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स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर फिर शुरू होगा अभियान

इंदौर में एक बार फिर स्कूल चालू होने के बाद आरटीओ विभाग ने स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सूक्ष्मता से जांच करने का अभियान शुरू करने जा रहा है.

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Published : Jan 7, 2021, 1:40 PM IST

Indore RTO
इंदौर आरटीओ

इंदौर। डीपीएस बस हादसे को 3 साल से अधिक का समय बीत चुका है. इस हादसे में 5 बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके बाद से स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सवाल खड़े हुए थे. इंदौर में एक बार फिर स्कूल चालू होने के बाद आरटीओ विभाग ने स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सूक्ष्मता से जांच करने का अभियान शुरू करने जा रहा है. कई दिनों से स्कूल बंद होने के कारण विभाग के द्वारा इस अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, लेकिन अब एक बार फिर से स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर जांच की जाएगी.

बसों की होगी जांच
इंदौर में आरटीओ के द्वारा एक बार फिर स्कूल बसों के फिटनेस की जांच शुरू की जा रही है. स्कूलों के शुरू होने के बाद शहर में स्कूल बसे भी शुरू हो गई है. कई दिनों से स्कूल बंद होने के कारण स्कूल बसें सड़कों पर नहीं दौड़ रही थी. वही बसों के फिटनेस की वैधता 25 दिसंबर कर दी गई थी. अब 31 दिसंबर निकल जाने के बाद नए साल में बसों के फिटनेस को लेकर आरटीओ अपना अभियान तेजी से शुरू करेगा.डीपीएस बस हादसे के बाद से रखी जा रही खास निगरानीइंदौर में डीपीएस बस हादसे के बाद से लगातार स्कूल बच्चों के फिटनेस को लेकर सवाल उठ रहे थे. अब कोरोना काल में एक बार फिर स्कूल खुले हैं और बसों के माध्यम से बच्चों को लाने ले जाने का काम किया जा रहा है. इन बसों के फिटनेस को लेकर लगातार सवाल उठने के बाद अब आरटीओ सूक्ष्मता से इनकी जांच शुरू करने जा रहा है. बसों में बच्चों की संख्या और बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच शुरू की जाएगी. जिसके लिए आरटीओ विभाग अपने अमले को सड़कों पर भी उतरेगा. आरटीओ विभाग को अदेशा है कि कोरोना वायरस बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो चुके हैं, लेकिन फिर भी उनका संचालन स्कूल संचालकों के द्वारा किया जा रहा है. इंदौर में हुए स्कूल बस हादसे में हो चुकी है 5 बच्चों की मौतइंदौर में 5 जनवरी 2018 को दिल्ली पब्लिक स्कूल कि बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसमें 5 बच्चों समेत चालक की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही मध्य प्रदेश में स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सवाल खड़े किए गए थे और तेज अभियान भी चलाया गया था. लेकिन उसके बावजूद स्कूल बसों को लेकर जारी स्कूलों की लापरवाही सुधारी नहीं जा सकी. हालांकि अब एक बार फिर स्कूल खुले हैं और आरटीओ के द्वारा स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सूक्ष्मता से जांच की बात कही जा रही है. ताकि डीपीएस बस हादसा जैसा कोई हादसे की पुनरावृत्ति ना की जा सके.

इंदौर। डीपीएस बस हादसे को 3 साल से अधिक का समय बीत चुका है. इस हादसे में 5 बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके बाद से स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सवाल खड़े हुए थे. इंदौर में एक बार फिर स्कूल चालू होने के बाद आरटीओ विभाग ने स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सूक्ष्मता से जांच करने का अभियान शुरू करने जा रहा है. कई दिनों से स्कूल बंद होने के कारण विभाग के द्वारा इस अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, लेकिन अब एक बार फिर से स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर जांच की जाएगी.

बसों की होगी जांच
इंदौर में आरटीओ के द्वारा एक बार फिर स्कूल बसों के फिटनेस की जांच शुरू की जा रही है. स्कूलों के शुरू होने के बाद शहर में स्कूल बसे भी शुरू हो गई है. कई दिनों से स्कूल बंद होने के कारण स्कूल बसें सड़कों पर नहीं दौड़ रही थी. वही बसों के फिटनेस की वैधता 25 दिसंबर कर दी गई थी. अब 31 दिसंबर निकल जाने के बाद नए साल में बसों के फिटनेस को लेकर आरटीओ अपना अभियान तेजी से शुरू करेगा.डीपीएस बस हादसे के बाद से रखी जा रही खास निगरानीइंदौर में डीपीएस बस हादसे के बाद से लगातार स्कूल बच्चों के फिटनेस को लेकर सवाल उठ रहे थे. अब कोरोना काल में एक बार फिर स्कूल खुले हैं और बसों के माध्यम से बच्चों को लाने ले जाने का काम किया जा रहा है. इन बसों के फिटनेस को लेकर लगातार सवाल उठने के बाद अब आरटीओ सूक्ष्मता से इनकी जांच शुरू करने जा रहा है. बसों में बच्चों की संख्या और बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच शुरू की जाएगी. जिसके लिए आरटीओ विभाग अपने अमले को सड़कों पर भी उतरेगा. आरटीओ विभाग को अदेशा है कि कोरोना वायरस बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो चुके हैं, लेकिन फिर भी उनका संचालन स्कूल संचालकों के द्वारा किया जा रहा है. इंदौर में हुए स्कूल बस हादसे में हो चुकी है 5 बच्चों की मौतइंदौर में 5 जनवरी 2018 को दिल्ली पब्लिक स्कूल कि बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसमें 5 बच्चों समेत चालक की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही मध्य प्रदेश में स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सवाल खड़े किए गए थे और तेज अभियान भी चलाया गया था. लेकिन उसके बावजूद स्कूल बसों को लेकर जारी स्कूलों की लापरवाही सुधारी नहीं जा सकी. हालांकि अब एक बार फिर स्कूल खुले हैं और आरटीओ के द्वारा स्कूल बसों के फिटनेस को लेकर सूक्ष्मता से जांच की बात कही जा रही है. ताकि डीपीएस बस हादसा जैसा कोई हादसे की पुनरावृत्ति ना की जा सके.
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