इंदौर। देश में गेहूं के बंपर उत्पादन के कारण कृषि कर्मण अवार्ड लेने वाला मध्य प्रदेश अब खेतों के सीमित दायरे में सर्वाधिक उत्पादन करने की तैयारी में है. यही वजह है कि इंदौर के गारी पिपलिया गांव में ऐसी किस्म की गेहूं की पैदावार की गई है जिसकी बदौलत इस बार गांव के किसान 1 हेक्टेयर में 80 से 90 क्विंटल गेहूं की उपज कर सकेंगे. वहीं इंदौर पहुंचकर गृह मंत्री बाला बच्चन, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और कृषि मंत्री सचिन यादव ने इसका जायजा लिया.
वर्तमान में भौगोलिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश के मध्य प्रदेश से बड़े होने के कारण वहां सर्वाधिक गेहूं का उत्पादन हो रहा है. इसके अलावा पंजाब हरियाणा जैसे राज्य गेहूं के उत्पादन में मध्यप्रदेश से आगे रहे हैं.मध्य प्रदेश से ही गेहूं की अलग-अलग किस्में विकसित होने के कारण देशभर में गेहूं का उत्पादन बढ़ रहा है.
अब मध्य प्रदेश को गेहूं उत्पादन में शीर्ष स्थान पर लाने के लिए इंदौर के गेहूं अनुसंधान केंद्र ने गेहूं की 'तेजस' नामक फसल विकसित की है. जिसे इंदौर जिला प्रशासन की पहल पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत 150 हेक्टेयर इलाके में पहली बार लगाया गया है. हालांकि गेहूं की फसल आने में अभी समय है. लेकिन अपने खेतों में लहलहा रही उन्नत केस की फसल को देखकर किसानों को उम्मीद है कि इस बार वे अपने खेतों से सर्वाधिक उपज ले पाएंगे.