इंदौर। लसूड़िया थाना क्षेत्र में तकरीबन 9 साल पहले संजय ठाकरे की हत्या पूर्व सरपंच के पति सहित अन्य लोगों ने कर दी थी. संजय ठाकरे की हत्याकांड में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. इस बात की जानकारी जैसे ही महाराष्ट्र में बैठे संजय ठाकरे के परिजनों को लगी तो इंदौर पहुंचे और आईजी योगेश देशमुख से मुलाकात की. न्याय नहीं मिलने से परेशान परिजनों ने आईजी के सामने सालों पहले हुई हत्याकांड के सभी बिंदुओं की बातें रखी. साथ ही तत्कालीन समय के अधिकारियों की भूमिका की शिकायत भी आईजी योगेश देशमुख से की. मुलाकात के बाद आईजी ने ठाकरे परिवार के लोगों को आश्वासन दिया है कि वह मामले की बारीकी से जांच पड़ताल के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. आईजी ने पूरे परिवार के हर सदस्य से बात की.
कोर्ट में गवाहों ने बदले थे बयान
संजय ठाकरे के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने इस पूरे मामले में 26 गवाहों को गवाही के लिए तैयार किया था, लेकिन पूरे घटनाक्रम में दो प्रत्यक्षदर्शी गवाह थे. पर वही प्रत्यक्षदर्शी गवाह कोर्ट में गवाही देने के समय पलट गए. जिसके कारण आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया. परिजनों का आरोप है कि मुख्य आरोपी पूर्व सरपंच के पति किशोर पटेल व अन्य लोगों ने मिलकर इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिया था. अब इस पूरे मामले को लेकर जहां परिजन गवाहों को पैसे लेने के बाद पलट जाने के आरोप लगा रहे हैं वहीं आईजी से गुहार भी लगा रहे हैं कि पूरे मामले का एक बार फिर जांच करवाई जाए.
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आईजी बोले - केस की काॅपी मिलने के बाद कुछ कह पाएंगे
आईजी से मुलाकात करने संजय ठाकरे की दोनों बेटियां भी परिजनों के साथ पहुंची थी. इसी दौरान आईजी ने संजय ठाकरे की दोनों बेटियों से बात की वह उनके पढ़ाई से संबंधित जानकारी ली. संजय ठाकरे की बेटियों ने डीआईजी से गुहार लगाई कि जो दोषी है उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. बेटियों के द्वारा गुहार लगाने के बाद आईजी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जरूरी इस पूरे मामले में कोर्ट के आदेश की कॉपी पढ़ने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
क्या था पूरा मामला ?
दरअसल, लसूड़िया थाना क्षेत्र में एक अप्रैल 2011 को संजय ठाकरे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस पूरे मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूरे मामले में 10 लोगों को आरोपी बनाया था. जिनमें से 9 लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी पहुंचा दिया गया था. वहीं एक आरोपी लगातार फरार चल रहा था. इस पूरे मामले में कोर्ट के समक्ष तकरीबन पुलिस ने 26 से अधिक गांवों को भी खड़ा किया गया था, लेकिन प्रत्यक्षदर्शी के तौर पर दो ही गवाह थे. जिसके बाद पूरे मामले में इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान दो गवाहों के पलट जाने के बाद आरोपियों को बरी कर दिया गया. इस पूरे मामले की जानकारी जैसे ही परिजनों को लगी जी तो सभी आईजी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे और आईजी से न्याय की गुहार लगाई.
घटना के बाद परिजन हो गए थे महाराष्ट्र शिफ्ट
संजय ठाकरे कि जब हत्या हुई थी उसके बाद हत्या के बाद संजय ठाकरे के परिजनों को भी लगातार धमकियां मिली थी. धमकियों से परेशान होकर संजय ठाकरे का पूरा परिवार महाराष्ट्र में शिफ्ट हो गया. आरोपियों के बरी होने के बाद परिजनों ने आईजी से मुलाकात कर फिर से जांच करवाने के लिए ज्ञापन दिया है. संजय ठाकरे की पत्नी का भी कहना है कि पति की मौत के बाद उनके आर्थिक हालात काफी खराब हो चुके हैं ताकि पेंशन पर उनका गुजर बसर हो रहा है. वहीं संजय ठाकरे की दो बेटियां हैं और वह भी विभिन्न तरह से काम कर अपना गुजर बसर कर रही है.