इंदौर। सबसे स्वच्छ शहर कहे जाने वाले इंदौर में बीते दिन बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार की घटना सामने आई थी. इस घटना में नगर निगम की जांच में 6 मस्टरकर्मी दोषी पाए गए हैं. मामले की रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंपी गई है. इन 6 मस्टरकर्मियों पर भी अब जल्द ही कार्रवाई की बात कही जा रही है.
6 और मस्टर कर्मियों को दिया गया दोषी करार
इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य द्वारा यह जांच रिपोर्ट निगमायुक्त को सौंपी गई. इस जांच में निगम के 6 और मस्टरकर्मी दोषी पाए गए हैं. जिनकी लापरवाही और बुजुर्गों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करने के कारण नगर निगम की छवि धूमिल हुई. अब इन सभी 6 मस्टरकर्मियों की सेवाएं समाप्त की जाएगी. जांच में उपायुक्त सोलंकी को भी दोषी पाया गया है. सोलंकी ने लापरवाही के कारण बिना किसी सक्षम स्वीकृति के बावजूद बुजुर्गों को रेन बसेरा पहुंचाने के बजाय शहर से बाहर ले जाया गया था. सोलंकी के खिलाफ विभागीय जांच भी की जा रही है.
यह था पूरा मामला
इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा कुछ बुजुर्गों को ट्रक में बैठाकर उन्हें नगर निगम की सीमा से बाहर शिप्रा के पास छोड़ने का वीडियो वायरल हुआ था. ग्रामीणों द्वारा यह वीडियो बनाए गए थे. जिसके बाद नगर निगम की आलोचना पूरे देश भर में हुई थी. इस मामले में दो कर्मचारियों को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. वहीं मुख्यमंत्री द्वारा उपायुक्त प्रताप सोलंकी को सस्पेंड किया गया था. अब इस पूरे मामले में 6 और मस्टर कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी.
फिलहाल मामले में जल्द ही कार्रवाई करने की बात जरूर कही जा रही हो लेकिन निगम ने उपायुक्त के अलावा अपने सभी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी है. जबकि इस मामले में एक अपर आयुक्त और एक अन्य उपायुक्त की भूमिका की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही थी