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महापौर-निगम अधिकारियों सहित 23 के खिलाफ लोकायुक्त ने शुरू की जांच - etv bharat news

इंदौर नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व पार्षद और कांग्रेसी नेता दिलीप कौशल ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें महापौर सहित 23 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.

इंदौर नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत
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Published : Sep 30, 2019, 11:26 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:40 PM IST

इंदौर। स्वच्छता अभियान के नाम पर मनचाहे ठेकेदारों को अवैध तरीके से टेंडर जारी करने और ठेकेदारों को करोड़ों रुपए का भुगतान करने के मामले में लोकायुक्त इंदौर ने महापौर सहित पूर्व और वर्तमान आयुक्त के अलावा 23 अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. ये पहला मामला है जिसमें लोकायुक्त इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच की जा रही है.

पूर्व पार्षद और कांग्रेसी नेता दिलीप कौशल ने शिकायत की है कि इंदौर नगर निगम में पीडब्ल्यूडी के नियमानुसार टेंडर राशि में 10 से 25 फीसदी अतिरिक्त राशि की स्वीकृति का प्रावधान है. इसके अलावा एक लाख से अधिक का काम टेंडर द्वारा कराए जाने के नियमों के विपरीत महापौर परिषद ने बिना टेंडर के ही करोड़ों रुपए का भुगतान स्वीकृत कर दिया. पूर्व नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह और अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह ने भी मनचाहे ठेकेदारों को अतिरिक्त स्वीकृति के नाम पर 142 फीसदी बढ़ी हुई राशि का भुगतान बिना टेंडर के कर दिये.

लोकायुक्त में हुई शिकायत के अनुसार वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह ने भी नियमों के विरूद्ध भुगतान किया है. अधीक्षण यंत्री अशोक राठौड़ ने अन्य ठेकेदारों के साथ मिलकर उक्त दस्तावेज और अनुबंध तैयार कर उन पर हस्ताक्षर भी कर दिए. शिकायतकर्ता के अनुसार शहर के व्हाइट चर्च चौराहे के पास विकास के नाम पर एक ही कार्य के तीन अलग-अलग कार्य आदेश जारी किए गए.

शिकायत में शामिल नाम
महापौर मालिनी गौड़, पूर्व नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह, वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह, अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह, पूर्व अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर और एनएस तोमर, कार्यालय अधीक्षक विजय सक्सेना, कंप्यूटर ऑपरेटर पूजा सर्राफ और ठेकेदारों सहित 23 लोगों के मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई है.

इंदौर। स्वच्छता अभियान के नाम पर मनचाहे ठेकेदारों को अवैध तरीके से टेंडर जारी करने और ठेकेदारों को करोड़ों रुपए का भुगतान करने के मामले में लोकायुक्त इंदौर ने महापौर सहित पूर्व और वर्तमान आयुक्त के अलावा 23 अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. ये पहला मामला है जिसमें लोकायुक्त इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच की जा रही है.

पूर्व पार्षद और कांग्रेसी नेता दिलीप कौशल ने शिकायत की है कि इंदौर नगर निगम में पीडब्ल्यूडी के नियमानुसार टेंडर राशि में 10 से 25 फीसदी अतिरिक्त राशि की स्वीकृति का प्रावधान है. इसके अलावा एक लाख से अधिक का काम टेंडर द्वारा कराए जाने के नियमों के विपरीत महापौर परिषद ने बिना टेंडर के ही करोड़ों रुपए का भुगतान स्वीकृत कर दिया. पूर्व नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह और अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह ने भी मनचाहे ठेकेदारों को अतिरिक्त स्वीकृति के नाम पर 142 फीसदी बढ़ी हुई राशि का भुगतान बिना टेंडर के कर दिये.

लोकायुक्त में हुई शिकायत के अनुसार वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह ने भी नियमों के विरूद्ध भुगतान किया है. अधीक्षण यंत्री अशोक राठौड़ ने अन्य ठेकेदारों के साथ मिलकर उक्त दस्तावेज और अनुबंध तैयार कर उन पर हस्ताक्षर भी कर दिए. शिकायतकर्ता के अनुसार शहर के व्हाइट चर्च चौराहे के पास विकास के नाम पर एक ही कार्य के तीन अलग-अलग कार्य आदेश जारी किए गए.

शिकायत में शामिल नाम
महापौर मालिनी गौड़, पूर्व नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह, वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह, अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह, पूर्व अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर और एनएस तोमर, कार्यालय अधीक्षक विजय सक्सेना, कंप्यूटर ऑपरेटर पूजा सर्राफ और ठेकेदारों सहित 23 लोगों के मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई है.

Intro:इंदौर /स्वच्छता अभियान के नाम पर मनचाहे ठेकेदारों को अवैध तरीके से टेंडर जारी करने और ठेकेदारों को करोड़ों रुपए का भुगतान करने के मामले में एक शिकायत पर लोकायुक्त इंदौर ने इंदौर महापौर समेत पूर्व और वर्तमान आयुक्त के अलावा 23 अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू की है यह पहला मामला है जिसमें लोकायुक्त द्वारा इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच की जा रही है दरअसल लोकायुक्त को यह शिकायत पूर्व पार्षद और कांग्रेसी नेता दिलीप कौशल ने की है जिस पर लोकायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं


Body:गौरतलब है लोकायुक्त कार्यालय को जो शिकायत की गई है उसके अनुसार इंदौर नगर निगम में पीडब्ल्यूडी के नियमानुसार टेंडर राशि में 10 से 25 परसेंट अतिरिक्त राशि की स्वीकृति का प्रावधान है l इसके अलावा ₹ 1 लाख से अधिक के काम टेंडर द्वारा कराए जाने के नियमों के विपरीत इंदौर नगर निगम की महापौर परिषद ने बिना टेंडर के ही करोड़ों रुपए के भुगतान की स्वीकृति की है, इस मामले में पता चला है कि पूर्व नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह एवं अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह ने भी मनचाही ठेकेदारों को अतिरिक्त स्वीकृति के नाम पर 142 फीस दी बढ़ी हुई राशि का भुगतान बिना टेंडर के नियम विरुद्ध कर दिया इतना ही नहीं वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह ने भी ऐसे भुगतान की अनुशंसा कर भुगतान किया एवं अधीक्षण यंत्री अशोक राठौड़ ने अन्य ठेकेदारों के साथ मिलकर उक्त दस्तावेज एवं अनुबंध तैयार किए और उन पर हस्ताक्षर भी कर लिए इसके बाद ठेकेदारों से मिलकर करोड़ों रुपए का भुगतान नियम विरुद्ध तरीके से कर लिया गया शिकायतकर्ता के अनुसार इसी प्रकार की मनमानी करते हुए शहर के व्हाइट चर्च चौराहे के विकास के नाम पर तीन अलग-अलग कार्य आदेश जारी किए गए और कार्य एक ही किया गया


Conclusion:इनके नाम है शिकायत में

महापौर मालिनी गौड़, पूर्व नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह वर्तमान आयुक्त आशीष सिंह अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह पूर्व अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर एवं एनएस तोमर कार्यालय अधीक्षक विजय सक्सेना कंप्यूटर ऑपरेटर पूजा सराफ एवं ठेकेदारों सहित कुल 23 लोगों के विरुद्ध शिकायत क्रमांक 203 /2019 पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई है इस मामले में संबंधित को 4 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक दस्तावेज प्रस्तुत करने तथा लोकायुक्त कार्यालय में उपस्थित होने संबंधी सूचना पत्र जारी किया गया है

बाइट, दिलीप कौशल शिकायतकर्ता एवं कांग्रेस नेता
Last Updated : Sep 30, 2019, 11:40 PM IST
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