का करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. यह खुलासा इंदौर में मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने किया है. उन्होंने बताया कि बीते कई सालों में राज्य की औसत बारिश से 30 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. जिस वजह से तकरीबन 12 जिले भारी बारिश का दंश झेल रहे है.

एमपी में बाढ़ से अब तक 10 हजार करोड़ का नुकसान

20 सितंबर से डेमेज कार्य शुरु होंगे
मुख्य सचिव मोहंती ने बताया कि आठ से पंद्राह दिनों में केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाएगी. इसके बाद पूरे मध्यप्रदेश में 20 से 30 सितम्बर तक सभी डैमेज रोड के काम शुरू कर दिए जाएंगे. उन्होंने किसानों के नुकसान को लेकर बताया कि बीते साल राज्य के 34 लाख किसानों के फसल बीमा की तुलना में इस साल 31 लाख किसान बीमा करवा चुके हैं. बीमा के बाद किसानों को बीमा राशि समय पर मिल सके, इसके लिए राज्य शासन ने बीमा कंपनियों को 509 करोड़ रुपए इंश्योरेंस प्रीमियम भरने का फैसला किया है. इसके अलावा 57 हजार किसानों को क्षतिपूर्ती राशि भी जारी की जा रही है.

ये इलाके हुए सर्वाधिक प्रभावित
बाढ़ के कारण मंदसौर में पांच तहसील के 15 हजार लोग रिलीफ कैंप में है. जिनके लिए इंदौर से राहत सामग्री के दो ट्रक मंदसौर और नीमच रवाना किये गए है. नीमच जिले में 12 गांव के 30 हजार लोग प्रभवित हुए हैं. रामपुर के 2500 लोग रिलीफ कैंप में है. रतलाम में भी 700 लोगों को बचाया गया है.

अब स्थिति नियंत्रण में है
मुख्य सचिव के मुताबिक अब प्रदेश में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है. गांधी सागर का जलस्तर सभी गेट खोले जाने के कारण आज सुबह तक 1318 फीट हो चुका है, हालांकि एक दो दिन में पानी का स्तर कम होने की उम्मीद है. इसके अलावा भिंड -मुरैना पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर मानसून के आगामी 10 दिन में 8 से 10 इंच अधिकतम हुई, तो भी नियंत्रण की स्थिति रहेगी.

मानसून का आखरी पड़ाव प्रदेश के कुछ जिलों में कहर बनकर टूटा है. जिसके चलते रायसेन, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन, आगर मालवा और झाबुआ में जारी राहत कार्यो के चलाए जा रहे हैं. इसी दौर में राजस्थान के प्रतापगढ़ समेत आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश के कारण मंदसौर के गांधीसागर डैम में औसत बारिश में 6 लाख क्यूसेक पानी अपने के स्थान पर अचानक 16 लाख क्यूसेक पानी आया. जिसकी वजह से मंदसौर और नीमच के कई इलाके बाढ़ से घिर गए.

जिससे यहां जनसामान्य की संपदा के साथ फसलों में भारी नुकसान हुआ है. ऐसी ही स्थिति मुरैना की 5 तहसीलों में बनी हुई है. जहां 3 हजार बाढ़ पीडितों को सुरक्षित स्थान पर भेजना पड़ा. वहीं श्योपुर में बाढ से 7 गांव प्रभावित हुए हैं. यहां अब राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के साथ एनडीआरएफ और होमगार्ड को तैनात करना पड़ा है. इधर, आगर मालवा के सोयत और रतलाम में भी बाढ़ पानी से 700 लोगों को बचाना पड़ा है. बाढ़ और बारिश से अब तक हुए नुकसान पर गौर किया जाए तो 8 हजार करोड़ की फसल समेत सड़कों और अन्य नुकसान के कारण राज्य को 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. जिसकी भरपाई के लिए राज्य शासन द्वारा पूरी रिपोर्ट केंद्र में भेजी गई है.

Intro:इंदौर, मध्यप्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में हो रही भारी बारिश के चलते राज्य की कृषि समेत अन्य संपदा को करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है, यह खुलासा आज इंदौर में मुख्यसचिव सुधिरंजन मोहंती ने पत्रकार वार्ता के दौरान किया उन्होंने स्पष्ट किया कि बीते कई सालों में राज्य की औसत बारिश से 30 फीसदी ज्यादा बारिश होने से अब भी एक दर्जन जिला अतिवर्षा की विभीषिका झेल रहे हैं जहां के हजारों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा है जहां अब राहत और बचाव कार्य शुरु किए जा रहे हैं। Body:दरअसल प्रदेश के मानसूनी सीजन के आखरी दौर में भारी बारिश मप्र के करीब एक दर्जन जिलों में कहर बनकर टूट रही है जिसके चलते रायसेन, सीहोर, भोपाल राजगढ़ शाजापुर उज्जैन आगर मालवा और झाबुआ में जारी राहत कार्यो के चलाए जा रहे हैं इसी दौर में राजस्थान के प्रतापगढ़ समेत आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश के कारण मंदसौर के गांधीसागर डेम में औसत बारिश में 5 से 6 लाख क्यूसेक पानी अपने के स्थान पर अचानक 16 लाख क्यूसेक पानी आया तो मंदसौर और नीमच के कई इलाके बाढ़ से घिर गए जिससे यहां जनसामान्य की संपदा के साथ फसलों में भारी नुकसान हुआ है। ऐसी ही स्थिति मुरैला की 5 तहसीलों में बनी जहां 3 हजार बाढ़ पीडितों को सुरक्षित स्थान पर भेजना पड़ा वहीं श्योपुर में बाढ से 7 गांव प्रभावित हुए हैं यहां अब राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के साथ एनडीआरएफ और होमगार्ड को तैनात करना पड़ा है। इधर आगर मालवा के सोयत और रतलाम में भी बाढ़ पानी से 700 लोगों को बचाना पड़ा हैइधर बाढ़ और बारिश से अब तक हुए नुकसान पर गौर किया जाए तो अब तक 8 हजार करोड की फसल समेत सड़कों और अन्य नुकसान के कारण राज्य को 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है जिसकी भरपाई के लिए राज्य शासन द्वारा पूरी रिपोर्ट केंद्र में भेजे जाने के बाद अब भारत सरकार का राहत दल 19 ओर 20 सितंबर को भोपाल और उज्जैन संभाग में हुए नुकसाल को जायजा भी लेगा हालांकि इसके पूर्व राज्य शासन के स्तर पर बाढग्रस्त जिलों में राहत और बचाव के प्रयास अब तेजी से किए जाने के दावे राज्य शासन के मुखिया मुख्य सचिव के निर्देश पर तेजी से किए जा रहे हैं Conclusion:20 सितंबर से डेमेज कार्य शुरु होंगे
मुख्य सचिव मोहंती ने बताया  8 से 15 दिनों में भारत सरकार द्वारा आर्थिक मदद दे दी जाएगी इसके बाद पूरे मध्यप्रदेश में सितम्बर 20 से 30 सितम्बर तक सभी डैमेज रोड के काम शुरू कर दिए जाएंगे उन्होंने किसानों के नुकसान को लेकर बातया बीते साल राज्य के 34 लाख किसानों के फसल बीमा की तुलना में इस साल 31 लाख किसान बीमा करवा चुके हैं बीमा के बाद किसानों को बीमा राशि समय पर मिल सके इसके लिए राज्य शासन ने बीमा कंपनियों को 509 करोड़ रुपए इंश्याेरेंस प्रीमियम भरने का फैसला किया है इसके अलावा 57 हजार किसानों को क्षतिपूर्ती राशि भी जारी की जा रही है 

ये इलाके हुए सर्वाधिक प्रभावित 
बाढ के कारण मंदसौर में 5 तहसील के 15 हज़ार लोग रिलीफ कैम्प में है जिनके लिए इंदौर से राहत सामग्री के 2 ट्रक मंदसौर ओर नीमच रवाना किये गए है।  नीमच जिले में 12 गाँव के 30 हज़ार लोग प्रभवित हुए हुए हैं जहां के रामपुर के 850 लोगों सहित 2500 लोग रिलीफ कैम्प में है।  रतलाम में भी 700 लोगो को बचाया गया है 

अब स्थिति नियंत्रण में है
मुख्य सचिव के अनुसार अब प्रदेश में बाढ की स्थिति नियंत्रण में है गांधी सागर का जलस्तर सभी गेट खोले जाने के कारण आज सुबह तक 1318 फीट हो चुका था हालांकि एक दो दिन में पानी उतर जाएगा इसके अलावा भिंड मुरैना पर नज़र रखी गयी है उन्होंने कहा मानसून के आगामी 10 दिन में 8 से 10 इंच अधिकतम हुई तो भी नियंत्रण की स्थिति रहेगी

एक्सटेंशन एसआर मोहंती, मुख्य सचिव मप्र शासन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.