इंदौर। हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में आर्थिक लेनदेन के मामले में एक आरोपी द्वारा जमानत याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी को जमानत भी दे दी है, लेकिन इसके बावजूद भी आरोपी जेल से बाहर नहीं आ पाया.
बता दें कि, इस पूरे मामले में 22 दिसंबर को सुनवाई हुई थी. आरोपी को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जमानत भी दे दी है, लेकिन आज 16 दिन बीत जाने के बाद भी याचिकाकर्ता जेल से बाहर नहीं निकल पाया है. इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि आदेश में केस का नंबर गलत लिखा हुआ है. गलत नंबर होने से निचली अदालत ने जमानत लेने से इनकार कर दिया. वहीं इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस मेंशन की अर्जी स्वीकार नहीं किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं. इस वजह से त्रुटि सुधार अर्जेंट सुनवाई के मामले नहीं लग पा रहे हैं.
पत्नी की तबीयत खराब होने के चलते पति को मिली थी जमानत
जेल में बंद आरोपी ने इंदौर खंडपीठ के सामने अधिवक्ता अनिल ओझा के माध्यम से जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था. आवेदन में जमानत के लिए यह तर्क रखा गया था कि आरोपी की पत्नी की तबीयत काफी खराब है. उसे जमानत दी जाए. कोर्ट ने अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को 90 दिनों की जमानत दी, लेकिन 16 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी जेल से बाहर नहीं आ पाया.
मेंशन के तहत जल्द होती है केसों में सुनवाई
बता दें कि, किसी मामले को जल्दी सुनवाई करनी हो, तो वकील द्वारा मेंशन दायर की जाती है. मेंशन दायर करने के बाद उस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई होती है, लेकिन गलतियों में सुधार नहीं हो पा रहा है. इसके चलते आरोपी को अब तक जमानत नहीं मिल पाई है, क्योंकि उसके जमानत आदेश में केस नंबर गलत लिखा हुआ है. वहीं अब वकील द्वारा मेंशन के तहत एक याचिका दायर की जाएगी. उसके बाद कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई कर गलतियों को सुधारेगी.