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इंदौर सेंट्रल जेल में बंद कप्यूटर बाबा, अब माता की कर रहे आराधना - कंप्यूटर बाबा

इंदौर जिला प्रशासन की अतिक्रमण की कार्रवाई के चलते पिछले तीन दिनों से जेल में बंद कंप्यूटर बाबा माता की आराधना कर रहे हैं. प्रबंधन का कहना है कि एक दिन के लिए आइसोलेट किया हुआ था, वहीं अब उन्हें एक बैरक में रख गया है, जहां वो सामान्य कैदियों की तरह रह रहे हैं.

Computer Baba in Indore Central Jail
इंदौर सेंट्रल जेल में कंप्यूटर बाबा
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Published : Nov 11, 2020, 7:20 PM IST

इंदौर। रविवार को जिला प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई की थी, कार्रवाई को अंजाम देने से पहले कंप्यूटर बाबा व उनके शिष्यों को जिला प्रशासन ने इंदौर की सेंट्रल जेल में धारा 151 के तहत बंद कर दिया था. जहां सोमवार को उनके साथ बन्द 6 शिष्यों को इंदौर के एसडीएम कोर्ट ने धारा 151 के मामले में जमानत दे दी थी, लेकिन कम्प्यूटर बाबा को अभी तक धारा 151 के मामले में जमानत एसडीएम कोर्ट से नहीं मिली है. वहीं इस पूरे मामले के दौरान लगातार कंप्यूटर बाबा के विभिन्न बैंक अकाउंट के साथ ही विभिन्न जानकारियां जुटाई जा रही हैं. वहीं जेल के अंदर कंप्यूटर बाबा पिछले दो दिनों से एक सामान्य कैदी की तरह बंद हैं. जेल प्रबंधन का कहना है कि कंप्यूटर बाबा जेल के अंदर माता की आराधना में जुटे रहते हैं.

इंदौर सेंट्रल जेल में कंप्यूटर बाबा

पिछले दो दिनों से माता की आराधना में जुटे हैं कंप्यूटर बाबा

बता दें, पिछले रविवार को कंप्यूटर बाबा को कार्रवाई के तहत इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया था जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा को दो दिन बीत चुके हैं. वहीं जेल प्रबंधक का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद बाबा को एक दिन के लिए आइसोलेट किया हुआ था, वहीं अब उन्हें एक बैरक में रख गया है, जहां पर उनके साथ अन्य कोई कैदी नहीं है सिर्फ बाबा ही उस बैरक में रहते हैं. वहीं बैरक में उनकी दिनचर्या एक आम कैदी की तरह ही है वह जेल मैन्युअल के तहत सुबह जल्दी उठते हैं और अपने नित्य काम कर पूजा आराधना में जुट जाते हैं. जेल में बंद कंप्यूटर बाबा दो दिनों से अपने बैरक में माता की आराधना में जुटे हुए हैं. इस दौरान वह लगातार माता की आराधना करते रहते हैं, अभी तक उनकी तरफ से जेल प्रबंधन को किसी तरह की कोई डिमांड नहीं पहुंची है लेकिन उन्होंने जेल प्रबंधन से यह जरूर निवेदन किया है कि उन्हें पढ़ने के लिए पेपर दिया जाए.

इसके बाद एक सामान्य प्रक्रिया के तहत जेल प्रबंधक अन्य कैदियों को जो पेपर पढ़ने के लिए देते हैं वही उन्हें भी उपलब्ध करवाया जाता है. फिलहाल ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि आज कंप्यूटर बाबा की ओर से एसडीएम कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका प्रस्तुत की जा सकती है, फिलहाल जिला प्रशासन के अधिकारी उन्हें जमानत देने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. अपर कलेक्टर का कहना है कि कार्रवाई के दौरान उनके वहां से जो साक्ष्य मिले हैं उन की बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है, वहीं उनके विभिन्न बैंक खातों की भी जानकारी लगी है, जिनकी जांच की जा रही है.

अतिक्रमण हटाने में हुए खर्चे को भी कंप्यूटर बाबा से वसूलेगा निगम

गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने रविवार सुबह कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई की थी इस दौरान वहां पर बड़ी संख्या में अनियमितता मिली थी, जिसके बाद वहां पर जितना भी अवैध अतिक्रमण था उसे प्रशासन ने तोड़ दिया था. वहीं अतिक्रमण तोड़ने के बाद जिला प्रशासन ने उनके अन्य जिलों के भी आश्रमों की जानकारी मिली, जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई कर उन्हें भी तोड़ दिया था. वहीं इस पूरे मामले में जिला प्रशासन ने जो गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई को अंजाम दिया था और उसमें निगम का एक बड़ा अमला जुटा हुआ था. उस हमले का खर्चा भी प्रशासन कंप्यूटर बाबा से वसूलेगा. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें तकरीबन 35 हजार से अधिक की राशि अवैध अतिक्रमण हटाने लाए गए मजदूर व जेसीबी सहित अन्य कामों के लगी थी, जो कंप्यूटर बाबा से वसूली जाएगी.

ये भी पढ़ें-कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर चला प्रशासन का बुलडोजर, दिग्विजय सिंह ने की निंदा

बाबा के शिष्यों का भी डेटा निकाल रही प्रशासन

इसी के साथ यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि कंप्यूटर बाबा के साथ जो शिष्य 24 घंटे परछाई की तरह लगे रहते थे, उनकी भी कुंडली खंगाली जा रही है. वहीं कंप्यूटर बाबा के बारे में प्रशासन को यह भी जानकारी लगी है कि उन्होंने विभिन्न जगहों के लिए विभिन्न कामों को निपटाने के लिए एजेंटों को रखा हुआ था और इन्हीं एजेंटों के माध्यम से रेत माफिया व अलग-अलग लोगों से वसूली की जाती थी.

जानें मामला-नामदेव दास त्यागी से कैसे बन गए कम्प्यूटर बाबा ? करीब 10 घंटे तक हुई कार्रवाई की पल-पल की रिपोर्ट

बाबा और राजनीति

कंप्यूटर बाबा उर्फ नामदेव दास त्यागी सन् 2000 के आस पास आकर इंदौर में बस गए थे और उसके बाद से ही उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण लेकर जमकर अपनी रोटी सेकी. चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टी के बड़े नेताओं से उनके सीधे संबंध थे, जिसके कारण उन पर प्रशासन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करता था. हालांकि पिछले कुछ दिनों से उन्होंने बीजेपी कि सरकार से दूरी बना ली थी और बीजेपी सरकार ने जो राज्य सरकार मे दर्जा भी दिया था, लेकिन उन्होंने उस पद को ठुकरा कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. कांग्रेस की सरकार आते ही कांग्रेस पार्टी ने उन्हें एक बार फिर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया था, उसके बाद से वह बीजेपी के खिलाफ जमकर बोलने लगे. वही सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी वह लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के खिलाफ जमकर बोलते रहे और पिछले दिनों उपचुनाव के दौरान उन्होंने लोकतंत्र बचाओ यात्रा भी निकाली थी और उसी के नजरिए से इस कार्रवाई को देखा जा रहा है.

फिलहाल कंप्यूटर बाबा इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद हैं और अपनी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं वहीं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आज उनके समर्थक इंदौर के एसडीएम कोर्ट के समक्ष उनकी जमानत याचिका को लेकर आवेदन प्रस्तुत करेंगे. वहीं जेल में बंद कंप्यूटर बाबा लगातार माता की आराधना में जुटे हुए हैं. फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले समय में यदि कंप्यूटर बाबा बाहर आते हैं तो किस तरह से बीजेपी की सरकार पर हमला बोलते हैं.

इंदौर। रविवार को जिला प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई की थी, कार्रवाई को अंजाम देने से पहले कंप्यूटर बाबा व उनके शिष्यों को जिला प्रशासन ने इंदौर की सेंट्रल जेल में धारा 151 के तहत बंद कर दिया था. जहां सोमवार को उनके साथ बन्द 6 शिष्यों को इंदौर के एसडीएम कोर्ट ने धारा 151 के मामले में जमानत दे दी थी, लेकिन कम्प्यूटर बाबा को अभी तक धारा 151 के मामले में जमानत एसडीएम कोर्ट से नहीं मिली है. वहीं इस पूरे मामले के दौरान लगातार कंप्यूटर बाबा के विभिन्न बैंक अकाउंट के साथ ही विभिन्न जानकारियां जुटाई जा रही हैं. वहीं जेल के अंदर कंप्यूटर बाबा पिछले दो दिनों से एक सामान्य कैदी की तरह बंद हैं. जेल प्रबंधन का कहना है कि कंप्यूटर बाबा जेल के अंदर माता की आराधना में जुटे रहते हैं.

इंदौर सेंट्रल जेल में कंप्यूटर बाबा

पिछले दो दिनों से माता की आराधना में जुटे हैं कंप्यूटर बाबा

बता दें, पिछले रविवार को कंप्यूटर बाबा को कार्रवाई के तहत इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद कर दिया था जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा को दो दिन बीत चुके हैं. वहीं जेल प्रबंधक का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद बाबा को एक दिन के लिए आइसोलेट किया हुआ था, वहीं अब उन्हें एक बैरक में रख गया है, जहां पर उनके साथ अन्य कोई कैदी नहीं है सिर्फ बाबा ही उस बैरक में रहते हैं. वहीं बैरक में उनकी दिनचर्या एक आम कैदी की तरह ही है वह जेल मैन्युअल के तहत सुबह जल्दी उठते हैं और अपने नित्य काम कर पूजा आराधना में जुट जाते हैं. जेल में बंद कंप्यूटर बाबा दो दिनों से अपने बैरक में माता की आराधना में जुटे हुए हैं. इस दौरान वह लगातार माता की आराधना करते रहते हैं, अभी तक उनकी तरफ से जेल प्रबंधन को किसी तरह की कोई डिमांड नहीं पहुंची है लेकिन उन्होंने जेल प्रबंधन से यह जरूर निवेदन किया है कि उन्हें पढ़ने के लिए पेपर दिया जाए.

इसके बाद एक सामान्य प्रक्रिया के तहत जेल प्रबंधक अन्य कैदियों को जो पेपर पढ़ने के लिए देते हैं वही उन्हें भी उपलब्ध करवाया जाता है. फिलहाल ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि आज कंप्यूटर बाबा की ओर से एसडीएम कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका प्रस्तुत की जा सकती है, फिलहाल जिला प्रशासन के अधिकारी उन्हें जमानत देने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं. अपर कलेक्टर का कहना है कि कार्रवाई के दौरान उनके वहां से जो साक्ष्य मिले हैं उन की बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है, वहीं उनके विभिन्न बैंक खातों की भी जानकारी लगी है, जिनकी जांच की जा रही है.

अतिक्रमण हटाने में हुए खर्चे को भी कंप्यूटर बाबा से वसूलेगा निगम

गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने रविवार सुबह कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई की थी इस दौरान वहां पर बड़ी संख्या में अनियमितता मिली थी, जिसके बाद वहां पर जितना भी अवैध अतिक्रमण था उसे प्रशासन ने तोड़ दिया था. वहीं अतिक्रमण तोड़ने के बाद जिला प्रशासन ने उनके अन्य जिलों के भी आश्रमों की जानकारी मिली, जिस पर प्रशासन ने कार्रवाई कर उन्हें भी तोड़ दिया था. वहीं इस पूरे मामले में जिला प्रशासन ने जो गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण की कार्रवाई को अंजाम दिया था और उसमें निगम का एक बड़ा अमला जुटा हुआ था. उस हमले का खर्चा भी प्रशासन कंप्यूटर बाबा से वसूलेगा. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें तकरीबन 35 हजार से अधिक की राशि अवैध अतिक्रमण हटाने लाए गए मजदूर व जेसीबी सहित अन्य कामों के लगी थी, जो कंप्यूटर बाबा से वसूली जाएगी.

ये भी पढ़ें-कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर चला प्रशासन का बुलडोजर, दिग्विजय सिंह ने की निंदा

बाबा के शिष्यों का भी डेटा निकाल रही प्रशासन

इसी के साथ यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि कंप्यूटर बाबा के साथ जो शिष्य 24 घंटे परछाई की तरह लगे रहते थे, उनकी भी कुंडली खंगाली जा रही है. वहीं कंप्यूटर बाबा के बारे में प्रशासन को यह भी जानकारी लगी है कि उन्होंने विभिन्न जगहों के लिए विभिन्न कामों को निपटाने के लिए एजेंटों को रखा हुआ था और इन्हीं एजेंटों के माध्यम से रेत माफिया व अलग-अलग लोगों से वसूली की जाती थी.

जानें मामला-नामदेव दास त्यागी से कैसे बन गए कम्प्यूटर बाबा ? करीब 10 घंटे तक हुई कार्रवाई की पल-पल की रिपोर्ट

बाबा और राजनीति

कंप्यूटर बाबा उर्फ नामदेव दास त्यागी सन् 2000 के आस पास आकर इंदौर में बस गए थे और उसके बाद से ही उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण लेकर जमकर अपनी रोटी सेकी. चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टी के बड़े नेताओं से उनके सीधे संबंध थे, जिसके कारण उन पर प्रशासन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करता था. हालांकि पिछले कुछ दिनों से उन्होंने बीजेपी कि सरकार से दूरी बना ली थी और बीजेपी सरकार ने जो राज्य सरकार मे दर्जा भी दिया था, लेकिन उन्होंने उस पद को ठुकरा कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. कांग्रेस की सरकार आते ही कांग्रेस पार्टी ने उन्हें एक बार फिर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया था, उसके बाद से वह बीजेपी के खिलाफ जमकर बोलने लगे. वही सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी वह लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के खिलाफ जमकर बोलते रहे और पिछले दिनों उपचुनाव के दौरान उन्होंने लोकतंत्र बचाओ यात्रा भी निकाली थी और उसी के नजरिए से इस कार्रवाई को देखा जा रहा है.

फिलहाल कंप्यूटर बाबा इंदौर की सेंट्रल जेल में बंद हैं और अपनी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं वहीं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आज उनके समर्थक इंदौर के एसडीएम कोर्ट के समक्ष उनकी जमानत याचिका को लेकर आवेदन प्रस्तुत करेंगे. वहीं जेल में बंद कंप्यूटर बाबा लगातार माता की आराधना में जुटे हुए हैं. फिलहाल अब देखना होगा कि आने वाले समय में यदि कंप्यूटर बाबा बाहर आते हैं तो किस तरह से बीजेपी की सरकार पर हमला बोलते हैं.

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