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Chhath Puja 2022: नहाय-खाय संग आस्था के महापर्व छठ की होगी शुरुआत, पूर्वांचल के लोगों में उत्साह

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Published : Oct 27, 2022, 7:07 AM IST

छठ सूर्योपासना का पर्व है. ब्रह्मांड का चराचर जीव भगवान सूर्य से ऊर्जा पाते हैं. पृथ्वी पर जीवन भगवान भास्कर के कारण ही संभव है. पूर्वांचल ही नहीं, अब दूसरे प्रदेशों में भी जहां पूर्वांचल के लोग बसे हैं वहां पूरे भक्ति भाव से छठ त्योहार मनाया जाता है. सौभाग्य, आरोग्य, शांति, खुशहाली, संतान प्राप्ति की कामना के साथ छठ व्रती चार दिनों तक उपासना में लीन रहते हैं. चार दिवसीय छठ महोत्सव की शुरुआत 28 अक्टूबर (शुक्रवार) को नहाय खाय से होगी. (Chhath Puja 2022) (chhat festival 2022)(indore chhath mahaparv)(chhath puja 80 ghats in indore) (Chhath Puja 2022 Date)

Chhath Puja 2022
छठ की शुरुआत

इंदौर। चार दिवसीय छठ महोत्सव की शुरुआत 28 अक्टूबर (शुक्रवार) को नहाय खाय से होगी. इस दिन छठ व्रतियों एवं उनके परिजनों द्वारा घर की सफाई कर शुद्ध किया जाएगा. इसके बाद छठव्रती स्नान कर शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करेंगी. व्रत का भोजन ग्रहण करने के बाद घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करेंगे. छठ महापर्व के दूसरे दिन 29 अक्टूबर (शनिवार) को खरना का आयोजन होगा. जिसके बाद सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखेंगी. इस दिन संध्याकाळ व्रतियों द्वारा मिट्टी के बने नए चूल्हे आम की लकड़ी से पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर एवं गेहूं की रोटी का प्रसाद का भोग लगाया जाएगा. इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास होगा. खरना के अगले दिन छठ व्रतियों के घरों में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाएगा. (Chhath Puja 2022) (chhat festival 2022)(indore chhath mahaparv)(chhath puja 80 ghats in indore) (Chhath Puja 2022 Date)

पूर्वांचल के लोगों में उत्साह: छठ महापर्व के तीसरे दिन 30 (रविवार) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को व्रती महिलाएं एवं पुरुष अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देंगे. छठ महापर्व का समापन 31 अक्टूबर (सोमवार) को श्रद्धालुओं द्वारा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात समाप्त होगा. शहर के 80 से अधिक घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन होगा. कोरोना महामारी के दो साल बाद इस वर्ष शहर भर में छठ महापर्व का आयोजन वृहद रूप से बिना किसी प्रतिबंध के आयोजित किया जा रहा है. जिसके कारण शहर के पूर्वांचल के निवासियों में विशेष उत्साह है.

घाटों की सफाई शुरू: पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश की अगुवाई में इस वर्ष पूरे शहर में छठ महापर्व का आयोजन किया जा रहा है. छठ आयोजन समितियों द्वारा दिवाली के बाद से छठ घाटों की सफाई शुरू कर दी गई है. इस कार्य में इंदौर नगर निगम के पार्षदों एवं अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है. शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष स्कीम नं. 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, पिपलियाहाना तालाब, कैट रोड, कालानी नगर , एरोड्रम रोड, सिलिकॉन सिटी देवास नाका, निपानिया, राउ, पीथमपुर सहित 80 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा आयोजन होता है. यहां शहर में रह रहे पूर्वांचल- विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुगण डूबते एवं उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

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छठ महापर्व बना राष्ट्रीय त्यौहार: यह महापर्व सिर्फ बिहार एवं उत्तर प्रदेश का त्यौहार नहीं है. बल्कि इसने राष्ट्रीय एवं वैश्विक रूप ले लिया है. हजारों किमी दूर स्थित पूर्वांचल के लोगों में भी पर्व के प्रति अगाध श्रद्धा है. विदेशों तथा देश के विभिन्न भागों में रह रहे पूर्वांचल के लोगों को अब उन्हें छठ पूजन सामग्री भी ऑनलाइन उपलब्ध होने लगी है. इस महापर्व के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा एवं लोकप्रियता को देखते हुए शहर के मालवा मिल, पाटनीपुरा सहित अनेकों क्षेत्रों में छठ पूजा में उपयोग होने वाली सामग्रियों को स्थानीय लोगों द्वारा बेचा जाता है. (Chhath Puja 2022) (chhat festival 2022)(indore chhath mahaparv)(chhath puja 80 ghats in indore)

इंदौर। चार दिवसीय छठ महोत्सव की शुरुआत 28 अक्टूबर (शुक्रवार) को नहाय खाय से होगी. इस दिन छठ व्रतियों एवं उनके परिजनों द्वारा घर की सफाई कर शुद्ध किया जाएगा. इसके बाद छठव्रती स्नान कर शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करेंगी. व्रत का भोजन ग्रहण करने के बाद घर के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करेंगे. छठ महापर्व के दूसरे दिन 29 अक्टूबर (शनिवार) को खरना का आयोजन होगा. जिसके बाद सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखेंगी. इस दिन संध्याकाळ व्रतियों द्वारा मिट्टी के बने नए चूल्हे आम की लकड़ी से पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर एवं गेहूं की रोटी का प्रसाद का भोग लगाया जाएगा. इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास होगा. खरना के अगले दिन छठ व्रतियों के घरों में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद भी बनाया जाएगा. (Chhath Puja 2022) (chhat festival 2022)(indore chhath mahaparv)(chhath puja 80 ghats in indore) (Chhath Puja 2022 Date)

पूर्वांचल के लोगों में उत्साह: छठ महापर्व के तीसरे दिन 30 (रविवार) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को व्रती महिलाएं एवं पुरुष अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य देंगे. छठ महापर्व का समापन 31 अक्टूबर (सोमवार) को श्रद्धालुओं द्वारा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात समाप्त होगा. शहर के 80 से अधिक घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन होगा. कोरोना महामारी के दो साल बाद इस वर्ष शहर भर में छठ महापर्व का आयोजन वृहद रूप से बिना किसी प्रतिबंध के आयोजित किया जा रहा है. जिसके कारण शहर के पूर्वांचल के निवासियों में विशेष उत्साह है.

घाटों की सफाई शुरू: पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्यप्रदेश की अगुवाई में इस वर्ष पूरे शहर में छठ महापर्व का आयोजन किया जा रहा है. छठ आयोजन समितियों द्वारा दिवाली के बाद से छठ घाटों की सफाई शुरू कर दी गई है. इस कार्य में इंदौर नगर निगम के पार्षदों एवं अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है. शहर एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष स्कीम नं. 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, पिपलियाहाना तालाब, कैट रोड, कालानी नगर , एरोड्रम रोड, सिलिकॉन सिटी देवास नाका, निपानिया, राउ, पीथमपुर सहित 80 से अधिक स्थानों पर छठ पूजा आयोजन होता है. यहां शहर में रह रहे पूर्वांचल- विशेष रूप से बिहार, झारखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुगण डूबते एवं उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

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छठ महापर्व बना राष्ट्रीय त्यौहार: यह महापर्व सिर्फ बिहार एवं उत्तर प्रदेश का त्यौहार नहीं है. बल्कि इसने राष्ट्रीय एवं वैश्विक रूप ले लिया है. हजारों किमी दूर स्थित पूर्वांचल के लोगों में भी पर्व के प्रति अगाध श्रद्धा है. विदेशों तथा देश के विभिन्न भागों में रह रहे पूर्वांचल के लोगों को अब उन्हें छठ पूजन सामग्री भी ऑनलाइन उपलब्ध होने लगी है. इस महापर्व के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा एवं लोकप्रियता को देखते हुए शहर के मालवा मिल, पाटनीपुरा सहित अनेकों क्षेत्रों में छठ पूजा में उपयोग होने वाली सामग्रियों को स्थानीय लोगों द्वारा बेचा जाता है. (Chhath Puja 2022) (chhat festival 2022)(indore chhath mahaparv)(chhath puja 80 ghats in indore)

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