इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी एक तरफ कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है, तो वहीं दूसरी तरफ इस आपदा में भी बदमाशों का गोरखधंधा लगातार जारी है. पहले तो इंदौर में सिर्फ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब गोरखधंधा चलाने वाले इन इंजेक्शन्स में ग्लूकोज भरकर बेचने लगे हैं. लसूड़िया थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को पकड़ भी लिया है, जिनसे पूछताछ की जारी है. वहीं मामले को गंभीरता से देखते हुए पुलिस ने बारीकी से जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
रेमडेसिविर इंजेक्शन में ग्लूकोज भरकर बेच रहे बदमाश
पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक फरियादी ने लसूड़िया थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. फरियादी ने बीस-बीस हजार रुपए में अंजाने में ये ग्लूकोज वाले इंजेक्शन खरीद लिए थे. फरियादी जब डॉक्टर के पास पहुंचा तो डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया. डॉक्टर ने बताया कि इंजेक्शन में ग्लूकोज भरा हुआ है. जिसके बाद फरियादी ने शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के मामले पुलिस ने मामले की फौरन जांच शुरू की. इस दौरान लसूड़िया थाना पुलिस के हाथ उज्जवल पटेल और अमित अवस्थी नाम के दो आरोपी पकड़ाए, जबकि तीन आरोपियों को क्राइम बांच में पकड़ा है.
क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े तीन आरोपी
मामले में क्राइम ब्रांच ने अलग से तफ्तीश शुरू की थी. इस दौरान इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए 3 आरोपियों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. मानसिंह मीणा, अंकित पटवारी और बजरंग राठौर नाम के आरोपी टीम के हत्थे चढ़े. ये तीनों आरोपी सनराइज हॉस्पिटल के सामने रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की योजना बना रहे थे. लेकिन पुलिस ने आरोपियों को पहले ही पकड़ लिया. हालांकि क्राइम ब्रांच की टीम लगातार मामले की जांच में लगी हुई है. कई बड़े खुलासे होने की भी उम्मीद है.