इंदौर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में शिकायतकर्ता नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह को नगर निगम के प्रभारी आयुक्त कृष्ण चैतन्य ने निलंबित कर दिया है. बताया जा रहा है कि इंदौर महापौर मालिनी गौड़ और एमआईसी सदस्यों की आपत्ति के बाद यह आदेश जारी किया गया है. इंदौर महापौर ने प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री से फोन पर चर्चा कर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह को हटाने की अनुशंसा की थी.
इंदौर नगर निगम में नियुक्त हरभजन सिंह के द्वारा पलासिया थाने पर शिकायत के बाद हनीट्रैप का मामला उजागर हुआ था. इस पूरे मामले में हरभजन सिंह के चरित्र पर भी सवाल खड़े किए गए थे और इंदौर महापौर ने इसकी शिकायत नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह से भी की थी. इसके साथ ही इंदौर नगर निगम के एमआईसी मेंबरों ने भी हरभजन सिंह को हटाने के लिए मोर्चा खोल दिया था.
सोमवार सुबह हरभजन सिंह अपने कार्यालय पहुंचे और सामान्य कामकाज उनके द्वारा प्रारंभ कर दिया गया. जिसके बाद नगर निगम के जनप्रतिनिधियों ने विदेश यात्रा पर गए आयुक्त आशीष सिंह को यह शिकायत भी की थी कि नगर निगम की छवि धूमिल कर रहा व्यक्ति कार्यालय में कैसे बैठ सकता है, साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को यह भी आशंका थी कि हरभजन सिंह अमृत योजना और नर्मदा प्रोजेक्ट के दस्तावेजों की फाइलें गायब कर सकते हैं. इसी को देखते हुए प्रभारी आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने बिना देर किए हरभजन सिंह को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए.
हालांकि इस पूरे मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई है. बताया जा रहा है कि हनीट्रैप के द्वारा प्रदेश के कई बड़े टेंडरों में गड़बड़ियां की गई हैं.