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Congress का दावा-सेंगोल BJP का फैलाया झूठ,इसके कोई प्रमाण नहीं हैं,मोदी सरकार से किए 9 सवाल

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Published : May 27, 2023, 6:23 PM IST

नई संसद के उद्घाटन से पूर्व चर्चा में आए राजदंड यानी सेंगोल को कांग्रेस अब सीधे तौर पर नकार रही है. इंदौर में मोदी से कांग्रेस द्वारा किए गए 9 साल के 9 सवाल के अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वैभव वालिया ने सेंगोल के अस्तित्व को ही नकार दिया. उन्होंने कहा कांग्रेस के लिए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराया जाना महत्वपूर्ण है. जहां तक राजदंड का सवाल है तो यह एक काल्पनिक बात है. इसका कहीं कोई संवैधानिक उल्लेख भारतीय इतिहास नहीं है.

Congress claims BJP lie spread by Sengol no evidence
Congress का दावा- सेंगोल BJP का फैलाया झूठ,इसके कोई प्रमाण नहीं हैं
Congress का दावा- सेंगोल BJP का फैलाया झूठ,इसके कोई प्रमाण नहीं हैं

इंदौर। देशभर में मोदी के शासन के 9 साल पूर्ण होने के अवसर पर कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस करके 9 सवाल किए हैं. इस दौरान इंदौर में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वैभव वालिया ने कहा जो वादे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किए थे, उन पर स्थिति यथावत बनी हुई है. अर्थव्यवस्था, कृषि, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव, सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक संस्थाएं, जनकल्याणकारी योजनाएं और कोरोना के प्रबंधन के मामले में मोदी सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है. लिहाजा, विपक्ष को सवाल उठाने का अधिकार है.

मोदी सरकार ने छलावा किया : उन्होंने कहा कि जाहिर है हमेशा की तरह मोदीजी के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं होगा. लेकिन फिर भी पार्टी देशभर में जनता की आवाज आज उठा रही है कि मोदी सरकार ने किस तरह से आम लोगों को धोखे और चलावे में रखकर 9 साल शासन किया है. लेकिन जनहित के मुद्दों पर मोदी और उनकी सरकार ने चुप्पी साध रखी है. उन्होंने संसद के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री को राजदंड सौंपे जाने के सवाल पर कहा कि राजदंड की कहानी झूठ है. इसका कोई संवैधानिक उल्लेख नहीं है. लोकतंत्र में संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों कराए जाने की परंपरा है. लेकिन मोदी सरकार मनमानी करते हुए राष्ट्रपति का अपमान कर रही है.

राजदंड को लेकर ऐतिहासिक उल्लेख : दरअसल, आजादी के 15 मिनट पहले नेहरू को सौंपे गए राजदंड यानी सेंगोल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा. हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर तमिलनाडु से आए एक विद्वान पीएम नरेंद्र मोदी को राजदंड प्रदान करेंगे, जिसे 15 अगस्त 1947 को पंडित नेहरू को सौंपा गया था. राजदंड को लेकर जो उल्लेख मिलता है, उसके मुताबिक भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहरलाल नेहरू से देश की आजादी के समय किसी खास तरह के प्रतीक चिह्न को प्राप्त कर सेलिब्रेट करने संबंधी सवाल पूछा था.

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राजदंड विरावा संग्रहालय में रख दिया : इसके बाद जवाहरलाल नेहरू ने यही बात तत्कालीन स्वतंत्रता सेनानी सी राजगोपालाचारी से पूछी थी. इस पर राजगोपालाचारी ने उन्हें तमिल परंपराओं के मुताबिक राजदंड प्रदान किए जाने की परंपरा के बारे में बताया था. इसके बाद जवाहरलाल नेहरू की सहमति से राजदंड तैयार करने के बाद लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहरलाल नेहरू को आजादी के समय सौंपा था. जानकारी के अनुसार उसी दौरान का यह राजदंड विरावा संग्रहालय में रख दिया गया था. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस आशय की जानकारी आजादी के अमृत महोत्सव में प्राप्त हुई थी. इसके बाद उन्होंने इस मामले की जांच के बाद तय किया कि नई संसद के उद्घाटन के मौके पर से विधि-विधान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा. वहीं राजदंड को नई संसद में स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा.

Congress का दावा- सेंगोल BJP का फैलाया झूठ,इसके कोई प्रमाण नहीं हैं

इंदौर। देशभर में मोदी के शासन के 9 साल पूर्ण होने के अवसर पर कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस करके 9 सवाल किए हैं. इस दौरान इंदौर में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव वैभव वालिया ने कहा जो वादे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किए थे, उन पर स्थिति यथावत बनी हुई है. अर्थव्यवस्था, कृषि, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव, सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक संस्थाएं, जनकल्याणकारी योजनाएं और कोरोना के प्रबंधन के मामले में मोदी सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है. लिहाजा, विपक्ष को सवाल उठाने का अधिकार है.

मोदी सरकार ने छलावा किया : उन्होंने कहा कि जाहिर है हमेशा की तरह मोदीजी के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं होगा. लेकिन फिर भी पार्टी देशभर में जनता की आवाज आज उठा रही है कि मोदी सरकार ने किस तरह से आम लोगों को धोखे और चलावे में रखकर 9 साल शासन किया है. लेकिन जनहित के मुद्दों पर मोदी और उनकी सरकार ने चुप्पी साध रखी है. उन्होंने संसद के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री को राजदंड सौंपे जाने के सवाल पर कहा कि राजदंड की कहानी झूठ है. इसका कोई संवैधानिक उल्लेख नहीं है. लोकतंत्र में संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों कराए जाने की परंपरा है. लेकिन मोदी सरकार मनमानी करते हुए राष्ट्रपति का अपमान कर रही है.

राजदंड को लेकर ऐतिहासिक उल्लेख : दरअसल, आजादी के 15 मिनट पहले नेहरू को सौंपे गए राजदंड यानी सेंगोल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा. हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर तमिलनाडु से आए एक विद्वान पीएम नरेंद्र मोदी को राजदंड प्रदान करेंगे, जिसे 15 अगस्त 1947 को पंडित नेहरू को सौंपा गया था. राजदंड को लेकर जो उल्लेख मिलता है, उसके मुताबिक भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहरलाल नेहरू से देश की आजादी के समय किसी खास तरह के प्रतीक चिह्न को प्राप्त कर सेलिब्रेट करने संबंधी सवाल पूछा था.

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राजदंड विरावा संग्रहालय में रख दिया : इसके बाद जवाहरलाल नेहरू ने यही बात तत्कालीन स्वतंत्रता सेनानी सी राजगोपालाचारी से पूछी थी. इस पर राजगोपालाचारी ने उन्हें तमिल परंपराओं के मुताबिक राजदंड प्रदान किए जाने की परंपरा के बारे में बताया था. इसके बाद जवाहरलाल नेहरू की सहमति से राजदंड तैयार करने के बाद लॉर्ड माउंटबेटन ने जवाहरलाल नेहरू को आजादी के समय सौंपा था. जानकारी के अनुसार उसी दौरान का यह राजदंड विरावा संग्रहालय में रख दिया गया था. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस आशय की जानकारी आजादी के अमृत महोत्सव में प्राप्त हुई थी. इसके बाद उन्होंने इस मामले की जांच के बाद तय किया कि नई संसद के उद्घाटन के मौके पर से विधि-विधान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा. वहीं राजदंड को नई संसद में स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा.

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