इंदौर। कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर के पर लगे डकैती के आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया है. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये जो आरोप लगे हैं वो निराधार हैं. ये एक साजिश थी. वन विभाग की तरफ से जिस जमीन को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं, वो जमीन राजस्व की है. इस तरह से तो ये उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है. इसके अलावा जो निर्माण कार्य कराया जा रहा था, उसके पीछे की मंशा क्षेत्र के विकास की थी. जांच में स्पष्ट हो गया है कि वो जमीन वन विभाग की है ही नहीं. फिर भी वो मान नहीं रहे हैं. ये अतिवादिता है.आरोप सरासर गलत हैं. लेकिन मेरा मानना है कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं.
'स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान हमारी जिम्मेदारी'
उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के एक गांव का रास्ता बेहद ही खराब हो गया था. जिसको समतल करने को लेकर कई बार वन विभाग को बोला गया, लेकिन जब वन विभाग ने रोड ठीक नहीं किया तो उनके मंडल अध्यक्ष ने अपने खेत से मिट्टी निकाल कर उसे ठीक किया है. जिसे वन विभाग अवैध खनन करार दे रहा है. उन्हें जब इस बात की जानकारी मिली थी कि उनके खिलाफ आवेदन दिया गया है, तो उन्होंने खुद वन मंत्री विजय शाह से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की. जिसमें अब लगभग सब कुछ साफ हो गया है.
आरएस दुबे ने कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री से भी की थी मांग
तमाम प्रयासों के बाद भी जब मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो नाराज आरएस दुबे ने शिकायत की एक कॉपी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वन विभाग के मंत्री विजय शाह के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को ट्वीट कर कार्रवाई करने की मांग की थी.
शिकायत दर्ज कराने वाले वनपाल का ट्रांसफर
पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर पर डकैती का मामला दर्ज करने के लिए आवेदन देने वाले वनपाल आरएस दुबे का तबदला कर दिया गया था. आरएस दुबे को बड़गोंदा से हटाकर मानपुर में पदस्थ किया गया है. वहीं, बड़गोंदा की जिम्मेदारी अब पवन दुबे को दी गई है. वनपाल पर यह कार्रवाई वन संरक्षक किरण विशेन की तरफ से की गई.
क्या था मामला ?
जानकारी के मुताबिक प्रतिबंधित वन क्षेत्र के एरिया में कुछ लोगों द्वारा अवैध खनन और सड़क मार्ग का अवैध निर्माण किया जा रहा था, मौके से जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली को वन विभाग की टीम ने जब्त कर उस पर प्रकरण दर्ज कर दिया था, बाद में कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर अपने 15-20 समर्थकों के साथ पहुंचकर जबरदस्ती जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली उठाकर ले गईं थी. जिसके बाद वनपाल आरएस दुबे ने उन पर बड़गोंदा थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. बाद में पुलिस ने मामले को मंत्री से जुड़ा देख आला अधिकारियों से चर्चा कर कार्रवाई करने की बात कहकर आरएस दुबे को लौटा दिया था.
राशन घोटाले पर क्या बोलीं उषा ?
राशन घोटाले को लेकर जब कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर से सवाल किया गया है कि दो आरोपियों पर तो रासुका के तहत कार्रवाई कर दी गई. लेकिन प्रमोद दहिगुडे पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. बताया जा रहा है कि आरोपी संघ से जुड़ा हुआ है. इसलिए बचाया जा रहा है. इस पर उषा ठाकुर ने कहा कि जांच चल रही है, अगर उनके खिलाफ सबूत मिलते हैं, तो कार्रवाई हो. हर दोषी को सजा मिलना चाहिए. साथ ही उनसे पूछा गया है कि प्रमोद को आप जानतीं हैं, तो उन्होंने साफ कहा है कि मेरा किसी गलत से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है.
बता दें इंदौर में 80 लाख रुपए से ज्यादा का राशन घोटाला हुआ है. जिसमें 12 राशन दुकानों से करीब 51,000 गरीब परिवारों के निवाले पर डाका डाला गया है. आरोपी भरत दवे और श्याम दवे समेत चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. शुरूआत में प्रमोद दहिगुडे का भी नाम मुख्य आरोपियों के लिस्ट में था. लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके चलते कई सवाल खड़े हो रहे हैं.