इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार के मामले सामने आना कोई नई बात नहीं है. इस बार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में पैसे लेकर काम कराने का एक ऑडियो सुर्खियों में आया है. यह ऑडियो छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता का बताया जा रहा है, जो एक छात्रा से फोन पर बात कर उसे पास कराने व अन्य मामलों को लेकर पैसे की चर्चा कर रहा है. इस पूरे मामले में विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर रेणु जैन ने ऑडियो की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.
छात्रों की परेशानियों को लेकर प्रदर्शन करने व उनके हित में काम करने की बात करने वाले संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक नेता सुर्खियों में हैं. छात्र परिषद के प्रकल्प में डिवीजन के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व नगर महामंत्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह एक छात्रा से पास कराने व विश्वविद्यालय के अन्य कामों को लेकर सौदेबाजी करते नजर आ रहा है.
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता वीरेंद्र सिंह सोलंकी एमबीबीएस की छात्रा से बात कर रहा है और छात्रा को पास कराने के लिए सौदेबाजी हो रही है. ऑडियो में छात्र नेता फेल विद्यार्थियों को 10 से 15 नंबर बढ़ाने की गारंटी दे रहा है. वह यह भी दावा कर रहा है कि रिजल्ट घोषित होने से पहले ही छात्रा को नंबर बता दिए जाएंगे. इसके अलावा कोई यह भी कह रहा है कि वह पहली बार यह काम नहीं कर रहा है, इससे पूर्व भी कहीं काम किए हैं.
ऑडियो में छात्रा कुछ राशि कम करने के लिए भी कह रही है लेकिन छात्र नेता उससे कह रहा है कि उसके लिए कम ही पैसे बताए हैं. छात्रा यह भी कह रही कि पैसे थोड़े कम हो जाते तो कुछ और विद्यार्थी भी जुड़ जाते. वहीं इस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता का कहना है कि जिनके दो सब्जेक्ट हैं उनके लिए वन टू वन बात कर लिए जाएंगे जो भी रहेगा वह कम हो जाएगा.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता के नाम पर वायरल हो रहे ऑडियो को लेकर वीरेंद्र सिंह सोलंकी से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. वहीं इस मामले में एनएसयूआई के विश्वविद्यालय प्रभारी विकास नंदवाना का कहना है कि विश्वविद्यालय में छात्र नेता छात्रों की समस्या सुलझाने की अपेक्षा निजी स्वार्थ को लेकर काम कर रहे हैं, जो कि काफी गलत है. मामले में विश्वविद्यालय को संबंधित लोगों पर कार्रवाई करना चाहिए.
ऑडियो को लेकर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर रेणु जैन का कहना है कि ऑडियो की जांच के बाद ही मामले की सत्यता का पता लगाया जा सकेगा. वहीं मामले में जो लोग संलिप्त होंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि विश्वविद्यालय में बीते दिनों हुए ट्रांसक्रिप्ट फर्जीवाड़े के मामले में अब तक विश्वविद्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसी को देख कर लग रहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा इस पूरे मामले में भी क्या कार्रवाई की जाती है यह देखने लायक होगा.