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निगम को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले सहायक राजस्व अधिकारी-दरोगा निलंबित, विभागीय जांच शुरू

निगम आयुक्त ने नगर निगम को वित्तीय हानि पहुंचाने पर प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी और प्रभारी दरोगा को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

Indore Municipal Corporation
इंदौर नगर निगम
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Published : Sep 2, 2020, 9:37 AM IST

इंदौर। नगर निगम में घूस लेने और निगम को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी और प्रभारी दरोगा को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं. साथ ही निगमायुक्त ने भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

इंदौर नगर निगम के जोन क्रमांक सात के वार्ड क्रमांक 34 में शिकायतकर्ता ने नगर निगम के राजस्व उपायुक्त से मुलाकात कर प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी द्वारा घूस लेने की शिकायत की थी. जिसकी जांच में पाया गया कि प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी धर्मेंद्र जारवाल ने संपत्ति कर के एवज में 1 लाख 25 हजार रुपए नकद लिए हैं, लेकिन उसकी रसीद नहीं दी. साथ ही एक अन्य मामले में 5 गुना पेनाल्टी का प्रकरण बनाकर मुख्यालय नहीं भेजा गया. इस मामले में राजस्व विभाग के प्रभारी दरोगा संजय यादव ने भी वरिष्ठ अधिकारियों को बिना संज्ञान में लाए नया बिल जारी कर दिया. जिसके बाद निगमायुक्त ने घूस लेने और निगम को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी और प्रभारी दरोगा को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.

इस मामले में बिल कलेक्टर शिवेंद्र सिंह ठाकुर की भी सेवा समाप्त करते हुए पारिश्रमिक भुगतान पर रोक लगी दी है. वहीं पूरे मामले में तत्कालीन भवन अधिकारी पीएस कुशवाह और भवन निरीक्षक राकेश शर्मा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, नगर निगम में राजस्व वसूली पर अधिकारियों का खास ध्यान है, लेकिन कई स्थानों से राजस्व वसूली में भारी अनियमितताओं की शिकायतें भी अधिकारियों को मिल रही हैं.

इंदौर। नगर निगम में घूस लेने और निगम को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी और प्रभारी दरोगा को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं. साथ ही निगमायुक्त ने भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

इंदौर नगर निगम के जोन क्रमांक सात के वार्ड क्रमांक 34 में शिकायतकर्ता ने नगर निगम के राजस्व उपायुक्त से मुलाकात कर प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी द्वारा घूस लेने की शिकायत की थी. जिसकी जांच में पाया गया कि प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी धर्मेंद्र जारवाल ने संपत्ति कर के एवज में 1 लाख 25 हजार रुपए नकद लिए हैं, लेकिन उसकी रसीद नहीं दी. साथ ही एक अन्य मामले में 5 गुना पेनाल्टी का प्रकरण बनाकर मुख्यालय नहीं भेजा गया. इस मामले में राजस्व विभाग के प्रभारी दरोगा संजय यादव ने भी वरिष्ठ अधिकारियों को बिना संज्ञान में लाए नया बिल जारी कर दिया. जिसके बाद निगमायुक्त ने घूस लेने और निगम को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले प्रभारी सहायक राजस्व अधिकारी और प्रभारी दरोगा को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.

इस मामले में बिल कलेक्टर शिवेंद्र सिंह ठाकुर की भी सेवा समाप्त करते हुए पारिश्रमिक भुगतान पर रोक लगी दी है. वहीं पूरे मामले में तत्कालीन भवन अधिकारी पीएस कुशवाह और भवन निरीक्षक राकेश शर्मा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, नगर निगम में राजस्व वसूली पर अधिकारियों का खास ध्यान है, लेकिन कई स्थानों से राजस्व वसूली में भारी अनियमितताओं की शिकायतें भी अधिकारियों को मिल रही हैं.

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