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हेयर विग बना गंजे लोगों के लिए वरदान, नकली बाल लगाने का कारोबार करोड़ों के पार - hair export from tirupati temple

हर इंसान चाहता है कि उसके बाल सुंदर,काले, लंबे और मजबूत हों. लेकिन आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हेयर फॉल सबसे बड़ी समस्या है. महंगा से महंगा शैंपू यूज करने पर भी बाल झड़ने की समस्या खत्म नहीं होती है. इसलिए लोग आजकल हेयर विग का सहारा ले रहे हैं. वैसे तो हेयर विग आमतौर पर इंसानों के बाल और सिंथेटिक बालों से ही बनी होती है लेकिन इनमें भी वैरायटी आपको मिल जाती है. बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया भर में बाल एक्सपोर्ट करने का बड़ा केंद्र है.

Best look of hair style in Indore
हेयर विग बना गंजे लोगों के लिए वरदान
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Published : Mar 27, 2023, 10:09 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 10:31 PM IST

हेयर विग बना गंजे लोगों के लिए वरदान

इंदौर। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक झड़ते बालों से हर कोई परेशान है. यही वजह है कि इस समस्या का समाधान न मिलने पर दुनिया भर के लोग अब गंजेपन को लेकर तरह-तरह की हेयर स्टाइल के लिए हेयर विग का सहारा ले रहे हैं. इतना ही नहीं विभिन्न कारणों से अपने बाल खो चुके गंजों के बीच हेयर विग अब स्टेटस सिंबल बन चुका है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश में ही नकली बाल लगाने का कारोबार अब करोड़ों के आंकड़े को भी पार कर गया है.

देशभर में गंजेपन से जूझ रहे लोग: दरअसल प्रदूषण समेत स्वास्थ्य आधारित अनुवांशिक कारणों से देशभर में गंजेपन का शिकार लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है. इनमें 17 साल के युवा से लेकर 70 साल के बुजुर्ग शामिल हैं. इतना ही नहीं कैंसर का शिकार होने वाली वे महिला मरीज जो कीमोथेरेपी के कारण अपने बाल खो देती हैं वह भी गंजेपन की त्रासदी से जूझ रही हैं. कोरोना काल के बाद देशभर में तेजी से लोग गंजेपन का शिकार हुए हैं. इन हालातों में अब ऐसे तमाम लोगों के लिए हेयर विग लगाने का कारोबार उनके स्टेटस सिंबल का सहारा है.

स्टेटस सिंबल बना हेयर विग: मध्य प्रदेश में ही बीते एक दशक में एक हजार के करीब इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं जो लोगों को गंजेपन से मुक्ति दिलाकर उन्हें हेयर बिग लगा रही हैं. इंदौर जैसे शहर में इस कारोबार से जुड़े दीपक सोनी बताते हैं कि ''किसी जमाने में नकली बाल लगाने को अच्छा नहीं माना जाता था. लेकिन अब हेयर विग और स्टाइलिश हेयर, युवा से लेकर प्रौढ़ और बुजुर्गों तक के स्टेटस सिंबल बन चुके हैं, जिसकी मांग तेजी से बढ़ी है. इंदौर में ही स्थिति यह है कि शहर का हर पांचवा व्यक्ति अब गंजेपन के कारण हेयर विग लगाकर अपनी हेयर स्टाइल को बरकरार रखे हुए है''.

तिरुपति बालाजी में हर साल 400 करोड़ का टेंडर: तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा बाल अर्पित करने की परंपरा के फलस्वरुप तिरुपति मंदिर दुनिया भर में बाल एक्सपोर्ट करने का बड़ा केंद्र है. तिरुपति से सालाना 400 करोड़ रुपए के बाल यूरोप, वियतनाम और चीन जैसे देशों को एक्सपोर्ट होते हैं. जहां से बालों को विग के लिए तैयार करके फिर दुनिया के विभिन्न देशों में भेजा जाता है. फिलहाल चीन द्वारा ही सबसे ज्यादा बाल विभिन्न देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. मध्यप्रदेश में इंदौर जैसे शहर में ही दर्जनों बड़ी यूनिट हैं. जहां लोगों की जरूरत के मुताबिक विग तैयार करके 8000 से लेकर ₹50000 तक के हेयर विग उपलब्ध कराने की सुविधा है, जो 1 घंटे में तैयार भी हो जाती है. हेयर एक्सपर्ट बताते हैं कि ''सामान्य तौर पर यह है वह स्क्रीन फ्रेंडली होती है लेकिन हर 3 से 4 महीने में इसका मामूली मेंटेनेंस कराना होता है जिसका जीवन भर उपयोग किया जा सकता है''.

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लंबे बालों की सर्वाधिक मांग: दरअसल कीमोथेरेपी और अन्य विभिन्न कारणों से गंजी हो जाने वाली महिलाओं की हेयर विग काफी महंगी होती है. लेडीज हेयर विग में 18 से लेकर 40 इंच तक के बाल हो सकते हैं, जो सबसे महंगे बिकते हैं. हालांकि एक हेयर विग में करीब डेढ़ सौ ग्राम तक का वजन होता है, जिसमें बाल उनका कलर और स्टाइल संबंधित ग्राहक अथवा उपयोग करने वाले की पसंद के आधार पर तैयार होता है. यही वजह है कि अब विभिन्न क्षेत्रों में फुटकर बाल खरीदने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जो स्थानीय स्तर पर हेयर विग बनाने वाली यूनिट को बालों की बिक्री करते हैं.

हेयर विग बना गंजे लोगों के लिए वरदान

इंदौर। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक झड़ते बालों से हर कोई परेशान है. यही वजह है कि इस समस्या का समाधान न मिलने पर दुनिया भर के लोग अब गंजेपन को लेकर तरह-तरह की हेयर स्टाइल के लिए हेयर विग का सहारा ले रहे हैं. इतना ही नहीं विभिन्न कारणों से अपने बाल खो चुके गंजों के बीच हेयर विग अब स्टेटस सिंबल बन चुका है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश में ही नकली बाल लगाने का कारोबार अब करोड़ों के आंकड़े को भी पार कर गया है.

देशभर में गंजेपन से जूझ रहे लोग: दरअसल प्रदूषण समेत स्वास्थ्य आधारित अनुवांशिक कारणों से देशभर में गंजेपन का शिकार लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है. इनमें 17 साल के युवा से लेकर 70 साल के बुजुर्ग शामिल हैं. इतना ही नहीं कैंसर का शिकार होने वाली वे महिला मरीज जो कीमोथेरेपी के कारण अपने बाल खो देती हैं वह भी गंजेपन की त्रासदी से जूझ रही हैं. कोरोना काल के बाद देशभर में तेजी से लोग गंजेपन का शिकार हुए हैं. इन हालातों में अब ऐसे तमाम लोगों के लिए हेयर विग लगाने का कारोबार उनके स्टेटस सिंबल का सहारा है.

स्टेटस सिंबल बना हेयर विग: मध्य प्रदेश में ही बीते एक दशक में एक हजार के करीब इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं जो लोगों को गंजेपन से मुक्ति दिलाकर उन्हें हेयर बिग लगा रही हैं. इंदौर जैसे शहर में इस कारोबार से जुड़े दीपक सोनी बताते हैं कि ''किसी जमाने में नकली बाल लगाने को अच्छा नहीं माना जाता था. लेकिन अब हेयर विग और स्टाइलिश हेयर, युवा से लेकर प्रौढ़ और बुजुर्गों तक के स्टेटस सिंबल बन चुके हैं, जिसकी मांग तेजी से बढ़ी है. इंदौर में ही स्थिति यह है कि शहर का हर पांचवा व्यक्ति अब गंजेपन के कारण हेयर विग लगाकर अपनी हेयर स्टाइल को बरकरार रखे हुए है''.

तिरुपति बालाजी में हर साल 400 करोड़ का टेंडर: तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा बाल अर्पित करने की परंपरा के फलस्वरुप तिरुपति मंदिर दुनिया भर में बाल एक्सपोर्ट करने का बड़ा केंद्र है. तिरुपति से सालाना 400 करोड़ रुपए के बाल यूरोप, वियतनाम और चीन जैसे देशों को एक्सपोर्ट होते हैं. जहां से बालों को विग के लिए तैयार करके फिर दुनिया के विभिन्न देशों में भेजा जाता है. फिलहाल चीन द्वारा ही सबसे ज्यादा बाल विभिन्न देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. मध्यप्रदेश में इंदौर जैसे शहर में ही दर्जनों बड़ी यूनिट हैं. जहां लोगों की जरूरत के मुताबिक विग तैयार करके 8000 से लेकर ₹50000 तक के हेयर विग उपलब्ध कराने की सुविधा है, जो 1 घंटे में तैयार भी हो जाती है. हेयर एक्सपर्ट बताते हैं कि ''सामान्य तौर पर यह है वह स्क्रीन फ्रेंडली होती है लेकिन हर 3 से 4 महीने में इसका मामूली मेंटेनेंस कराना होता है जिसका जीवन भर उपयोग किया जा सकता है''.

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लंबे बालों की सर्वाधिक मांग: दरअसल कीमोथेरेपी और अन्य विभिन्न कारणों से गंजी हो जाने वाली महिलाओं की हेयर विग काफी महंगी होती है. लेडीज हेयर विग में 18 से लेकर 40 इंच तक के बाल हो सकते हैं, जो सबसे महंगे बिकते हैं. हालांकि एक हेयर विग में करीब डेढ़ सौ ग्राम तक का वजन होता है, जिसमें बाल उनका कलर और स्टाइल संबंधित ग्राहक अथवा उपयोग करने वाले की पसंद के आधार पर तैयार होता है. यही वजह है कि अब विभिन्न क्षेत्रों में फुटकर बाल खरीदने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है, जो स्थानीय स्तर पर हेयर विग बनाने वाली यूनिट को बालों की बिक्री करते हैं.

Last Updated : Mar 27, 2023, 10:31 PM IST
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