इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्याल में नए कुलपति की नियुक्ति के बाद पहला बड़ा फैसला सामने आया है. कुलपति डॉ. रेणु जैन ने विश्वविद्यालय में होने वाली सीईटी परीक्षा को निरस्त करने का फैसला लिया है. जिसके बाद छात्रों का चयन मेरिट के आधार पर होगा. विश्वविद्यालय में 23 जून को सीईटी का एग्जाम हो चुका था.
देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में तीन हजार सीटों के लिए 23 जून को देशभर के करीब सेंटरों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) की परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई थी. मामला सामने आने के बाद तत्कालीन कुलपति नरेंद्र धाकड़ को पद से हटा कर विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू कर दी गई थी. नरेंद्र धाकड़ के पद से हटने के 32 दिन बाद डॉ. रेणु जैन को देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय के नए कुलपति की जिम्मेदारी सौंपी है.
नए कुलपति नें विश्वविद्याल के सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक अयोजित कर सर्वसम्मति सीईटी की परीक्षा को निरस्त किए जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि अब इन पदों पर मेरिट के आधार पर जल्द ही छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा.