इंदौर। अपने कारनामों से हमेशा लोगों को चौंकाने वाले बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों लोगों के साथ एक बैठक कर डाली. इंदौर के रेड जोन में होने के कारण पूरे शहर में कर्फ्यू लागू है. धारा 144 लागू होने के कारण लोगों का एक स्थान पर एकत्रित होना अपराध की श्रेणी में है. ऐसे में जब क्षेत्र क्रमांक 3 के जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने का मामला सामने आया तो विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपनी सर्वाधिक कोरोना संक्रमित विधानसभा क्षेत्र के पांच-पांच लोगों को बुलाकर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाने के लिए बैठक कर डाली.
एक तरफ जहां पूरे मुल्क में तीसरा लॉकडाउन लागू है और इंदौर से ही सबसे ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. जिले में डेढ़ हज़ार से ज्यादा मामले कोरोना के हैं. बावजूद इसके बगैर किसी डर के सोशल डिस्टेंसिंग को ताक में रखते हुए यह मीटिंग की गई.
आकाश विजयवर्गीय ने दी सफाई
मामला जब सुर्खियों में आया तो विधायक ने स्पष्ट किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए लोगों को बुलाया गया था. हालांकि लॉकडाउन का उल्लंघन इसलिए नहीं है, क्योंकि सभी के पास मास्क कर्फ्यू पास और ग्लब्ज मौजूद थे. वहीं बैठक में सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता का पालन किया गया था. आकाश विजवर्गीय ने कहा कि वर्तमान विपरीत दौर में सबसे ज्यादा लोगों को इस समय जनप्रतिनिधियों की आवश्यकता है. आम लोगों की मदद के लिए जो कार्यकर्ता अपनी जान को खतरे में डालकर यह काम संभाल रहे हैं वे बधाई के पात्र हैं.
मित्तल धर्मशाला में एकत्रित हुए सभी लोग
इंदौर का विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 सर्वाधिक संक्रमित क्षेत्र है, जहां रानीपुरा, टाट पट्टी, बाखल छिपा, बाखल आदि संक्रमित क्षेत्र हैं. विधायक की बैठक में इन्हीं तमाम क्षेत्रों के पांच-पांच कार्यकर्ता क्षेत्र क्रमांक 2 स्थित नंदा नगर में मित्तल धर्मशाला में एकत्रित हुए थे, जिन्हें कर्फ्यू के दौरान राहत सामग्री वितरण को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई.