इंदौर। कोरोना संक्रमण में मरीज और उनके परिजनों को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. चाहे वह ऑक्सीजन की कमी हो, रेमिडिसिवर इंजेक्शन की काला बाजारी हो, अस्पतालों में बेड की कमी होना हो या फिर स्वास्थ्य सुविधा की कमी . इन्हीं सब बातों को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से इसको लेकर जवाब मांगे हैं. मामले में अगली सुनवाई अब 17 मई को होगी.
विभिन्न तरह की परेशानियों को लेकर चीफ जस्टिस ने पूछे सवाल
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सरकार से कई तरह के सवाल भी पूछे. कोर्ट ने सरकार से पूछा है की शमशान- कब्रिस्तान में जगह क्यों नहीं बच रही है, अस्पताल में बेड की कमी क्यों हो रही है और कोरोना काल में लोगों को सुविधाएं कब तक मिलेंगी जैसे कई सवालों के जवाब मांगे हैं. इसी के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी के साथ ही वैक्सीनेशन को लेकर किस तरह की व्यवस्था की गई है उस पर भी सवाल पूछे गए हैं. फिलहाल, सरकार की और से तमाम सवालों के जवाब 17 मई को देने की बात कही गई है.
इंदौर: रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर HC में लगी याचिका
इंदौर से एडवोकेट मनीष यादव की ओर से इस याचिका पर पैरवी की गई थी. साथ ही उन्होंने विभिन्न तरह के तर्क भी कोर्ट के समक्ष रखे थे. उन्ही तर्कों को देखते हुए कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा हैं.