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Unlock के बाद चिड़ियाघर पर बढ़ने लगी भीड़, दिया जा रहा कोरोना संक्रमण को न्योता

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Published : Jun 24, 2021, 8:04 PM IST

अनलॉक (Unlock) के बाद आम सैलानियों के लिए चिड़ियाघर खोलते ही लोगों की यहां बड़ी संख्या देखने को मिल रही है. भीड़ को देखते हुए एक बार फिर कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

Crowd increasing at Indore Zoo
इंदौर चिड़ियाघर पर बढ़ने लगी भीड़

इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद 1 जून से एमपी में अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया जारी है. अनलॉक की प्रक्रिया के तहत 18 जून से इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. चिड़ियाघर में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सभी सैलानियों के लिए अनिवार्य किया गया है, साथ ही सैलानियों की संख्या भी तय की गई है. लेकिन चिड़ियाघर खुलते ही बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं.

आने वाले दिनों में सैलानियों के बढ़ने की उम्मीद

कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के अनुसार शुरुआत में चिड़ियाघर में 1200 के लगभग सैलानी आते थे. अब यह संख्या बढ़कर 2 हजार से अधिक हो गई है. वहीं, आने वाले दिनों में सैलानियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि, चिड़ियाघर प्रबंधन कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कई कदम उठा रहा है. सैलानियों को एक जगह इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है. लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है. आने वाले दिनों में अगर सैलानियों की संख्या अधिक होती है, तो प्रबंधन ने मुख्य द्वार पर बैरियर लगाने की तैयारी भी कर ली है, ताकि एक बार में सीमित संख्या में ही सैलानियों को परिसर में प्रवेश दिया जा सके.

इंदौर चिड़ियाघर पर बढ़ने लगी भीड़

डेल्टा प्लस वेरिएंट का भी बढ़ रहा है खतरा

कोरोना संक्रमण के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट ने मध्य प्रदेश में दस्तक दे दी है. डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुछ मामले सामने आने के बाद लोगों से भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहने की अपील भी की जा रही है. प्रशासन भी लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक कर रही है. चिड़ियाघर में आने वाले सैलानियों को भी कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है. एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना का खतरा कम जरूर हुआ है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है.

people arriving at the zoo
चिड़ियाघर में पहुंच रहे लोग

Corona की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अब नहीं जाना होगा दिल्ली, जल्द तैयार होगी लैब

क्या होता है डेल्ट प्लस वेरिएंट

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में मिले कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को डेल्टा नाम दिया है. B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N मिला है, जो इससे पहले कोविड-19 के बीटा और गामा वेरिएंट में भी पाया गया था. नए म्यूटेशन के बाद बने वेरिएंट को ही डेल्टा प्लस वेरिएंट के नाम से जाना जा रहा है.

people walking in the zoo
चिड़ियाघर में घूमते हुए लोग

डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण ?

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस का रूप लगातार बदल रहा है, जिसके चलते बीमारी के लक्षण भी बदल रहे हैं

  • डेल्टा प्लस वेरिएंट के सामान्य लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और थकान है.
  • गंभीर लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ और बात करने में तकलीफ होना शामिल है.

डेल्टा प्लस वेरिएंट पर दवाओं का असर कितना?

डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच इस पर दवाओं के प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ने लगी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, डेल्टा प्लस में पाए गए K417N म्यूटेशन कोरोना के इलाज में प्रयोग किए जाने वाले डेवलप मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट ड्रग- कासिरिविमाब और इम्देविमाब के खिलाफ प्रतिरोध विकसित कर चुका है. डेल्टा प्लस वेरिएंट के गंभीर मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की मार्केटिंग रोश और सिप्ला कर रहे हैं. सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन अप्रूवल के बाद ही रोश और सिप्ला दवा की मार्केटिंग कर रहे हैं.

इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद 1 जून से एमपी में अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया जारी है. अनलॉक की प्रक्रिया के तहत 18 जून से इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है. चिड़ियाघर में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सभी सैलानियों के लिए अनिवार्य किया गया है, साथ ही सैलानियों की संख्या भी तय की गई है. लेकिन चिड़ियाघर खुलते ही बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं.

आने वाले दिनों में सैलानियों के बढ़ने की उम्मीद

कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव के अनुसार शुरुआत में चिड़ियाघर में 1200 के लगभग सैलानी आते थे. अब यह संख्या बढ़कर 2 हजार से अधिक हो गई है. वहीं, आने वाले दिनों में सैलानियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. हालांकि, चिड़ियाघर प्रबंधन कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कई कदम उठा रहा है. सैलानियों को एक जगह इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है. लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है. आने वाले दिनों में अगर सैलानियों की संख्या अधिक होती है, तो प्रबंधन ने मुख्य द्वार पर बैरियर लगाने की तैयारी भी कर ली है, ताकि एक बार में सीमित संख्या में ही सैलानियों को परिसर में प्रवेश दिया जा सके.

इंदौर चिड़ियाघर पर बढ़ने लगी भीड़

डेल्टा प्लस वेरिएंट का भी बढ़ रहा है खतरा

कोरोना संक्रमण के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट ने मध्य प्रदेश में दस्तक दे दी है. डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुछ मामले सामने आने के बाद लोगों से भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहने की अपील भी की जा रही है. प्रशासन भी लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक कर रही है. चिड़ियाघर में आने वाले सैलानियों को भी कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है. एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना का खतरा कम जरूर हुआ है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है.

people arriving at the zoo
चिड़ियाघर में पहुंच रहे लोग

Corona की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अब नहीं जाना होगा दिल्ली, जल्द तैयार होगी लैब

क्या होता है डेल्ट प्लस वेरिएंट

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में मिले कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को डेल्टा नाम दिया है. B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N मिला है, जो इससे पहले कोविड-19 के बीटा और गामा वेरिएंट में भी पाया गया था. नए म्यूटेशन के बाद बने वेरिएंट को ही डेल्टा प्लस वेरिएंट के नाम से जाना जा रहा है.

people walking in the zoo
चिड़ियाघर में घूमते हुए लोग

डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण ?

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस का रूप लगातार बदल रहा है, जिसके चलते बीमारी के लक्षण भी बदल रहे हैं

  • डेल्टा प्लस वेरिएंट के सामान्य लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और थकान है.
  • गंभीर लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ और बात करने में तकलीफ होना शामिल है.

डेल्टा प्लस वेरिएंट पर दवाओं का असर कितना?

डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच इस पर दवाओं के प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ने लगी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, डेल्टा प्लस में पाए गए K417N म्यूटेशन कोरोना के इलाज में प्रयोग किए जाने वाले डेवलप मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट ड्रग- कासिरिविमाब और इम्देविमाब के खिलाफ प्रतिरोध विकसित कर चुका है. डेल्टा प्लस वेरिएंट के गंभीर मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवाओं की मार्केटिंग रोश और सिप्ला कर रहे हैं. सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन अप्रूवल के बाद ही रोश और सिप्ला दवा की मार्केटिंग कर रहे हैं.

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