इंदौर। शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के देखते हुए जारी किए गए नए आदेशों के बाद एक बार फिर शहर का '56 दुकान' बाजार वीरान नजर आने लगा है. करोड़ों रुपए की लागत से विकसित हुआ '56 दुकान' अब तक अपनी पूरी रौनक हासिल नहीं कर पाया है.
दरअसल अनलॉक के बाद शहर के हर तबके की परिस्थितिया सामान्य होने लगी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमितों की संख्या में हुई बढ़ोतरी के कारण एक बार फिर से क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक हुई. बैठक में '56 दुकान' पर ग्राहकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अब व्यापारी सिर्फ ऑनलाइन डिलीवरी कर पा रहे हैं. बता दें कि, अनलॉक में प्रशासन ने '56 दुकान' को छूट देते हुए टेकअवे की सुविधा दी थी. व्यापारियों को व्यापार सुचारु रुप से चलाने की उम्मीद जगी थी, लेकिन अब शहर में बढ़ते कोरोना मरीजों के मद्देनजर प्रशासन ने फिर से टेकअवे की सुविधा प्रतिबंधित कर दी है और आम जनता की '56 दुकान' पर आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है.
व्यापारियों का कहना है कि, सिर्फ ऑनलाइन व्यापार करने से दुकानों का संचालन मुश्किल हो रहा है. रोजाना बाजार में बनने वाली खाद्य सामग्री को भी कम ग्राहकी के कारण बड़ी मात्रा में नष्ट करना पड़ रहा है. बता दें कि, इंदौर का '56 दुकान' करोड़ों रुपए लगाकर विकसित किया गया है, लेकिन ये बाजार 48 घंटे भी नहीं चल सका और इसे मार्च में लॉकडाउन के कारण बंद करना पड़ा.