इंदौर। बड़गोंदा उप रेंज से भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जब्त वाहन छुड़वाने के मामले में महू रेंजर ने रिपोर्ट बनाई है, जिसमें पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर की वहां मौजूदगी नहीं बताई है. जबकि वाहन लेने के बाद वनकर्मियों ने अपने बचाव के लिए बनाए पंचनामे में मंत्री ठाकुर के नाम का उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट के बाद अब उसमें से मंत्री का नाम हटाना है. मगर नया पेंच वनपाल ने फंसा दिया है। थाने में आवेदन देने वाला वनपाल नाम हटाने को तैयार नहीं है. उधर जांच अधिकारी भी मामले को नया मोड़ देने में लगे हैं. इसी बीच आम आदमी पार्टी ने इंदौर डीईजी को इसको लेकर आपत्ति जताई है. साथ ही ज्ञापन सौंपते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.
दरसअल यह मामला 2 दिन पूर्व महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र का है. जहां पर डिप्टी रेंजर राम सुरेश दुबे ने एक आवेदन बड़गोंदा थाना प्रभारी को सौंपा था. जिसमें मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थक के खिलाफ डकैती डालने के आरोप लगाए थे.
बड़गोंदा पुलिस थाने में वन विभाग की तरफ से एक आवेदन दिया गया था. उसमें मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थकों पर जब्त की गई जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाने का आरोप है. मामला क्षेत्र के आड़ा पहाड़ का है, जहां पिछले दिनों बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा था.
10 जनवरी को वन क्षेत्र महू की बड़गौंदा बीट के कक्ष क्रमांक 66 में अवैध रूप से खुदाई की जा रही थी. यहां से निकलने वाली मुरम बिना अनुमति के ही सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी. शिकायत मिलने पर इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक जेसीबी क्रमांक एमपी 41 एचई 05 76, ट्रैक्टर और ट्रॉली को जब्त कर प्रकरण कायम किया और इन वाहनों को वन परिसर में लाकर खड़ा कर दिया गया. इन्ही वाहनों को जबरन उठा ले जाने का आरोप है.
मध्यप्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर पर डकैती के आरोप लगने के बाद प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने मामले में जांच के आदेश दिए थे. मंत्री विजय शाह ने कहा कि पूरे मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वसन दिया था.