इंदौर। राखी का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है. आर्टिकल- 370 हटने के बाद इस बार त्योहार की खुशी दोगुनी हो गई है. शहर के एक परिवार ने जहां भगवान गणेश के लिए विशेष पैंतालीस इंच लम्बी राखी बनाई है ,जिसमें न सिर्फ़ वैदिक मंत्रों को दर्शाया गया है, बल्कि जम्मू काश्मीर के भारत में पूर्ण विलय होने के कारण इसे अखंड भारत की थीम पर बनाया गया है.
भगवान गणेश के लिए अखंड भारत की थीम पर बनाई गई पैंतालीस इंच लम्बी राखी
इंदौर के पालरेचा परिवार ने भगवान गणेश के लिए पैंतालीस इंच लम्बी राखी बनाई है. आर्टिकल- 370 हटने के बाद राखी की थीम अखंड भारत रखी गई है.
भगवान गणेश के लिए अखंड भारत की थीम पर बनाई गई पैंतालीस इंच लम्बी राखी
इंदौर। राखी का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है. आर्टिकल- 370 हटने के बाद इस बार त्योहार की खुशी दोगुनी हो गई है. शहर के एक परिवार ने जहां भगवान गणेश के लिए विशेष पैंतालीस इंच लम्बी राखी बनाई है ,जिसमें न सिर्फ़ वैदिक मंत्रों को दर्शाया गया है, बल्कि जम्मू काश्मीर के भारत में पूर्ण विलय होने के कारण इसे अखंड भारत की थीम पर बनाया गया है.
Intro:इंदौर, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व आज है ...यदि बात की जाए इंदौर की तो यहाँ इस पर्व को खास अंदाज़ में मनाया जाता है ...यहां शहर का एक परिवार हर साल खजराना गणेश के लिए सबसे बड़ी राखी का निर्माण करता है ...जिसे राखी के दिन सुबह सबसे पहले खजराना मंदिर में अर्पित कर इस त्योहार का श्री गणेश किया जाता है ...इस बार भी इस परिवार ने गौरीपुत्र के लिए विशेष और विशाल राखी बनाई है ...जो न सिर्फ़ वैदिक मंत्रों पर आधारित है बल्कि ये राखी धारा 370 हटाए जाने के बाद अखंड भारत के साकार होते सपने का संदेश भी प्रस्तुत कर रही है । Body:दरअसल इंदौर का पालरेचा परिवार बीते 16 साल से खजराना स्थित सिद्धिविनायक गणेश के लिए विशाल राखी का निर्माण करता आ है इस साल भी इस परिवार ने मंगलमूर्ति के लिए पैंतालीस इंच लम्बी और इतने ही इंच चौड़ी राखी का निर्माण किया है सबसे बड़ी राखी की परम्परा को निभाते हुए पालरेचा परिवार ने इस बार भी विशेष थीम से सजी राखी बनाई है ...इस राखी में भारत के हिंदू धर्म से जुड़े वैदिक मंत्रों के न सिर्फ़ दर्शन होते है ...बल्कि राखी से ही वैदिक मंत्रों की गूँज भी सुनाई देती है ...राखी में सूखे मेवों के साथ ही कई जड़ी-बूटियों और गंगा जल को भी स्थान दिया गया है ...जबकि इस बार की राखी कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद अखंड भारत के सपने को साकार होता भी दिखा रही है । हर साल तैयार वाली इस राखी के लिए पूरा परिवार एक साथ जुटता है और करीब एक महीने की मेहनत के बाद राखी का स्वरूप निखर कर सामने आता है ...हर वर्ष की तरह इस साल भी पालरेचा परिवार ढोल-ढ़माकों के साथ सुबह सात बजे खजराना मंदिर पहुँचेगा ..जहाँ प्रथम पूज्य गणेश जी को राखी अर्पित की जाएगी ...इस आयोजन के साथ ही गणेश जी से अखंड भारत की शांति और समृद्धि की कामना भी की जाएगी ।Conclusion:बाईट-नेहा पालरेचा,सदस्य,पालरेचा परिवार