इंदौर। गुरुवार को इंदौर में भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ICSI का 48वां राष्ट्रीय कन्वेंशन आयोजित किया गया. यह कन्वेंशन तीन दिनों तक जारी रहेगा. 48 सालों में यह पहली बार है, जब यह आयोजन मध्य प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है. इस आयोजन में देशभर कि कई नामी हस्तियां शामिल होंगी. आयोजन में कोरोना गाइडलाइन का विशेष तौर पर पालन किया जा रहा है.
शहर के बाईपास स्थित अंबर कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कन्वेंशन शुरू हुआ है. आयोजन की शुरुआत में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और इंदौर सांसद शंकर लालवानी शामिल हुए. यह पहली बार है जब भारतीय कंपनी सचिव संस्थान का राष्ट्रीय अधिवेशन इंदौर में आयोजित किया जा रहा है.
सुशासन विषय पर हुई विशेष चर्चा
राष्ट्रीय कन्वेंशन में सुशासन पर विशेष चर्चा आयोजित की गई. जिसमें गांव से लेकर देश के उच्चतम स्तर तक कैसे सुशासन की स्थितियां बनाई जा सकती हैं, साथ ही सुशासन के लिए तय किए गए मापदंडों का किस तरह से पालन किया जा सकता है, इस विषय पर विशेष चर्चा आयोजित की गई. यह आयोजन फ्रॉम ग्रासरूट्स टू ग्लोबल की थीम पर आयोजित किया गया है.
ऑनलाइन जुड़ेंगे 4000 से ज्यादा लोग
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष गर्ग के मुताबिक यह आयोजन दो तरह से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए आयोजन में सीधे तौर पर सिर्फ 200 लोग शामिल हो रहे हैं. वहीं ऑनलाइन करीब 4000 लोग इस आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं, जिनमें कई विद्यार्थी और सीएस के सदस्य शामिल हैं.
शहीद जवानों की बेटियों कि की जाएगी सहायता
बीते दिनों भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ने एक शुरुआत की थी, जिसमें सेना के शहीद जवानों की बेटियों की मदद करने का फैसला लिया गया था. इसके तहत अब तक संस्थान ने करीब 25 लाख रुपए की मदद की जा चुकी है, वहीं आने वाले दिनों में भी कई और नए कदम उठाए जाएंगे. संस्थान ने नवाचार करते हुए आयोजनों में दिए जाने वाले प्रतीक चिन्ह की जगह अतिथियों को पौधा देने का निर्णय लिया था. वहीं प्रतीक चिन्ह से बचने वाली राशि इस योजना में देने का निर्णय लिया गया है.
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के इस राष्ट्रीय कन्वेंशन में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए. अर्जुन राम मेघवाल को संस्था ने पूर्व में मानद उपाधि दी है. मंत्री मेघवाल का कहना है कि मानद उपाधि मिलने के बाद वे खुद को इसका सक्रिय सदस्य मानते हैं. इसी के चलते वह इस आयोजन में शामिल होते हैं.
1971 युद्ध में शहीद सैनिक परिवारों के बच्चों को पढ़ाने के लिए संस्थान करें काम
कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री मेघवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एक सदस्य के नाते यह प्रस्ताव रखना चाहता हूं कि संस्था शहीद परिवारों के मदद के लिए काम करें. जो-जो सैनिक 1971 के युद्ध में शहीद हुए थे, उनकी संख्या करीब 3900 है. इन 3900 सहित परिवारों में जो लोग सक्षम नहीं है, उनके बच्चों को पढ़ाने का कार्य संस्थान को करना चाहिए. इस मामले में राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष गर्ग का कहना है कि मंत्री अनिल के प्रस्ताव पर जल्द ही चर्चा की जाएगी.