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इंदौर की ऐश्वर्या शर्मा बनीं फ्लाइंग ऑफिसर, पिता के सपनों को दिए पंख

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की बेटी ने पिता की मौत के बाद अपने पिता के सपनों को साकार कर दिखाया है. ऐश्वर्या शर्मा का चयन फ्लाइंग ऑफिसर के लिए हो गया है.

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Published : Jan 5, 2021, 10:57 PM IST

Aishwarya Sharma became flying officer
ऐश्वर्या शर्मा बनीं फ्लाइंग ऑफिसर

इंदौर। कहा जाता है कि लक्ष्य को पाने के लिए अगर पूरी ईमानदारी से मेहनत की जाए तो लक्ष्य को जरूर हासिल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है इंदौर शहर की एक बेटी ने, जिसने अपनी पिता की मौत के बाद भी पिता का सपना पूरा किया है. शहर के पास रहने वाली ऐश्वर्या शर्मा ने 50 हजार लोगों को पीछे छोड़ते हुए वायु सेना में ऑफिसर बनने का मुकाम हासिल किया है. ऐश्वर्या शर्मा के पिता का सपना था कि उनकी बेटी भी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करें.

ऐश्वर्या शर्मा बनीं फ्लाइंग ऑफिसर

वायु सेना की तकनीकी शाखा में हुआ चयन

ऐश्वर्या शर्मा ने वायु सेना की संयुक्त प्रवेश परीक्षा 11 में हिस्सा लिया था, जिसमें करीब 50 हजार प्रतिभागी शामिल हुए थे. इन 50 हजार प्रतिभागियों में से 214 प्रतिभागियों का चयन वायु सेना के विभिन्न पदों के लिए किया गया है. इन 214 चयनित प्रतिभागियों में ऐश्वर्या शर्मा भी शामिल हैं. वायु सेना की ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग के बाद ऐश्वर्या विमानों की तकनीकी विभाग में अपनी सेवाएं देंगी.

नेवी में ऑफिसर पिता का था सपना

ऐश्वर्या शर्मा के पिता वीरेंद्र कुमार शर्मा नेवी में ऑफिसर थे. उनका सपना था कि उनकी बेटी भी उन्हीं की तरह देश की सेवा करें. इसी के चलते पिता का सपना साकार करने के लिए ऐश्वर्या ने वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर की तैयारी शुरू दी. दूसरी बार की कोशिश में वे वायु सेना के फ्लाइंग ऑफिसर की तकनीकी शाखा में चयनित हुईं. अब ऐश्वर्या डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद मुख्य रूप से फ्लाइंग ऑफिसर का काम करेंगी.

पढ़ें- केबीसी में पहुंचे आरक्षक विवेक परमार, 'बिग बी' से की ट्रांसफर की अपील

2019 में हुआ था पिता का देहांत

ऐश्वर्या शर्मा का कहना है कि 2019 में पिता का देहांत हुआ था. उसके कुछ समय पूर्व ही मेरा ग्रेजुएशन पूरा हुआ था. पिता के देहांत के बाद घर पर सिर्फ मां और हम दो बहने हैं. पिताजी के सपने के लिए मैंने वायु सेना की परीक्षा की तैयारियां शुरू की. पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली. लेकिन हार न मानते हुए तैयारी जारी रखी. जिसके बाद दूसरे प्रयास में सफलता हासिल हुई और वायु सेना में तकनीकी शाखा में चयन हुआ.

विमानों के तकनीकी और रखरखाव का होगा काम

18 महीने की ट्रेनिंग के बाद ऐश्वर्या का काम आधुनिक विमानों और मालवाहक जहाज की मशीनों का रखरखाव का काम होगा. बतौर फ्लाइंग ऑफिसर अपना काम संभालने के लिए उन्हें हैदराबाद एयरपोर्ट एकेडमी में छह महीने की जनरल ट्रेनिंग और एयरफोर्स टेक्निकल कॉलेज बेंगलुरु में 1 साल से ज्यादा समय की ट्रेनिंग लेनी होगी.

चयन प्रक्रिया के दौरान 5 दिनों का हुआ साक्षात्कार

ऐश्वर्या शर्मा का कहना है कि लिखित परीक्षा में चयन होने के बाद 5 दिनों तक उनका साक्षात्कार लिया गया. साक्षात्कार के दौरान उनकी मानसिक और शारीरिक दक्षता की जांच की गई. साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान ग्रुप टास्क, साइकोलॉजिकल टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर उन्हें परखा गया. चयन प्रक्रिया के दौरान कई तरह के टास्क भी उन्हें दिए गए थे, जिन्हें उन्हें पूरा करना था.

पढ़ें- मालेगांव ब्लास्ट मामलाः सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कोर्ट में पेशी से मिली छूट

मेहनत से हासिल किया जा सकता है मुकाम

ऐश्वर्या शर्मा ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण रूप से मेहनत करता है तो सफलता को हासिल कर लेता है. किसी भी तरह की परिस्थितियां सफलता में बाधक नहीं बनती हैं. जरूरत होती है कि हम अपने लक्ष्य की ओर पूरी मेहनत के साथ आगे बढ़ते रहें. आज उन्हें पिता का सपना पूरा करते हुए काफी खुशी हो रही है. हर व्यक्ति जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, उन्हें मेहनत में पीछे नहीं हटना चाहिए. उन्हें सफलता जरूर मिलेगी. अगर वे पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत करते हैं.

इंदौर। कहा जाता है कि लक्ष्य को पाने के लिए अगर पूरी ईमानदारी से मेहनत की जाए तो लक्ष्य को जरूर हासिल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है इंदौर शहर की एक बेटी ने, जिसने अपनी पिता की मौत के बाद भी पिता का सपना पूरा किया है. शहर के पास रहने वाली ऐश्वर्या शर्मा ने 50 हजार लोगों को पीछे छोड़ते हुए वायु सेना में ऑफिसर बनने का मुकाम हासिल किया है. ऐश्वर्या शर्मा के पिता का सपना था कि उनकी बेटी भी सेना में शामिल होकर देश की सेवा करें.

ऐश्वर्या शर्मा बनीं फ्लाइंग ऑफिसर

वायु सेना की तकनीकी शाखा में हुआ चयन

ऐश्वर्या शर्मा ने वायु सेना की संयुक्त प्रवेश परीक्षा 11 में हिस्सा लिया था, जिसमें करीब 50 हजार प्रतिभागी शामिल हुए थे. इन 50 हजार प्रतिभागियों में से 214 प्रतिभागियों का चयन वायु सेना के विभिन्न पदों के लिए किया गया है. इन 214 चयनित प्रतिभागियों में ऐश्वर्या शर्मा भी शामिल हैं. वायु सेना की ट्रेनिंग कैंप में ट्रेनिंग के बाद ऐश्वर्या विमानों की तकनीकी विभाग में अपनी सेवाएं देंगी.

नेवी में ऑफिसर पिता का था सपना

ऐश्वर्या शर्मा के पिता वीरेंद्र कुमार शर्मा नेवी में ऑफिसर थे. उनका सपना था कि उनकी बेटी भी उन्हीं की तरह देश की सेवा करें. इसी के चलते पिता का सपना साकार करने के लिए ऐश्वर्या ने वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर की तैयारी शुरू दी. दूसरी बार की कोशिश में वे वायु सेना के फ्लाइंग ऑफिसर की तकनीकी शाखा में चयनित हुईं. अब ऐश्वर्या डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद मुख्य रूप से फ्लाइंग ऑफिसर का काम करेंगी.

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2019 में हुआ था पिता का देहांत

ऐश्वर्या शर्मा का कहना है कि 2019 में पिता का देहांत हुआ था. उसके कुछ समय पूर्व ही मेरा ग्रेजुएशन पूरा हुआ था. पिता के देहांत के बाद घर पर सिर्फ मां और हम दो बहने हैं. पिताजी के सपने के लिए मैंने वायु सेना की परीक्षा की तैयारियां शुरू की. पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली. लेकिन हार न मानते हुए तैयारी जारी रखी. जिसके बाद दूसरे प्रयास में सफलता हासिल हुई और वायु सेना में तकनीकी शाखा में चयन हुआ.

विमानों के तकनीकी और रखरखाव का होगा काम

18 महीने की ट्रेनिंग के बाद ऐश्वर्या का काम आधुनिक विमानों और मालवाहक जहाज की मशीनों का रखरखाव का काम होगा. बतौर फ्लाइंग ऑफिसर अपना काम संभालने के लिए उन्हें हैदराबाद एयरपोर्ट एकेडमी में छह महीने की जनरल ट्रेनिंग और एयरफोर्स टेक्निकल कॉलेज बेंगलुरु में 1 साल से ज्यादा समय की ट्रेनिंग लेनी होगी.

चयन प्रक्रिया के दौरान 5 दिनों का हुआ साक्षात्कार

ऐश्वर्या शर्मा का कहना है कि लिखित परीक्षा में चयन होने के बाद 5 दिनों तक उनका साक्षात्कार लिया गया. साक्षात्कार के दौरान उनकी मानसिक और शारीरिक दक्षता की जांच की गई. साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान ग्रुप टास्क, साइकोलॉजिकल टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर उन्हें परखा गया. चयन प्रक्रिया के दौरान कई तरह के टास्क भी उन्हें दिए गए थे, जिन्हें उन्हें पूरा करना था.

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मेहनत से हासिल किया जा सकता है मुकाम

ऐश्वर्या शर्मा ETV भारत से बातचीत करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण रूप से मेहनत करता है तो सफलता को हासिल कर लेता है. किसी भी तरह की परिस्थितियां सफलता में बाधक नहीं बनती हैं. जरूरत होती है कि हम अपने लक्ष्य की ओर पूरी मेहनत के साथ आगे बढ़ते रहें. आज उन्हें पिता का सपना पूरा करते हुए काफी खुशी हो रही है. हर व्यक्ति जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, उन्हें मेहनत में पीछे नहीं हटना चाहिए. उन्हें सफलता जरूर मिलेगी. अगर वे पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत करते हैं.

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