इंदौर। प्रदेश की 28 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर कई कलेक्टर कटघरे में हैं. हाल ही में इस आशय की शिकायत कांग्रेस ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से की है. इस बीच शनिवार को फिर कांग्रेस ने इन्हें हटाने संबंधी शिकायत चुनाव आयोग को भेजी है. इस शिकायत में 15 से ज्यादा कलेक्टर ऐसे हैं जिन पर उपचुनाव में पक्षपात करने और बीजेपी प्रत्याशियों की मदद करने के आरोप कांग्रेस लगातार लगा रही है.
पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष और मध्य प्रदेश राजीव विकास केंद्र के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि 3 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव में 15 से ज्यादा कलेक्टर पर्दे के पीछे रहकर बीजेपी प्रत्याशियों को जीताने के लिए काम कर रहें हैं, जिसमें इंदौर समेत गुना, मंदसौर, राजगढ़, छतरपुर, रायसेन, भिंड, धार, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, आगर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना,ग्वालियर सहित कई जिलों के कलेक्टर शामिल हैंं.
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उन्होंने कहा कि इन जिलों की विधानसभा दिमनी, सुमावली, जौरा, मुरैना, अंबाह, मेहगांव, गोहद, डबरा, ग्वालियर, पोहरी, सांवेर, सुरखी, बदनावर, हाटपिपल्या, सांची, मुंगावली में बीजेपी प्रत्याशियों को जिताने के लिए कई विभागों के प्रशासन के कई अधिकारी मदद कर रहे हैं. इस बात की शिकायत चुनाव आयोग से की गई है.
कांग्रेस नेता देवेंद्र सिंह यादव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बीजेपी प्रत्याशियों को जिताने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने तैयार बैठी है. ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी होती है कि वह निष्पक्ष मतदान के लिए हर संभव प्रयास करें.