इंदौर। शहर में चलने वाले ई रिक्शा का नियंत्रण अब एआईसीटीएसएल अपने हाथ में लेने जा रहा है, इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ई रिक्शा चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूला जाना है. लगातार मिल रही शिकायत के बाद एआईसीटीएसएल बोर्ड में इनका रूट और किराया तय करने के लिए इन्हें बोर्ड के अंतर्गत लेना तय किया है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ 100 ई रिक्शा की शुरूआत किए थे, जिनका संचालन भी महिलाएं ही कर रहीं थी, ये ई रिक्शा शहर में इतने लोकप्रिय हैं कि अब कई इलाकों में निजी ई रिक्शा भी शुरू कर दिए गए हैं. ऐसे में एआईसीटीएसएल के सामने सड़क पर दौड़ते ई रिक्शा को लेकर समस्या खड़ी हो गई है क्योंकि पिछले कई दिनों से एआईसीटीएसएल को ये शिकायतें मिल रही थी कि निजी ई रिक्शा संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. साथ ही ई रिक्शा का रूट तय न होने के चलते शहर में कई स्थानों पर ई-रिक्शा मनमाने तरीके से चल रहे हैं.
लोक परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ये ई रिक्शा शुरु किया गया था, ताकि आम जनता अपने घर से बस स्टैंड तक ई रिक्शा के माध्यम से पहुंच सके, लेकिन रूट तय न होने के चलते ये ई रिक्शा भी मुख्य मार्गों पर चलने लगे, अब एआईसीटीएसएल बोर्ड में ये निर्णय लिया गया है कि सभी ई रिक्शा का रूट तय किया जाएगा, ताकि आम जनता को लोक परिवहन से सीधे घर से जोड़ा जा सके. साथ ही इन ई रिक्शा का किराया भी रूट के हिसाब से एआईसीटीएसएल तय करेगा.