इंदौर। रविवार सुबह हत्या और लूट के मामले में देपालपुर जेल में बंद 4 कैदियों ने जेल ब्रेक करने की कोशिश की थी, वह जेल को ब्रेक कर ही चुके थे. लेकिन इसी दौरान वहां के ग्रामीणों और पहरियों की सतर्कता के चलते जेल ब्रेक करने वाले कैदियों को तत्काल प्रभाव से पकड़ लिया गया.
वहीं जब पूरे मामले की सूचना आला अधिकारियों तक पहुंची, तो जेल मुख्यालय ने पूरे मामले की जांच सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश भागरे को सौंपी. राकेश भांगरे पूरे मामले की जांच पड़ताल करने के लिए मौके पर पहुंचे और वहां के कैदियों के बयानों के साथ ही पहरियों के भी बयान दिए.
इस दौरान उन्हें कई तरह की खामियां वहां पर नजर आईं. इन्हीं खामियों को देखते हुए जेल अधीक्षक ने अपनी जांच रिपोर्ट जेल मुख्यालय भेजी और वहां से मिले निर्देशों के बाद जेल अधीक्षक ने देपालपुर जेल में पदस्थ सहायक जेलर को उनके पद से हटाकर उन्हें इंदौर के क्वॉरेंटाइन सेंटर की जिम्मेदारी सौंप दी गई. उनकी जगह इंदौर की सेंट्रल जेल में पदस्थ सहायक जेलर को यहां पदस्थ किया गया है.
वहीं पूरे मामले की जांच पड़ताल भी की जा रही है. जेल अधीक्षक राकेश भांगरे की मानें तो घटना रविवार सुबह की थी और देर रात ही चारों कैदियों ने बैरक में जेल ब्रेक की योजना बना ली थी और उसे अंजाम तक पहुंचा भी चुके थे. लेकिन जेल पहरियों के पास से उन्हें चाबी नहीं मिली, जिसके कारण वह मेन गेट से नहीं निकल पाए और उन्होंने जेल की दीवार को फांदने का निर्णय लिया.
जेल की दीवारें फांदने के दौरान एक कैदी को चोट लग गई. वहीं अन्य कैदी जब वहां से निकल रहे थे तो उन्हें भागते हुए ग्रामीणों ने देख लिया. जिसके कारण उन्होंने पहले पुलिस को और फिर जेल पहरियों को सूचना दी और तत्काल चार कैदियों को पकड़ लिया. जेल पुलिस ने थाने पर भी पूरे मामले की शिकायत की और चारों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया. वहीं चारों को देपालपुर जेल से हटाकर इंदौर की सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.