इंदौर। सड़े आलू से चिप्स बनाने की घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने फैक्ट्री ठोस कार्रवाई की थी. इसके साथ ही अब कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी और ड्रग इंस्पेक्टर से भी काम छीन लिया है. जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने जैसे विषयों की अनदेखी करने और सही मॉनिटरिंग नहीं होने पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए यह पूरी कार्रवाई की है. इसके साथ ही मातृ वंदना योजना में भी लापरवाही करने पर कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है.
इंदौर कलेक्टर कार्यालय में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए 11 अधिकारियों पर गाज गिराई है. इनमें से कुछ अधिकारी तो सालों से एक विभाग में जमा हुए थे. बता दें इंदौर में मिलावटखोरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही थी, लेकिन यह भी सवाल खड़े किए जा रहे थे कि इस कार्रवाई के पीछे दोषी अधिकारियों पर कब गाज गिरेगी.
ड्रग इंस्पेक्टर और खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर कार्रवाई
इंदौर में सड़े हुए आलू से चिप्स बनाने की घटना सामने आने के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी और ड्रग इंस्पेक्टर राजेश जैन को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में अटैच कर दिया. इन दोनों अधिकारियों से फील्ड के सभी काम भी छीन लिए गए हैं.
मातृ वंदना योजना में लापरवाही पर कारवाई
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के 6 पर्यवेक्षक और 3 परियोजना अधिकारियों पर भी बड़ी कार्रवाई की है. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में लापरवाही और लक्ष्य के अनुसार काम न होने पर 6 पर्यवेक्षकों की दो वेतन वृद्धि रोकी गई है. वहीं तीन परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. परियोजना अधिकारियों से 3 दिन में जवाब भी मांगा गया है.
इंदौर में जल्द ही आलू चिप्स और सेव निर्माताओं का सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा. चिप्स बनाने वाली इकाइयों को नियम कानून और खाद्य सुरक्षा के मापदंडों से भी इस दौरान अवगत कराया जाएगा, ताकि इंदौर की छवि के अनुरूप पूरी गुणवत्ता के साथ चिप्स निर्माण हो सके.