इंदौर। भय्यू महाराज की आत्महत्या के बाद समय-समय पर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग होती रही है. महाराज के शिष्य इस मामले में सीबीआई को पत्र भी लिख चुके हैं और आज भी वही चाहते हैं कि इस मामले में सीबीआई निष्पक्ष जांच करें. उनका मानना है ऐसा हुआ तो यह मामला आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का निकलेगा. वहीं दूसरी ओर आरोपी पक्ष के वकील जिला कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को चैलेंज करते हुए अब उच्च न्यायालय में न्याय की गुहार लगाएंगे.
'सीबीआई जांच से साफ होगी तस्वीर'
भय्यू महाराज की मौत के बाद उज्जैन के रहने वाले उनके शिष्य भारत पोरवाल ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी और उन्होंने सीबीआई को पत्र भी लिखा था. वो आज भी अपनी मांग पर कायम हैं. वहीं इंदौर जिला कोर्ट द्वारा सेवादार विनायक केयरटेकर पालक और सेवादार शरद को 6 साल की सजा सुनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करते हैं. उनका मानना है कि न्यायपालिका के समक्ष पूरे सबूत और कागजात पेश नहीं हुए हैं और उनमें कई ऐसे साक्ष्य हैं जो कि सामने नहीं आए हैं और उसी आधार पर कोर्ट ने फैसला किया है. जब छोटे-छोटे बिंदुओं पर सीबीआई जांच करेगी तो यह दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
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आरोपी पक्ष ने हाईकोर्ट में की है अपील
वही भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में महाराज के सेवादार शरद की ओर से वकील धर्मेंद्र गुर्जर का कहना है कि इस मामले में महाराज के सेवादार जिन्हें आरोपी बनाया गया है, उन्होंने भी सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन उनकी मांग के तुरंत बाद ही उन्हें इस मामले में आरोपी बना दिया गया. आरोपी सेवादार शरद भी चाहते हैं कि इस मामले में सीबीआई जांच हो. साथ ही उनका यह भी कहना है कि इस मामले को वह उच्च न्यायालय लेकर जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक, यदि सुनाई गई सजा का आधा समय कोर्ट प्रोसीडिंग्स के दौरान आरोपी द्वारा काट ली जाए तो उसे जमानत मिलने का अधिकार है. इन्हीं सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर वह हाईकोर्ट में अपील कर चुके हैं जिसकी सुनवाई कुछ समय में होगी.
(Bhayyu Maharaj Suicide Case)