इंदौर। शहर में निगमायुक्त के निर्देश के क्रम में निगम के समस्त झोनल अधिकारियों द्वारा उनके झोन क्षेत्र के अंतर्गत पक्का वेस्ट मटेरियल हटाने और शहर को जीरो सीएंडडी (Construction and Demolition ) वेस्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के अंतर्गत समस्त झोनल अधिकारियों द्वारा उनके झोन क्षेत्र में जहां भी सीएंडडी वेस्ट पड़ा हुआ है, उसे ट्रेन्चिंग ग्राउण्ड स्थित सीएंडडी प्लांट पर पहुंचाया जा रहा है. जहां पर इस वेस्ट से ईट और टाइल्स का निर्माण हो रहा है.
इंदौर निगम आयुक्त ने प्रत्येक झोन को सीएंडडी वेस्ट अभियान चलाने व पूरे शहर को जीरों सीएंडडी वेस्ट करने के निर्देश दिये गए हैं, साथ ही निगम के इंदौर 311 एप पर सीएंडडी वेस्ट हटाने के लिए सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इस एप पर नागरिकों को जिस स्थान पर सीएंडडी वेस्ट पड़ा हुआ है, उसकी जानकारी देनी होगी, जिसके अन्तर्गत खुले प्लाट या मैदान पर और अन्य स्थान पर कही भी सीएंडडी वेस्ट पड़ हुआ है तो उसकी जानकारी नागरिक इंदौर 311 एप पर दे सकते हैं. जहां से निगम द्वारा सीएंडडी वेस्ट उठाने व हटाने की कार्रवाई की जाएगी. इस अभियान के अंतर्गत निगम पिछले चार दिनों में लगभग 40 बडे़ डंपर और 100 ट्रैक्टर- ट्राली से अधिक सीएंडडी वेस्ट ट्रेन्चिंग ग्राउंड स्थित प्लांट पर भेज चुका है.
आयुक्त ने नागरिकों से भी अपील की है कि, यदि उनको कहीं आसपास सीएंडडी वेस्ट पड़ा हुआ दिखाई देता है, तो वह इंदौर 311 एप पर उसकी जानकारी डाले और शहर को जीरो सीएंडडी वेस्ट बनाने के निगम के अभियान में सहयोग प्रदान करें.
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फंड की कमी से पिछड़ा स्मार्ट सिटी का काम
इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के पास फंड की कमी होने के कारण कई काम पिछड़ गए हैं. इसका असर स्मार्ट सिटी की रैंकिंग पर भी पड़ा है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा सितंबर में हुए कामों की रैंकिंग में इंदौर एक पायदान नीचे खिसक कर 5 वे नंबर पर आ गया है, हालांकि इंदौर टॉप टेन में फिलहाल अपनी जगह बनाए हुए हैं.
स्मार्ट सिटी के तहत हुए कामों में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सितंबर की रैंकिंग जारी की है. देश के 100 स्मार्ट सिटी शहरों की जारी हुई इस रैंकिंग में इंदौर पांचवें पायदान पर आ गया है, इससे पहले इंदौर का स्थान चौथा था. इंदौर को इस रैंकिंग में 78.69 अंक मिले हैं, हालांकि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के पास फंड की कमी होना बताया जा रहा है. जिसकी वजह से काम को गति नहीं मिल रही है.
प्रदेश सरकार के द्वारा स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अपना अंशदान तो अभी तक दिया नहीं गया है, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 50 करोड़ रुपए भी अभी तक इंदौर को नहीं मिले हैं, जिसके कारण इंदौर के कई काम प्रभावित हो रहे हैं. स्मार्ट सिटी के तहत इंदौर के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिसमें हेरिटेज वॉक और सड़कों का चौड़ीकरण शामिल है.